बेंगलुरु, 06 अप्रैल 2024- भारत का शीर्ष व्यापार निकाय जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (जीजेईपीसी) 05 से 08 अप्रैल, 2024 तक बेंगलुरु इंटरनेशनल एग्जीबिशन सेंटर (बीआईईसी), बेंगलुरु में इंडिया इंटरनेशनल ज्वेलरी शो ‘आईआईजेएस तृतीया’ के दूसरे एडिशन का आयोजन कर रहा है। आईआईजेएस तृतीया के साथ ही पहली बार इंडिया जेम एंड ज्वैलरी मशीनरी एक्सपो (आईजीजेएमई) भी चल रहा है, जिसमें डिजिटल टैक्नोलॉजी से संबंधित टूल्स और तकनीकों को दर्शाने वाली विश्व स्तरीय टैक्नोलॉजी का प्रदर्शन किया गया है।
आईआईजेएस तृतीया का मुख्य उद्देश्य सोने के आभूषण संग्रह की विस्तृत श्रृंखला का प्रदर्शन करना है जो भारत के आभूषण उद्योग की समृद्ध विरासत और शिल्प कौशल को दर्शाता है। यह एक ऐसा असाधारण प्लेटफॉर्म है जो प्रसिद्ध आभूषण निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं, थोक विक्रेताओं और उद्योग के पेशेवरों को एक छत के नीचे लाता है।
जीजेईपीसी ने अगले छह भारतीय अंतरराष्ट्रीय आभूषण शो (आईआईजेएस) के लिए ‘ब्रिलिएंट भारत’ थीम को चुना है। ब्रिलिएंट भारत थीम का उद्देश्य देश की समृद्ध परंपराओं और सांस्कृतिक विविधता के साथ नवीन टैक्नोलॉजी को फिर से खोजना और उसका जश्न मनाना है, जिनकी सहायता से कुछ बेहतरीन और असाधारण कृतियां तैयार की जाती हैं। यह भारत की समृद्ध विरासत के जादू, हमारी शिल्प कौशल की सुंदरता और हमारे लोगों की गर्मजोशी को भी सामने लाने में मदद करता है।
उद्घाटन के दौरान प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा आईआईजेएस तृतीया का ‘वैश्विक रत्न और आभूषण निर्यात के प्रवेश द्वार’ के रूप में स्वागत किया गया। उद्घाटन समारोह में कर्नाटक सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. सेल्वाकुमार (आईएएस), भीमा ज्वेलरी के चेयरमैन डॉ. बी गोविंदन, सी. कृष्णिया चेट्टी ग्रुप के एमडी और डायरेक्टर श्री विनोद हयाग्रीव, जीजेईपीसी के चेयरमैन श्री विपुल शाह, ज्वैलर्स एसोसिएशन बेंगलुरु के प्रेसिडेंट डॉ. चेतन कुमार मेहता, जीजेईपीसी के वाइस चेयरमैन श्री किरीट भंसाली, जीजेईपीसी के संयोजक-राष्ट्रीय प्रदर्शनी और कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (सीओए) के मेंबर श्री नीरव भंसाली और जीजेईपीसी के ईडी श्री सव्यसाची रे ने भी अपनी मौजूदगी से समारोह की गरिमा बढ़ाई।
जीजेईपीसी के चेयरमैन श्री विपुल शाह और ज्वैलर्स एसोसिएशन बेंगलुरु के प्रेसिडेंट डॉ. चेतन कुमार मेहता ने एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत कर्नाटक ज्वैलरी पार्क सहित जीजेईपीसी द्वारा शुरू की जाने वाली पहलों की एक श्रृंखला के माध्यम से राज्य से रत्न और आभूषण निर्यात को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा।
इस वर्ष आईआईजेएस तृतीया का आयोजन पिछले वर्ष की तुलना में अधिक व्यापक, स्मार्ट और बेहतर है, जिसमें 40,000 वर्ग मीटर में 900 से अधिक प्रदर्शक और 1,900 स्टॉल शामिल हैं। यह एक विशाल बाज़ार के रूप में कार्य करता है, जो उद्योग के खिलाड़ियों को जुड़ने, सहयोग करने और फलने-फूलने के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। इसमें भारत के 500 से अधिक शहरों और 60 देशों से 15,000 से अधिक पूर्व-पंजीकृत आगंतुक हैं, जो इस आयोजन के वैश्विक महत्व को रेखांकित करते हैं।
भारत के आभूषण उद्योग की समृद्ध विरासत और शिल्प कौशल को दर्शाने वाले सोने के आभूषण संग्रहों की एक विस्तृत श्रृंखला को प्रदर्शित करने के साथ-साथ आईआईजेएस तृतीया के साथ ही पहली बार इंडिया जेम एंड ज्वैलरी मशीनरी एक्सपो (आईजीजेएमई) का आयोजन भी किया गया है, जिसमें डिजिटल टैक्नोलॉजी से संबंधित टूल्स और तकनीकों को दर्शाने वाली विश्व स्तरीय टैक्नोलॉजी का प्रदर्शन किया गया है।
कर्नाटक सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. सेल्वाकुमार (आईएएस) ने इस अवसर पर कहा, ‘‘कर्नाटक का रत्न और आभूषण उद्योग टैक्नोलॉजी के माध्यम से उद्यमिता, उत्कृष्टता और नवाचार में नए मानक स्थापित करता है। कर्नाटक के कुशल कारीगर मंदिर के आभूषण, प्राचीन आभूषण और नकाश आभूषण जैसे उत्कृष्ट और बेहतरीन आभूषणों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। आईआईजेएस तृतीया स्मार्ट तकनीक द्वारा संचालित डिजाइनर आभूषणों के केंद्र के रूप में भारत की मजबूत स्थिति का एक प्रमाण है। यह आयोजन दरअसल कर्नाटक और दक्षिण भारत से रत्न और आभूषण निर्यात बढ़ाने के लिए उद्योग की प्रतिबद्धता, योगदान और सहयोगात्मक प्रयासों की पुष्टि करता है।’’
जीजेईपीसी के चेयरमैन श्री विपुल शाह ने कहा, ‘‘देश का रत्न और आभूषण बाजार आज 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निर्यात उद्योग है, लेकिन वैश्विक बाजार में लगातार बढ़ती मांग के साथ आगे बढ़ने की गुंजाइश और संभावनाएं बहुत अधिक हैं। जीजेईपीसी इस दिशा में बारीकी से काम कर रहा है। जीजेईपीसी कनाडा, यूके और ईयू के साथ आगामी व्यापार समझौतों में अनुकूल नीतियों को सुरक्षित करने के लिए सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसके अलावा, जीजेईपीसी ने खुदरा निर्यात के लिए ई-कॉमर्स में व्यापार करने में आसानी की सुविधा के उपाय पेश करने के लिए सरकार से सफलतापूर्वक बात की है। इस तरह भारतीय विक्रेताओं के लिए अपने उत्पादों को वैश्विक खरीदारों तक निर्बाध रूप से पहुंचाना आसान हो गया है।’’
भीमा ज्वेलरी के चेयरमैन डॉ. बी गोविंदन ने कहा, ‘‘आभूषण उद्योग में निवेश न केवल रोजगार पैदा करता है, बल्कि अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। प्रत्येक नागरिक के लिए यह आवश्यक है कि वह अपनी क्षमता को पहचाने और इसके विकास में भाग ले। उचित समर्थन और उद्योग की पूरी जानकारी के साथ, यह क्षेत्र फल-फूल सकता है, रोजगार के अवसर प्रदान कर सकता है और आर्थिक विकास को गति दे सकता है।’’
सी. कृष्णिया चेट्टी ग्रुप के एमडी और निदेशक श्री विनोद हयाग्रीव ने कहा, आईआईजेएस तृतीया जल्द ही पूरे भारत के लिए एक ऐतिहासिक शो बन जाएगा। शो न केवल बड़ा हो गया है, बल्कि यह और भी स्मार्ट हो गया है – स्मार्ट सिटी के रूप में बैंगलोर की प्रतिष्ठा के समान। हम आने वाले दशक में एक बहुत ही स्मार्ट उद्योग की आशा करते हैं। मुझे लगता है कि 70 बिलियन डॉलर तक पहुंचना एक बहुत ही संभव लक्ष्य है और जीजेईपीसी के शीर्ष पर होने से ऐसा लगता है कि हम 2030 से पहले ही इसे आसानी से हासिल कर सकते हैं।’’
जीजेईपीसी के वाइस चेयरमैन किरीट भंसाली ने कहा, ‘‘काउंसिल लगातार इस बात का प्रयास कर रही है कि एमएसएमई को सशक्त बनाया जाए और इसी दिशा में कॉमन फैसिलिटी सेंटर, मेगा सीएफसी, मुंबई में ज्वैलरी पार्क, जयपुर में जेम बोर्स के साथ-साथ मार्केटिंग और बिक्री के लिए एडवांस डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे कदम उठाए गए हैं। ये प्रयास न केवल वैश्विक बाजार में उद्योग के विस्तार में योगदान करते हैं, बल्कि विकसित भारत के सिद्धांतों के साथ इसके तालमेल को भी सुनिश्चित करते हैं।’’
ज्वैलर्स एसोसिएशन बेंगलुरु के प्रेसिडेंट डॉ. चेतन कुमार मेहता ने कहा, ‘‘हम उद्योग की निरंतर वृद्धि और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए ज्वैलर्स एसोसिएशन, बेंगलुरु (जेएबी) की ओर से अटूट समर्थन का वादा करते हैं। जीजेईपीसी के सराहनीय प्रयासों और पहलों से, हमारा उद्योग बेहतर संगठन और सफलता की राह पर है। जेएबी के प्रेसिडेंट के रूप में, मैं जीजेईपीसी और सभी उद्योग हितधारकों को अपना पूरा समर्थन देता हूं। इस उत्सव में शामिल होने के लिए और आईआईजेएस तृतीया के दूसरे संस्करण की सफलता का साक्षी बनने के लिए सभी को धन्यवाद!’’
जीजेईपीसी के संयोजक-राष्ट्रीय प्रदर्शनी और कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (सीओए) के मेंबर श्री नीरव भंसाली ने कहा, ‘‘आईआईजेएस रत्न और आभूषण व्यवसाय को सुविधाजनक बनाने के लिए भारत का अग्रणी प्लेटफॉर्म है। 3 शो और 9000 बूथों के बीच आईआईजेएस दुनिया भर में भारतीय रत्नों और आभूषणों के लिए प्रवेश द्वार है। आईआईजेएस जैसे आयोजन के जरिये एमएसएमई कंपनियों को दुनिया भर के ग्राहकों से मिलने का अवसर मिलता है।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘आईआईजेएस तृतीया भी पिछले वर्ष की तुलना में अधिक स्मार्ट, बड़ा और बेहतर हो गया है। यह एक विशाल बाज़ार के रूप में कार्य करता है, जो उद्योग के खिलाड़ियों को जुड़ने, सहयोग करने और तेजी से आगे बढ़ने के लिए अमूल्य अवसर प्रदान करता है। आईआईजेएस तृतीया मंच एमएसएमई निर्माताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचने के लिए वैश्विक खरीदारों से मिलने का एक अवसर है।’’
श्री भंसाली ने कहा, ‘‘आईआईजेएस तृतीया रत्न और आभूषण उद्योग से जुड़े कारोबारियों के अनुभव को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से विभिन्न सुविधाएँ प्रदान करता है, जिसमें नया विजन प्रदान करने वाले इनोव8 टॉक्स भी शामिल हैं। इसके अलावा, हमने डिजिटलाइजेशन और सस्टेनेबिलिटी को अपनाने के लिए कई पहल शुरू की हैं। डिजिटल बैज, फेस रिकग्निशन प्रोसेस और आईआईजेएस ऐप जैसी सुविधाएं कागज के उपयोग को कम करते हुए संचालन को सुव्यवस्थित करती हैं। आईआईजेएस शो के लिए वन अर्थ इनिशिएटिव के तहत, हम पहले ही उम्मीदों से अधिक 150,000 पेड़ लगा चुके हैं।”