नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) एनएसई-एसएसई पर पहले 5 सूचीबद्ध संगठनों का किया स्वागत

मुंबई, 16 मार्च 2024 : नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) ने एनएसई-सोशल स्टॉक एक्सचेंज (एसएसई) प्लेटफॉर्म पर स्वामी विवेकानंद यूथ मूवमेंट (एसवीवाईएम), ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया, मुक्ति, एकलव्य फाउंडेशन और एसजीबीएस उन्नति फाउंडेशन की सूचीबद्धता के साथ पहली पांच लिस्टिंग की उपलब्धि का स्वागत किया। । सामाजिक असर से प्रेरित वित्त की दिशा में इस महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत के स्वागत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) मुख्यालय के मुंबई स्थित बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) में एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

इन सूचीबद्धता के ज़रिये लगभग 8 करोड़ रुपये का फंड जुटाया गया, जिसका उपयोग शिक्षा, कौशल विकास, कृषि, आजीविका, महिला सशक्तिकरण आदि क्षेत्रों में कई विकास परियोजनाओं के लिए किया जाएगा।

बेहद उत्साह के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में सेबी की माननीय अध्यक्ष, श्रीमती माधवी पुरी बुच, सेबी की सोशल स्टॉक एक्सचेंज सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. आर बालासुब्रमण्यम; श्री अश्वनी भाटिया, पूर्णकालिक सदस्य (डब्ल्यूटीएम), सेबी; और आदित्य बिड़ला सनलाइफ एएमसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी, श्री ए बालासुब्रमण्यम के साथ कई प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति, अधिकारी और गैर-लाभकारी संगठनों (एनपीओ) और अन्य हितधारकों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

सेबी की अध्यक्ष, श्रीमती माधबी पुरी बुच ने कहा, “गैर-लाभकारी संगठन, सभी नागरिकों को देश की मुख्यधारा में शामिल करने की सुविधा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस भूमिका को प्रभावी ढंग से निभाने के लिए, उन्हें दानदाताओं और उनके योगदान तक पहुंच की आवश्यकता है। सामाजिक क्षेत्र में विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ावा देकर एसएसई को इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है।”

सेबी की सोशल स्टॉक एक्सचेंज सलाहकार समिति के अध्यक्ष, डॉ. आर. बालासुब्रमण्यम ने कहा, ” सोशल स्टॉक एक्सचेंज, भारत में सामाजिक क्षेत्र के विकास के लिए एक नया वित्तीय मार्ग खोलने के अलावा, अमृत काल में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भागीदारी का लोकतांत्रीकरण करेगा।”

एनएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी, श्री आशीषकुमार चौहान ने एनएसई-एसएसई प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध होने वाली पहले 5 एनपीओ को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा, “एनएसई में सूचीबद्ध कंपनियां धन सृजन, नौकरी के अवसरों और बाज़ार में आम व्यक्ति की भागीदारी के ज़रिये समग्र आर्थिक विकास के माध्यम से सामाजिक प्रभाव पैदा करती रही हैं। एसएसई पर सूचीबद्धता  के साथ यह सामाजिक असर कई गुना बढ़ने वाला है। यह ढांचा पारदर्शिता, विश्वास, दक्षता, लागत बचत, खोज योग्यता, प्रभाव मापन और परिणाम आधारित परोपकार जैसे कई लाभ प्रदान करता है।“

उन्होंने सेबी का भी विशेष उल्लेख किया जिसने भारत में सोशल स्टॉक एक्सचेंज ढांचे को लॉन्च करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक, श्री आर आनंद ने कहा, “एसएसई परितंत्र में प्रमुख हितधारकों की जागरूकता और क्षमता निर्माण एसएसई की सफलता के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, जो बाकी दुनिया के लिए एक मॉडल के रूप में उभरेगा।”

सिडबी के उप प्रबंध निदेशक, श्री प्रकाश कुमार ने कहा, “एसएसई एक प्रतिष्ठित मंच है, जो विकास संगठनों के लिए पूंजी जुटाने और समाज के वंचित वर्ग के विकास के लिए व्यापक अवसर पैदा करता है। सामाजिक रूप से ज़िम्मेदार संगठन के रूप में, हमारा मानना है कि एसएसई जैसी पहल सभी के लिए एक वहनीय और न्यायसंगत भविष्य के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

ज़ेरोधा के विनियमन एवं नीति विभाग के एवीपी, श्री विराज जोशी ने कहा, “ज़ेरोधा सोशल स्टॉक एक्सचेंज को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि हमें लगता है कि यह वास्तव में गैर-लाभकारी (नॉट-फॉर-प्रॉफिट) क्षेत्र की उस की जो आम तौर पर धन जुटाने के लिए संघर्ष करने वाले संगठनों और इच्छुक दानदाताओं के बीच होती है, जिनके पास फिलहाल उन मुद्दों का समर्थन करने के तरीकों की कमी है जिनके प्रति वे खुद को संवेदनशील महसूस करते हैं। हम विश्वास निर्माण पहल के रूप में देखते हैं, और आशा करते हैं कि यह सूचीबद्धता भारत में गैर-लाभकारी क्षेत्र के लिए इस वैकल्पिक धन जुटाने वाले मार्ग को व्यापक स्तर पर अपनाने का मार्ग प्रशस्त करेगी।

इस मौके पर घंटी बजाकर सूचीबद्धता को औपचारिक स्वरूप देने के लिए आमंत्रित सभी गैर-लाभकारी संगठनों ने भी एनएसई-एसएसई के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया।

एसवीवाईएम की मुख्य कार्यकारी, श्रीमती सविता सुलुगोडु ने कहा, “सरकार अकेले सामाजिक विकास को कायम नहीं रख सकती है, इसलिए, विभिन्न वर्ग के लोगों  को साथ जुड़ना होगा। किसी भी देश के निर्माण के लिए नागरिक समाज, नागरिकों, संगठनों, कॉरपोरेट को हाथ मिलाना चाहिए। मैं उत्साहित और आशान्वित हूं कि सोशल स्टॉक एक्सचेंज भारत में सामाजिक क्षेत्र को ज़रूरी प्रोत्साहन देगा, क्योंकि हम सभी मिलकर 2030 तक एसडीजी तक पहुंचने की दिशा में काम कर रहे हैं।”

ट्रांसफॉर्म रूरल इंडिया के सहायक निदेशक, श्री नीरज आहूजा ने कहा, “यह क्षण व्यापक कल्याण के लिए सामूहिक निवेश की शक्ति का प्रमाण है, पूरे देश में पिछड़ रहे ग्रामीण समुदायों के लिए आशा की किरण है। आज की सूचीबद्धता केवल औपचारिक संकेत नहीं है -यह पहल एक स्पष्ट आह्वान है, जो हम सभी को बड़े सपने देखने, कड़ी मेहनत करने और विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए आमंत्रित करता है।”

मुक्ति के संस्थापक एवं अध्यक्ष, श्री शंकर हलदर ने कहा, “यह महत्वपूर्ण उपलब्धि दूसरों के लिए विकास का द्वार खोलेगी, जिससे समावेश को बढ़ावा मिलेगा और एसएसई परितंत्र में व्यापक भागीदारी संभव होगी। जैसे-जैसे और अधिक गैर सरकारी संगठनों को इस मंच पर सूचीबद्ध होने से प्रोत्साहन और लाभ मिलेगा, सोशल स्टॉक एक्सचेंज का प्रभाव बढ़ता जाएगा, जिससे हमारे समाज में सकारात्मक बदलाव की प्रक्रिया शुरू होगी।

एकलव्य फाउंडेशन के अध्यक्ष, श्री पी वेणुगोपाल रेड्डी ने कहा, “यह सूचीबद्धता, भारत सरकार द्वारा नामित आकांक्षी जिलों में हाशिए पर रहने वाले समुदायों के सबसे गरीब लोगों की सेवा करने के हमारे मिशन में पारदर्शिता, जवाबदेही और मापने योग्य प्रभाव के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।”

एसजीबीएस उन्नति फाउंडेशन के संस्थापक, श्री रमेश स्वामी ने कहा, “सोशल स्टॉक एक्सचेंज में प्रमाणित और समर्थित गैर-लाभकारी संगठनों का लाभ उठाते हुए, भारत में परोपकार और सामाजिक प्रभाव को एकीकृत करने के लिए प्रमुख मंच के रूप में उभरने की क्षमता है।”

एनएसई-एसएसई प्लेटफॉर्म का विकास जारी है, जिसमें फिलहाल 50 से अधिक पंजीकृत गैर-लाभकारी संगठन (एनपीओ) भाग ले रहे हैं। इनमें से, कुछ और एनपीओ ने सफलतापूर्वक धन जुटाया है, और कई अन्य ऐसा करने की प्रक्रिया में हैं।

एनएसई-एसएसई मंच वित्तीय बाज़ार और सामाजिक कल्याण उद्देश्यों के बीच अंतर को पाटने, समावेशी विकास और वित्तीय सशक्तिकरण लाने के लिए प्रतिबद्ध है।

About Manish Mathur