एलन जयपुर के टाॅप-500 में 6, टाॅप-1000 में 14, टाॅप-1500 में 23, टाॅप-2000 में 32, ऑफ-3000 में 54, टाॅप-5000 में 76, टाॅप-10000 में 135 स्टूडेंट्स शामिल हैं।
नेशनल रिजल्ट्स में एलन के दो वर्ष से क्लासरूम स्टूडेंट नीलकृष्ण ने आल इंडिया टाॅप किया है। वहीं रैंक-2 पर भी एलन के क्लासरूम स्टूडेंट दक्षेस संजय मिश्रा व रैंक-4 पर भी एलन के क्लासरूम स्टूडेंट आदित्य कुमार रहे। इसके साथ ही टाॅप-100 में 34 स्टूडेंट्स ने स्थान बनाया है। 19 स्टूडेंट्स ने ओवरआल 100 पर्सेन्टाइल स्कोर किया है।
100 पर्सेन्टाइल प्राप्त करने वालों में नीलकृष्ण, दक्षेश मिश्रा, आदित्य कुमार, मोहम्मद सुफियान, हिमांशु, अक्षत चपलोत, मीतविक्रम भाई, प्रियांश प्रांजल, हिमांशु यादव, सनवी जैन, सायना सिन्हा, विषारद श्रीवास्तव, सायना विनित मुकुंद, हर्षल कानानी, यशनील रावत, इशान गुप्ता, प्रवण पाटिल, अर्चित राहुल तथा आदेशवीर सिंह शामिल हैं।
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जब तक डाउट क्लीयर नहीं हो जाए, पूछते रहो: नीलकृष्ण आल इंडिया रैंक – 01
इंस्टीट्यूट: एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट
पिताः निर्मल कुमार (किसान) मां: योगिता
जन्मतिथि: 4 नवम्बर 2005
एलन के रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट नीलकृष्णा ने जेईई-मेन में आल इंडिया रैंक-01 प्राप्त की है। किसान परिवार के बेटे नील ने इससे पहले जेईई-मेन जनवरी में 100 पर्सेन्टाइल स्कोर एवं परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक हासिल किए हैं। नील ने बताया कि बचपन अकोला के नजदीक वाशिन जिले के बेलखेड़ में बीता;
यहां कक्षा 4 तक पढ़ने के बाद कक्षा 5 से 10 तक जेसीआई स्कूल कांरजलाड में पढ़ा, फिर 11वीं में एलन में
एडमिशन लिया। पिता किसान हैं और परिवार खेती पर निर्भर है। परिवार के सामने आर्थिक चुनौतियां भी रही हैं। एलन में एडमिशन लिया तो 75 प्रतिशत स्काॅलरशिप मिली, इसी कारण मैं जेईई की तैयारी में आगे बढ़ सका। पापा-मम्मी ने मेरी पढ़ाई जारी रखने के लिए अपनी कई जरूरतें पूरी नहीं की। हमेशा मुझे मोटिवेट भी किया। कई बार टेस्ट में नम्बर कम आते तो मुझे हिम्मत देते और अगले की तैयारी अच्छी करने के लिए समझाते। मुझे फिजिक्स में रिसर्च में जाना है, इसीलिए मैंने जेईई टारगेट किया है। सब्जेक्ट वाइज तैयारी की बात करें तो मैं फिजिक्स क्लास नोट्स को रेफरेंस की तरह लेते हुए पढ़ता हूं। फिजिकल कैमेस्ट्री को भी ऐसे ही पढ़ता हूं। इनआर्गेनिक कैमेस्ट्री को नोट्स रिव्यू करके और आर्गेनिक कैमेस्ट्री नोट्स और प्रोब्लम साॅल्व करके सीखता हूं। मैथ्स में प्रेक्टिस ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिए। एक स्टूडेंट को ज्यादा से ज्यादा जानने की इच्छा रखनी चाहिए और जब तक सवाल का हल समझ नहीं आ जाता तब तक पूछते रहना चाहिए। पूछने में शर्म नहीं करनी चाहिए। रोजाना 10 से 12 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं। अब जेईई एडवांस्ड पर पूरा फोकस है। आईआईटी मुंबई की सीएस ब्रांच से बीटेक करना चाहता हूं। पढ़ाई के साथ-साथ मैं आर्चरी भी खेलता हूं। स्टेट और नेशनल टूर्नामेंट तक खेल चुका हूं। यह खेल मुझे लक्ष्य साधने के लिए एकाग्रता सीखाता है। साउथ इंडियन फिल्म देखने का शौक है, एग्जाम के बाद या सप्ताह में एक बार फिल्म देखता हूं।
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एनसीईआरटी सिलेबस पर फोकस कियाः दक्षेश मिश्रा आल इंडिया रैंक – 02
इंस्टीट्यूटः एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट पिताः संजय मिश्रा (इंजीनियर)
मांः सुनीता मिश्रा (टेलीकॉम सेक्टर) जन्मतिथि: 15 जनवरी 2006
पिछले तीन साल से एलन करियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड के रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट दक्षेश मिश्रा ने जेईई मेन परीक्षा में 100 पर्सेंटाइल स्कोर एवं परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक हासिल कर ऑल इंडिया रैंक हासिल की है। दक्षेश ने इससे पहले दसवीं कक्षा 98 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की है।
उसने बताया कि मैं रोजाना 10 से 12 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं। दक्षेश ने अपना स्टडी प्लान शेयर करते हुए बताया कि मैं पूरी तरह एनसीईआरटी सिलेबस पर फोकस करता हूं। मैथ्स व फीजिक्स के सवालों की प्रैक्टिस करता हूं क्योंकि इससे कॉन्फिडेंस लेवल मजबूत होता है। लास्ट टाइम में रिवीजन सबसे महत्वपूर्ण है। फिलहाल जेईई एडवांस्ड पर पूरा फोकस है। आईआईटी मुंबई की सीएस ब्रांच से बीटेक करने का सपना है।
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एस्ट्रो फिजिक्स के क्षेत्र में जाना चाहता हूंः आदित्य कुमार जेईई मेनः एआईआर-04
इंस्टीट्यूटः एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट पिताः प्रकाश कुमार (स्टार्ट अप) माताः मीनू प्रभा बेज (स्टार्ट अप) जन्मतिथिः 14 अप्रैल 2006
आदित्य कुमार पिछले दो साल से एलन के रेगुलर क्लासरूम स्टूडेंट है। आदित्य ने जेईई मेन में परफेक्ट स्कोर 300 में से 300 अंक प्राप्त कर ऑल इंडिया रैंक 04 हासिल की है। आदित्य ने बताया कि मैं रोजाना 8 से 9 घंटे सेल्फ स्टडी करता हूं। एलन में समय-समय पर जो टेस्ट होते थे, उनको लेकर काफी सीरियस रहता था, क्योंकि टेस्ट से ही आप खुद का एनालिसिस कर पाते हो। यदि किसी टेस्ट में मार्क्स कम आते थे तो कोशिश रहती थी कि अगले टेस्ट में उन गलतियों को दोबारा नहीं दोहराऊं। इससे पहले 10वीं कक्षा 97.8 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण की थी। फिलहाल जेईई एडवांस्ड पर फोकस है। मैं आईआईटी मुम्बई की सीएस ब्रांच से बीटेक करने के बाद एस्ट्रोफिजिक्स के क्षेत्र में जाना चाहता हूं।