दिल्ली, 18 सितम्बर 2023: गिगवर्कर्स को महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए मंच प्रदान करने तथा उनके लिए प्लेटफॉर्म के अनुभव में सुधार लाने के उद्देश्य से गठित ड्राइवर अडवाइज़री काउन्सिल (डीएसी) 9 शहरों में विस्तारित हो गई है। यह काउन्सिल बैंगलुरू के थिंक टैंक आप्टी इंस्टीट्यूट के नेतृत्व में प्रमुख पहल है, जो ऊबर के सहयोग से थर्ड-पार्टी इंडीपेंडेन्ट रिव्यू बोर्ड के रूप में काम करती है। यह काउन्सिल कार, ऑटो-रिक्शॉ एवं मोटरबाइकों के हज़ारों ड्राइवर पार्टनर्स के हितों का प्रतिनिधित्व करती है तथा प्लेटफॉर्म पर उनके बीच दो-तरफा चर्चा को बढ़ावा देती है। यह काउन्सिल में 3 नए शहरों- जयपुर, गुवाहाटी और कोची के प्रतिनिधित्व शामिल हैं। इसके अलावा मौजूदा 6 शहर, बैंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता और मुंबई के प्रतिनिधित्व भी शामिल हैं। डीएसी काउन्सिल के सदस्यों की संख्या इस साल 45 हो जाएगी।
मध्य दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में डीएसी के सदस्यों ने ऊबर के ग्लोबल विज़िटिंग एक्ज़क्टिव एंड्रयू बायरने, वाईस प्रेज़ीडेन्ट एवं ग्लोबल हैड ऑफ पब्लिक पॉलिसी, ऊबर के साथ चर्चा की। डॉ सरयु नटराजन, संस्थापक, आप्टी इंस्टीट्यूट ने चर्चा ष्ैंचपदह च्संजवितउ . ॅवतामत क्पंसवहनम पद जीम ळपह म्बवदवउलष् का संचालन किया। इस चर्चा में डॉ ध्यान एमबी, फैलो, वीवी गिरी नेशनल लेबर इंस्टीट्यूट; मारिको आउची, सीनियर टेकनकिल स्पेशलिस्ट ऑन सोशल प्रोटेक्शन, इंटरनेशनल लेबर ओर्गेनाइज़ेशन; माईक ओरगिल सीनियर डायरेक्टर, पब्लिक पॉलिसी एण्ड गवर्नमेन्ट रिलेशन्स, ऊबर फॉर द एपीएसी रीजन और ऐश्वर्या रमन, एक्ज़क्टिव डायरेक्टर, ओेएमआई फाउन्डेशन भी मौजूद रहे।
ऊबर पिछले साल के दौरान डीएसी सदस्यों के सुझाव पर कई बदलाव लेकर आई है। प्लेटफॉर्म पर ड्राइवर पार्टनर्स के लिए पारदर्शिता बढ़ाने और प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल को सुगम बनाने के लिए ऊबर ने इस साल निम्नलिखित बदलाव किए हैं:
वर्किंग कैपिटल के मुद्दे को हल करनाः पार्टनर्स नकद और ऑनलाईन भुगतान में से अपनी पसंद का विकल्प चुन सकें, इसके लिए हम डेली पेमेन्ट सैटलमेन्ट प्रोसेस ‘डेली पे’ लेकर आए, जिससे ड्राइवर सोमवार से गुरूवार तक के लिए अगले दिन तथा शुक्रवार से रविवार तक के लिए सोमवार को अपनी ऑनलाईन कमाई पर ‘नकद राशि’ पा सकते हैं। डीएसी सदस्यों से मिले सुझावों के आधार पर ऊबर ने भुगतान वितरण के समय को सुबह के समय कर दिया है जिससे ड्राइवर इस पैसे का उपयोग ईंधन भराई आदि के लिए कर सकते हैं। हम ऊबर ड्राइवरों के लिए राईड के अनुभव को सुगम बनाने के हेतु देश के 9 हवाई अड्डो (दिल्ली, बैगलोर, मुंबई, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ और गुवाहाटी) में कैश-फ्री पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराते हैं।
ड्राइवर पार्टनर्स के लिए अधिक पारदर्शिताः ड्राइवर को ट्रिप शुरू होने से पहले ज़्यादा जानकारी के साथ सशक्त बनाने के लिए ऊबर कई फीचर्स लेकर आई है जैसे अपफ्रंट डेस्टिनेशन और बुकिंग स्क्रीन पर पेमेंट मोड। इससे ड्रइवर और राइडर के बीच तालमेल बढ़ता है। साथ ही अनुमानित फेयर के बारे में भी पारदर्शिता बनी रहती है और चालक को यह आडिया होता है कि ट्रिप को स्वीकार करने से उन्हें कितनी कमाई होगी। साथ ही ट्रिप खत्म होने के बाद ट्रिप की इलेक्ट्रॉनिक रसीद ड्राइवर को ऐप पर मिल जाती है, जिससे उन्हें अपनी कमाई का सही अंदाज़ा हो जाता है और यह भी पता चल जाता है कि ऊबर ने कितना कमीशन लिया है। इसके अलावा बिल में सरकारी टैक्स, हवाई अड्डे का पार्किंग शुल्क का भी पता चल जाता है।
ट्रिप चुनने के अधिक विकल्पः ड्राइवरों को ट्रिप चुनने के अधिक विकल्प मिलें, इसके लिए हम एक फीचर ‘एक्स्ट्रा चॉइस’ पर पायलट चला रहे हैं। इससे ड्राइवर पार्टनर के पास उनके क्षेत्र में उपलब्ध ट्रिप के कई ऑफर्स होंगे और वे अपनी पसंद की ट्रिप स्वीकार कर सकेंगे। इससे न सिर्फ ड्राइवर को लाभ होगा बल्कि राइडर के लिए भी सर्च में लगने वाला समय कम हो जाएगा।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए शिवा शैलेन्द्रन, डायरेक्टर- ऑपरेशन्स, ऊबर इंडिया और दक्षिण एशिया ने कहा, ‘‘ड्राइवर्स ने भारत में पिछले 10 सालों की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और हम उन्हें सर्वश्रेष्ठ सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। ड्राइवर अडवाइज़री काउन्सिल ऐसा प्लेटफॉर्म है जो उन्हें महत्वपूर्ण मामलों पर फीडबैक देने में मदद करता है। इसी साल मार्च के बाद से हमने कई और बदलाव किए हैं जिन्हें ड्राइवरों ने खूब पसंद किया है। आने वाले समय में भी हम ड्राइवर पार्टनर्स को खुला, सुलभ एवं उत्कृष्ट मंच प्रदान करते रहेंगे और ऊबर के साथ उनके अनुभव को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाते रहेंगे।’’
अब तक कि डीएसी की यात्रा पर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ सरयु नटराजन, संस्थापक, आप्टी इंस्टीट्यूट ने कहा, ‘‘गिग इकोनोमी के बढ़ने के साथ गिग वर्कर एवं प्लेटफॉर्म के बीच का रिश्ता और मजबूत होता चला जा रहा है। ड्राइवर अडवाइज़री काउन्सिल भारत का पहला स्वतन्त्र थर्ड पार्टी द्वारा संचालित फोरम है जो सहभागितापूर्ण प्रशासन को बढ़ावा देता है। सकारात्मक बदलाव लाने में डीएसी सदस्यों का उत्साह, भागीदारी प्रेरणादायी रही है। हमें विश्वास है कि यह बड़ी गिग इकोनोमी के लिए कारगर मॉडल हो सकता है और ऊबर जैसे प्लेटफॉर्म की नीतियों और विनियमों के लिए नए मार्ग प्रशस्त कर सकता है।’’
काउन्सिल के सदस्य ऊबर प्लेटफॉर्म के सक्रिय ड्राइवर पार्टनर्स हैं जो निर्धारित मानकों को पूरा करने के बाद अपना नामांकन करते हैं। अंत में आईआरबी के साथ बैठक के माध्यम से ड्राइवर पार्टनर की क्षमता की जांच की जाती है और यह मूल्यांकन किया जाता है कि क्या वे मौजूदा चुनौतियों के समाधान में योगदान दे सकते हैं। ये ड्राइवर पार्टनर्स एक साल के लिए अपनी कम्युनिटी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसके बाद चुनाव प्रक्रिया दोहराई जाती है।
मार्च 2022 में अपनी शुरूआत के बाद से काउन्सिल 3 व्यक्तिगत सत्रों और दो ऑनलाईन सत्रों में शामिल हो चुकी है। इन बैठकों में कई महत्वपूर्ण मामलों पर विचार-विमर्श किया गया जैसे कमाई, प्रोडक्ट्स में सुधार, सामाजिक सुरक्षा, ऐप का अनुभव, सुरक्षा आदि। ड्राइवर अडवाइज़री काउन्सिल ऊबर के लिए सर्वश्रेष्ठ ग्लोबल प्रेक्टिस है, इसी तरह के मॉडल यूएस, यूके, ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैण्ड में संचालित किए जा रहे हैं। ऊबर अपने प्लेटफॉर्म पर गिग वर्कर्स के अधिकारों को समर्थन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।