गुरूग्राम, 11 जुलाई, 2024: भारत की प्रमुख ऑटो टेक कंपनी CARS24 ने आज 2024 की दूसरी तिमाही के लिए अपनी ड्राइवटाईम क्वार्टरली रिपोर्ट जारी की है। अप्रैल से जून की अवधि सैलेरी पाने वाले प्रोफेशनल्स (वेतनभोगी कर्मचारियों) के लिए अच्छी रही, इस अवधि के दौरान उन्हें प्रोमोशन, बोनस और नए रोल्स के साथ अपने करियर में तरक्की के अवसर मिले। तिमाही के दौरान कार खरीदने वाले 48.5 फीसदी खरीददार सैलेरी पाने वाले प्रोफेशनल्स ही थे, जिन्होंने अपने करियर की उपलब्धियों का जश्न अपनी खुद की कार खरीद कर मनाया।
आज के दौर में कार एक ज़रूरत बन गई है, ज़्यादातर कॉर्पोरेट कर्मचारी रोज़मर्रा में आने-जाने और लाईस्टाइल को बेहतर बनाने के लिए अपनी खुद की कार खरीद रहे हैं। इसके अलावा बढ़ती डिस्पोज़ेबल आय और फाइनैंस के आकर्षक विकल्पों के चलते कार खरीदना और भी आसान हो गया है। गौरतलब है कि इनमें से ज़्यादातर कारें दिल्ली, मुंबई और बैंगलुरू जैसे महानगरों में खरीदी गईं, जिससे स्पष्ट है कि शहरों में परिवहन के निजी साधन की मांग बढ़ रही है। हालांकि सैकण्ड हैण्ड कारों के प्रति लगाव महानगरों के दायरे से बढ़कर छोटे शहरों में भी देखने को मिल रहा है। आगरा, कोयम्बटूर और नागपुर जैसे शहर इस दृष्टि से सबसे आगे हैं, जहां अपनी कार खरीदने की चाह सबसे ज़्यादा देखी गई है और बड़ी संख्या में लोग सैकण्ड हैण्ड कारें खरीद रहे हैं।
इस अवसर पर CARS24 के सह-संस्थापक गजेन्द्र जांगिड़ ने कहा, ‘‘यह तिमाही बेहद शानदार रही है, कार की पसंद और खरीद के पैटर्न की बात करें तो खरीददारों में अलग-अलग रूझान देखने को मिले। ऐसे में यह देखना रोमांचक होगा कि आने वाले समय में भारत में कार खरीदने के तरीकों में किस तरह से बदलाव आता है।’
CARS24 की ड्राइवटाईम क्वार्टरली रिपोर्ट बीती तिमाही में ऐसे ही कुछ रोचक रूझानों पर रोशनी डालती है, जो भारत में कार खरीदने के व्यवहार को प्रभावित कर रहे हैं।
सैकण्ड हैण्ड कार मार्केट में ज़बरदस्त उछाल-टियर 2 शहरों में 10 फीसदी से अधिक बढ़ोतरी
दूसरी तिमाही के दौरान आगरा, कोयम्बटूर, नागपुर और वड़ोदरा जैसे शहरों में सेल्स में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई, औसतर हर शहर में 25 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। इस बढ़ोतरी का श्रेय इन शहरों में बढ़ती डिस्पोज़ेबल आय और आर्थिक विकास को दिया जा सकता है। सैकण्ड हैण्ड कारों के किफ़ायती दाम के बारे में जागरुकता बढ़ने से भी बड़ी संख्या में लोग इन कारों को चुन रहे हैं, मॉडल्स की बात करें तो Grand i10, Swift, Baleno, Kwid, Honda City ज़्यादातर उपभोक्ताओं की पहली पसंद बने हुए हैं।
रोचक पहलु यह है कि अन्य शहरों जैसे अहमदाबाद, बैंगलुरू, हैदराबाद, मुंबई और पुणे में में भी सैकण्ड-हैण्ड कारों की बिक्री में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। इन सभी शहरों में दूसरी तिमाही के दौरान सेल्स बढ़ी है। ये आंकड़े इस बात का संकेत हैं कि आज लोग अपनी खुद की कार खरीदना चाहते हैं और साथ ही सैकण्ड हैण्ड कार उनके लिए स्मार्ट चॉइस बन गई है। किफ़ायती दाम और भरोसे के चलते सैकण्ड हैण्ड कारें आज के उपभोक्ताओं को खूब लुभा रही हैं।
लोग इस बात को समझ रहे हैं कि सैकण्ड हैण्ड कार खरीदने से पैसे की बचत होती है और नई कार से बहुत कम दाम में उतना ही भरोसा और उतना ही फायदा मिलता हैं ऐसे में ये कारें बजट को ध्यान में रखकर चलने वाले खरीददारों के लिए आकर्षक विकल्प हैं। इसके अलावा ऑनलाईन मार्केटप्लेसेज़ और विकसित होते डिजिटल सिस्टम ने सैकण्ड हैण्ड कार खरीदना और भी आसान बना दिया है, उपभोक्ता आत्मविश्वास और पारदर्शिता और भरोसे के साथ अपनी पसंदीदा कार चुन कर इसे खरीदने का फैसला ले सकते हैं। यही कारण है कि सैकण्ड हैण्ड कारों की तरफ़ उपभोक्ताओं का झुकाव बढ़ रहा है।
उपभोक्ताओं की पसंद और बदलते रूझान
- टॉप कारें: Maruti Suzuki Swift और Hyundai Creta ज़्यादातर लोगों की पसंदीदा कारें बनी हुई हैं।
- मुख्य ब्राण्ड्सः Maruti Suzuki, Hyundai, Honda, Tata लगातार मार्केट में अपना प्रभुत्व बनाए हुए हैं।
- उभरते सितारेः Kia और MG के प्रति खरीददारों का झुकाव और इन कारों की बिक्री में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है।
- सबसे ज़्यादा खरीदे जाने वाले मॉडलः Hyundai i10, Maruti Alto सबसे ज़्यादा खरीदे जाने वाले मॉडल हैं।
- 2024 में सबसे ज़्यादा बिकने वाली कारें: Grand i10, Baleno इस साल के दौरान सबसे ज़्यादा बिकने वाले मॉडल रहे हैं।
- Swift में अपग्रेडः पहली बार कार खरीदने वाले 70 फीसदी उपभोक्ताओं में सीधे Swift को चुना।
- लक्ज़री खरीदः इस दौरान बेची गई सबसे मंहगी कार Fortuner रही जिसे रु 33 लाख में बेचा गया।
- बजट का विकल्पः सबसे सस्ती कार का रिकॉर्ड Alto K10 ने बनाया, जिसे रु 70,000 में बेचा गया।
रोचक पहलु यह है कि Tata का मार्केट शेयर 4 फीसदी से बढ़कर 7 फीसदी पर आ गया। वहीं Kia, Nissan, MG की मार्केट में मौजूदगी भी बढ़ी।
एसयूवी मॉडल्स जैसे MG Hector, Nissan Magnite, Jeep Compass बने ज़्यादातर उपभोक्ताओं की पसंद
एसयूवी के प्रति लगाव की बात करें तो नई कारों के दायरे से आगे बढ़कर वित्तीय वर्ष 21 के बाद सैकण्ड हैण्ड कार मार्केट में भी एसयूवी की खरीद में 4-6 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। इस साल एसयूवी जैसे Brezza, Sonet, Ecosport, XUV300, Taigun, Tiago ने भारतीय सड़कों पर अपना प्रभुत्व बनाए रखा। पिछले पांच सालों के दौरान एसयूवी का शेयर 10 फीसदी से बढ़कर तकरीबन 20 फीसदी तक पहुंच गया है, जो उपभोक्ता की बदलती पसंद की ओर इशारा करता है।
सैकण्ड हेण्ड कार मार्केट का शेयर इस तरह हैः
हैचबैकः 60 फीसदी
सेडानः 21 फीसदी
एसयूवः 19 फीसदी
तो जहां एक ओर एसयूवी की लोकप्रियता बढ़ रही है, वहीं दूसरी और हैचबैक कारें अपना प्रभुत्व बनाए रखे हुए हैं। हालांकि दूसरी तिमाही में हैचबैक कारों का मार्केट शेयर कुछ कम हुआ है, जबकि एसयूवी की लोकप्रियता लगातार बढ़ी है।
सैकण्ड हैण्ड कार मार्केट में Maruti Suzuki 34.5 फीसदी शेयर के साथ सबसे आगे है, इसके बाद Hyundai का शेयर 26.9 फीसदी और Honda का शेयर 10.6 फीसदी है। Grand i10 और Baleno 2024 में सबसे ज़्यादा बिकने वाले मॉडल्स रहे, इन दोनों मॉडलों ने Swift को भी पीछे छोड़ दिया, जो 2023 और 2022 में उपभोक्ताओं की पहली पसंद बनी हुई थी। एसयूवी मॉडलों में सबसे ज़्यादा उछाल देखा गया, 2023 की तुलना में 2024 में MG Hector ने 4 गुना, Nissan Magnite ने 2 गुना और Jeep Compass ने 2 गुना बढ़ोतरी दर्ज की।
2024 की दूसरी तिमाही में उपहार के लिए खरीदी जाने वाली कारों की बिक्री बढ़ी
अप्रैल से जून के दौरान पर कारों की बिक्री बढ़ी, इस दौरान लोगों ने न सिर्फ अपने लिए बल्कि अपने परिवार के सदस्यों को उपहार देने के लिए भी कारें खरीदीं। खासतौर पर 10 मई को अक्षय तृतीया के दिन बड़ी संख्या में कारें खरीदी गईं।
इसके अलावा मदर्स डे और फादर्स डे के मौके पर भर देश भर में 300 से अधिक कारें बेचीं गईं। फादर्स डे (16 जून) की तुलना में मदर्स डे (12 मई) के दिन ज़्यादा बिक्री हुई, यानि उपभोक्ताओं ने अपनी मां को उपहार देने के लिए सैकण्ड हैण्ड कारें खरीदीं।
रिपोर्ट के अनुसार उपहार में दिए जाने वाले मॉडल्स में Swift, i20, Creta सबसे लोकप्रिय मॉडल रहे। रिपोर्ट के इन आंकड़ों से साफ है कि अपने किफ़ायती दाम की वजह से सैकण्ड हैण्ड कारों को उपहार देने के लिए भी पसंद किया जा रहा है। आज के दौर में कार खरीदना पहले से कहीं आसान और किफ़ायती हो गया है ऐसे में लोग अपने प्रियजनों को उपहार देने के लिए कार खरीद रहे हैं।
मजबूती और सुरक्षाः भारतीय कार खरीददारों के लिए नई प्राथमिकता
आज के उपभोक्ता कार खरीदने समय सिर्फ बाहर के चमकदार एक्सटीरियर पर ही ध्यान नहीं देते, बल्कि वे मजबूती, सुरक्षा और विश्वसनीयता को भी ध्यान में रखते हैं। वे अपने मन की शांति और वैल्यू को महत्व देते हैं। पहले कार खरीदने का फैसला लेते समय माइलेज को सबसे ज़्यादा महत्व दिया जाता था, लेकिन आज के उपभोक्ता को अधिक मजबूत और सुरक्षित कार चाहिए- फिर चाहे पेट्रोल रु 100 प्रति लीटर और डीज़ल रु 90 प्रति लीटर की उंचाई पर पहुंच गया है।
गुणवत्ता और मजबूती अब पहले से कहीं अधिक ज़रूरी हो गई है, क्योंकि भारत में कार खरीदने वाले 78 फीसदी उपभोक्ता एयरबैग, ABS, EBD, ESC जैसे सेफ्टी फीचर्स को ध्यान में रखते हैं। इससे साफ है कि उपभोक्ता बाहरी चमक से आगे बढ़कर अपनी कार में सुरक्षा को भी प्राथमिकता दे रहे हैं।
इसी वजह से Tata, Mahindra, Volkswagen, Skoda जैसे ब्राण्ड्स का मार्केट शेयर बढ़कर 15 फीसदी हो गया है। इन ब्राण्ड्स को अपनी मजबूती और सेफ्टी फीचर्स के लिए जाना जाता है, ऐसे में ये उपभोक्ताओं के बीच काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।
सैकण्ड हैण्ड कार खरीदते समय उपभोक्ता कार की हिस्ट्री पर भी ध्यान देते हैं, वे चैक करते हैं कि कार को किस तरह से मेंटेन किया गया है। वे कार से अच्छे परफोर्मेन्स, सेफ्टी फीचर्स और मेंटेनेंस की कम लागत की उम्मीद रखते हैं। कुल मिलाकर व्यवहारिकता और स्टाइल को ध्यान में रखते हुए सोच-समझ कर कार खरीदने का फैसला लेते हैं। वे तय कर लेना चाहते हैं कि कार में निवेश लम्बी दौड़ में उनके लिए फायदेमंद साबित हो।
वे कार की खरीद को लेकर तो उत्सुक रहते ही हैं, साथ ही सेफ्टी फीचर्स और परफोर्मेन्स को भी ध्यान में रखना चाहते हैं। बाहरी चमक-धमक से आगे बढ़कर सुरक्षा और टिकाउपन को महत्व देना आज के उपभोक्ताओं का व्यवहार बन गया हैं
भारतीय कार खरीददारों में बुनियादी फीचर्स के दायरे से बाहर, स्पेशल फीचर्स की बढ़ रही मांग
पिछली तिमाही में ऑटोमेटिक कारों की बिक्री बढ़ी, वहीं अप्रैल-जून के दौरान मैनुअल ट्रांसमिशन वाहनों की मांग बढ़ी, 80 फीसदी खरीददारों ने मैनुअल कारों को चुना। इसके कई कारण है जैसे किफ़ायती दाम, ज़्यादा माइलेज, बेहतर नियन्त्रण, सर्विस की कम लागत। इसके अलावा ज़्यादातर भारतीयों का मानना है कि मैनुअल कार ज़्यादा भरोसेमंद और फैमिलियर है।
इसके अलावा ज़्यादातर उपभोक्ता अपनी कार में सनरूफ, जीपीएस-इंटीग्रेटेड सिस्टम, रियरव्यू कैमरा चाहते हैं। ये फीचर्स ड्राइविंग के अनुभव को बेहतर बनाते हैं। साथ ही लैदर इंटीरियर, एलॉय व्हील्स, एम्बिएन्ट लाइटिंग, टर्बोचार्ज्ड इंजन और 360 डिग्री कैमरा एवं सनरूफ जैसे फीचर्स की मांग भी बढ़ रही है।
फैंसी नंबर प्लेट भी कार खरीददारों की पसंद बन गई है। इसी दिशा में एक रोचक पहलु देखा गया, 007 नंबर से शुरू होने वाली कारें उपभोक्ताओं में काफी लोकप्रिय रहीं। संभवतया लोग ‘थला’ या जेम्स बोंड के आकर्षण से प्रेरित हैं। आखिरकार कौन नहीं चाहेगा कि हर बार कार चलाते समय सुपरस्टार जैसा अहसास हो?
साथ ही वैल्यू एडेड सर्विसेज़ ककी मांग भी बढ़ रही है, उपभोक्ता एक्सटेंडेड वारंटी और टेक अपग्रेड्स पर औसतन रु 10000 खर्च कर रहे हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि कार के खरीददार सिर्फ यूटिलिटी या लक्ज़री को ही नहीं बल्कि वे आराम और मन की शांति को भी पूरा महत्व देते हैं।
रु 328 करोड़ के कार लोन्स ने कार खरीद के रूझानों को दी गति
सैकण्ड हैण्ड कार पर फाइनैंस के विकल्पों ने कार खरीदने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है। आर्थिक आत्मनिर्भरता बढ़ने के साथ कार खरीददारों की औसत उम्र 40 से कम होकर 30 वर्ष हो गई है, आज बड़ी संख्या में युवा कार लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं। इसका एक बड़ा कारण है सैकण्ड हैण्ड कार मार्केट में बढ़ती फाइनैंस सुविधाएं, जिसके चलते कार खरीदने का सपना कम उम्र में साकार करना आसान हो गया है।
आधुनिक फाइनैंस मॉडल, जिसमें डाउन पेमेंट की ज़रूरत नहीं होती, के चलते दूसरी तिमाही में रु 328 करोड़ के कार लोन वितरित किए गए। खासतौर पर पहली बार कार खरीदने वाले उपभोक्ता इस मॉडल को खूब पसंद कर रहे हैं, क्योंकि उनके लिए कार खरीदना बेहद आसान हो गया है।
फाइनैंसिंग के रूझान सिर्फ शहरों तक ही सीमित नहीं हैं, 2024 की दूसरी तिमाही में लोन के 30 फीसदी आवेदन टियर 2 और टियर 3 शहरों से किए गए, यानि कार फाइनैंस की सुविधाएं भारत के हर कोने में पहुंच रही हैं। Hyundai Grand i10 देश की पहली पसंद रही। दूसरी तिमाही में सैकण्ड हैण्ड कार की औसत ईएमआई रु 12000 रही।
इस तिमाही में कार लोन क लिए आवेदन करने में महिलाएं सबसे आगे रहीं। उन्होंने पुरूषों की तुलना में 10 फीसदी ज़्यादा राशि के लोन लिए, यानि महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और फाइनैंशियल मैनेजमेन्ट को लेकर उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। उनके लोन के आवेदन जल्दी अप्रूव हो रहे हें और वे समय पर अपनी ईएमआई चुका रहीं हैं। कुल मिलाकर महिलाएं आत्मनिर्भरता के साथ भारत में सामाजिक नियमों को नई परिभाषा दे रही हैं।
रोचक पहलु
- सबसे कम रु 93000 का लोन मॉडल Alto k10के लिए लिया गया।
- सबसे ज़्यादा रु 16 लाख का लोन मॉडल TATA Harrier के लिए लिया गया।
- 30 फीसदी लोगों ने ज़ीरो डाउन पेमेंट का विकल्प चुना क्योंकि हमारा मानना है कि आपके कार खरीदने के सपने में कोई रूकावट नहीं आनी चाहिए।
अपग्रेड का समयः लोगों ने CARS24 को रु 1500 करोड़ की कारें बेंची
2024 की दूसरी तिमाही में भारतीयों ने CARS24 को 1500 करोड़ से अधिक कीमत की कारें बेचीं। उपभोक्ता कई कारणों से अपनी कार बेचना पसंद कर रहे हैं। बहुत से लोग बार-बार नए मॉडल में अपग्रेड करना चाहते हैं, वे अपनी बदलती ज़रूरत के अनुसार आधुनिक ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी अपनाना चाहते हैं। इसके अलावा बेहतर फीचर्स, ज़्यादा माइलेज, मेंटेनेन्स की कम लागत भी ऐसे कारण हैं जिसकी वजह से कार रखने का समय 8-10 साल से कम होकर 4-6 साल हो गया है।
रूको ज़रा, अब हम आपकी कार भी चलाएंगेः पेश करते हैं ऑटोपायलट
हम समझते हैं कि ज़िंदगी इतनी बड़ी भी नहीं कि हम गुरूग्राम दिल्ली हाईवे या बैंगलुरू या मुंबई की सड़कों पर ट्रैफिक में फंस कर परेशान होते रहें, तो अब आपको कार चलाने की क्या ज़रूरत, जब आपकी कार को कोई ओर चला रहा है? इस तिमाही में हमने कार मालिकों के जीवन को सुविधाजनक बनाने के लिए ऑटोपायलट का लॉन्च किया। तो आपको काम के लिए आना-जाना है या देश भर में कहीं भी यात्रा पर जाना चाहते हैं, आपके लिए हाज़िर है ऑटोपायलट, जो 2000 से राईड्स कवर कर चुका है। इस दिशा में हम कुछ रोचक पहलु लेकर आए हैं।
हमारी 85 फीसदी राईड्स शहर के भीतर होती हैं, साफ है कि लोग शहर के टै्रफिक से बचना चाहते हैं, और हम उनकी इस परेशानी को हल करने के लिए मौजूद हैं।
तकरीबन 50 फीसदी ट्रिप्स वन-वे थीं, जिसमें वापसी की योजना बनाए बिना यात्रा शुरू की गईं।
ऑटोपायलट के रोचक रूझान
वीकेंड वॉरियरः सबसे ज़्यादा ट्रिप्स शुक्रवार और शनिवार को शुरू हुईं। वास्तव में 45 फीसदी ट्रिप्स सप्ताहान्त पर हुईं, 61 फीसदी ट्रिप्स छुट्टी मनाने के उद्देश्य से आउटस्टेशन के लिए की गईं।
फादर्स डे की मस्तीः फादर्स डे से पहले 15 जून को ऑटोपायलट चुनने वाले यूज़र्स की संख्या में 30 फीसदी बढ़ोतरी हुई, यानि लोगों ने अपने पिता को सरप्राइज़ देने के लिए तनाव रहित राईड का विकल्प चुना।
सुबह के समय सबसे ज़्यादा मांगः सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक ऑटोपायलट की मांग सबसे अधिक रही। साफ है कि सुबह के ट्रैफिक से हर कोई बचना चाहता है, और ऑटोपायलट आपके दिन को आसान बनाने में मदद करता है।
मुख्य गंतव्यः उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश उपभोक्ताओं के पसंदीदा आउटस्टेशन स्पॉट्स रहे, उपभेक्ता ठंडे मौसम और खूबसूरत नज़ारों का लुत्फ़ उठाने के लिए उत्सुक दिखाई दिए।