नई दिल्ली, 17 अगस्त, 2023 : उर्जा महारत्न ने अपने कम-कार्बन ऊर्जा पोर्टफोलियो का पैमाना बढ़ाने के लिए सशक्त योजनाएं बनाई हैं। 15 अगस्त 2023 को स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री जी के भाषण के दौरान नवीकरणीय ऊर्जा पर प्रस्तुत किए गए दृष्टिकोण के अनुरूप ओएनजीसी भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की दिशा में प्रयासरत है और 2030 तक देश के कार्बन उत्सर्जन में 1 बिलियन टन की कटौती लाने तथा कार्बन गहनता को 45 फीसदी तक कम करने में योगदान दे रही है।
ओेएनजीसी पिछले सालों के दौरान कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए विकाबोर्नीकरण की दिशा में अग्रणी रही है। अपने कोर संचालन में स्थायी प्रथाओं को अपनाते हुए कंपनी पिछले 5 सालों में स्कोप-1 और स्कोप -2 उत्सर्जन में 17 फीसदी कमी लाने में सक्षम रही है। कंपनी वित्तीय वर्ष 23 में उत्सर्जन में 2.66 फीसदी कमी लाई है। कंपनी ने 2038 तक स्कोप 1 और स्कोप 2 के लिए शुद्ध शून्य के लक्ष्यों को हासिल करने और कार्बन फुटप्रिन्ट में कमी लाने के लिए हरित पहलों पर व्यय बढ़ाने की योजना भी बनाई है।
ओएनजीसी कार्बन उत्त्सर्जन में कमी लाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया एवं हरित हाइड्रोजन के अन्य व्युत्पन्नों में भी साझेदारियां कर रही है। ऑयल टू कैमिकल, रिफाइनिंग और पेट्रोकैमिकल सेक्टर में कंपनी की सामरिक साझेदारियां भारत के उर्जा लक्ष्यों को हासिल करने में ओएनजीसी की प्रतिबद्धता की पुष्टि करती हैं।
ओएनजीसी ने भारत में दो ग्रीन-फील्ड ओ2सी प्लांट स्थापित करने की योजना भी बनाई है। कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा एवं कम कार्बन सेक्टरों में अवसरों पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। ओएनजीसी इस दशक के अंत तक अपनी विभिन्न हरित पहलों पर तकरीबन 1 ट्रिलियन का निवेश करेगी। साथ ही कंपनी ने 2030 तक अपने नवीकरणीय पोर्टफोलियो को 10 गीगावॉट तक पहुंचाने की योजना भी बनाई है। ओएनजीसी कम कार्बन ऊर्जा अवसरों जैसे नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, हरित अमोनिया एवं हरित हाइड्रोजन के अन्य व्युत्पन्नों- का लाभ उठाने के लिए अग्रणी प्लेयर्स के साथ साझेदारियां कर रही है।
इसके अलावा मौजूदा प्रथाओं से उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्बन कैप्चर, उपयोगिता एवं संग्रहण तकनीकों में अनुसंधान एवं विकास पर भी ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है। हालांकि तेल एवं गैस अन्वेषण और उत्पादन कंपनी के ऊर्जा कारोबार का मुख्य आधार हैं। फ्रंटियर प्ले और ज्ञात बेसिन में गहन अन्वेषण, मौजूदा फील्ड से स्थायी उत्पादन, गहरे पानी के फील्ड से दोहन, कंपनी के कार्यक्षेत्र का केन्द्र बिन्दु बने हुए हैं। समयबद्ध एवं तकनीक गहन आईओआर/ईओआर योजनाओं के लिए ओएनजीसी की प्रतिबद्धता मौजूदा पूल एवं भंडार का लाभ उठाने की कंपनी की क्षमता की पुष्टि करती है। यह उल्लेखनीय विकास कार्य है, और पुनर्विकास परियोजनाएं हमारे पोर्टफोलियो में तेल और गैस में उल्लेखनीय बढ़ोतरी में योगदान देने की स्थिति में हैं।
हाल ही के वर्षों में ओएनजीसी अपनी सीमाओं का दायरा बढ़ाने और अन्वेषण को आगे बढ़ाने में अग्रणी रही है। ‘भावी अन्वेषण रणनीति’ के तहत ओएनजीसी ने 5 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को सक्रिय अन्वेषण के दायरे में लाने का लक्ष्य तय किया है, इसके लिए हर साल एक लाख वर्ग किलोमीटर का अधिग्रहण किया जाएगा और 2025 तक अन्वेषण पर सालाना 10,000 करोड़ का व्यय किया जाएगा।
ओएनजीसी बदलती वास्तविकताओं के अनुसार लगातार बदलाव ला रही है। अन्वेषण एवं उत्पादन पर ध्यान केन्द्रित करते हुए हम ओएनजीसी को प्रत्यास्थता और अनुकूलनशीलता के साथ भविष्य के लिए तैयार बना रहे हैं। हर कदम के साथ ओएनजीसी केवल तेल एवं गैस की अन्वेषक एवं उत्पादक के दायरे से आगे बढ़कर ‘ऊर्जा’ कंपनी बनने की दिशा में निरंतर कार्यरत है।