बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने कर्मचारियों के भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए “कर्मचारी सहायता कार्यक्रम” का दायरा बढ़ाया

मुंबई, 10 जनवरी, 2025: भारत के अग्रणी सरकारी बैंकों में से एक, बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने अपने 75,000 से अधिक कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों की भावनात्मक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक देखरेख के उद्देश्य से एक समग्र कल्याण की पहल शुरू की है। बैंक ने कॉर्पोरेट वेलनेस क्षेत्र में एक नवीनतम पहल करते हुए अपने “कर्मचारी सहायता कार्यक्रम” (ईएपी) का विशिष्ट संस्करण पेश करने के लिए ट्रूवर्थ वेलनेस के साथ साझेदारी की है।

एक खुशहाल कार्य परिवेश को बढ़ावा देने हेतु बैंक के विविध आयु वर्ग के कर्मचारियों के समग्र कल्याण का सक्रिय रूप से समर्थन करने वाले “कर्मचारी सहायता कार्यक्रम”, का उद्देश्य बैंक के कर्मचारियों की विविध भावनात्मक जरूरतों को पूरा करना है।

ट्रूवर्थ वेलनेस के कर्मचारी सहायता कार्यक्रम (ईएपी) की प्रमुख विशेषताएं निम्नानुसार हैं:

  • गोपनीय और व्यक्तिगत सहयोग: चिंता, अवसाद, तनाव, अकेलापन, व्यक्तिगत परेशानियों आदि जैसे मुद्दों पर कर्मचारियों और उनके आश्रित परिवार के सदस्यों (पति/पत्नी और बच्चों) के लिए पेशेवर विशेषज्ञों के साथ गोपनीय और निःशुल्क वैयक्तिक परामर्श सत्र।
  • परामर्श के विभिन्न माध्यम: परामर्श सत्र व्यक्तिगत जरूरतों के अनुरूप, वीडियो के माध्यम से आमने-सामने और/या 24×7 टोल फ्री हेल्पलाइन के जरिए आयोजित किए जा सकते हैं।
  • 24/7 एक्सेस: तत्काल सहायता और मार्गदर्शन के लिए चौबीस घंटे हेल्पलाइन और वर्चुअल सहायता।
  • डिजिटल सपोर्ट: उपयोगकर्ताओं के लिए सहज “वेलनेस कॉर्नर” मोबाइल ऐप, जो मानसिक स्वास्थ्य आंकलन, मूड ट्रैकर, एआई-आधारित वर्चुअल थेरेपी सत्र, निर्देशित आरोग्य कार्यक्रम, ऑनलाइन चैट और लाइव/प्री-रिकॉर्डेड वेबिनार जैसी सुविधाएं प्रदान करता है।
  • संवर्धित और सहयोगी उपकरण: पर्सनल वेलनेस डैशबोर्ड, स्वास्थ्य ट्रैकर और स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं पर छूट। अच्छी आदतों का निर्माण, उससे संबंधित लक्ष्यों के निर्धारण और ट्रैकिंग के लिए उन्नत टूल।

बैंक ऑफ़ बड़ौदा के मानव संसाधन एवं विपणन विभाग के मुख्य महाप्रबंधक शैलेंद्र सिंह ने कहा, अपने कर्मचारियों के समग्र कल्याण को प्राथमिकता देने के महत्व को पहचानते हुए, 2020 की महामारी के दौरान बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने कर्मचारी सहायता कार्यक्रम, जो मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य पर भी केंद्रित है, शुरू करने में अग्रणी पहल की। इस वर्ष, हमने इस पहल को एक कदम आगे बढ़ाया है और इस क्षेत्र के लीडर्स में से एक, ट्रूवर्थ वेलनेस के साथ मिलकर कार्यक्रम का एक उन्नत संस्करण तैयार कर पेश किया है। अपने लोगों और उनके परिजनों के समग्र स्वास्थ्य में निवेश करके हम एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ रहे हैं जहां कर्मचारियों का स्वास्थ्य कॉर्पोरेट संस्कृति का एक अभिन्न अंग है और इससे एक खुशहाल, स्वस्थ और सशक्त कार्यबल तैयार होगा।”

ट्रूवर्थ वेलनेस के सहसंस्थापक और सीईओ श्री रोहित चौहान ने कहा, “हमें इस परिवर्तनकारी पहल में बैंक ऑफ़ बड़ौदा के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और व्यक्तिगत सहयोग को शामिल करते हुए स्वास्थ्य के प्रति हमारा समग्र दृष्टिकोण, बैंक ऑफ़ बड़ौदा के कर्मचारियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और जीवन के सभी पहलुओं समृद्धि प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा।

यह साझेदारी इस बात का उदाहरण है कि भारत में कॉर्पोरेट वेलनेस – “सक्रिय और निवारक देखभाल पर जोर देने वाले एक बहुआयामी और समावेशी दृष्टिकोण के साथ विकसित हो रहा है।“

कर्मचारी सहायता कार्यक्रम (ईएपी), ध्यान और एकाग्रता का उपयोग करते हुए ऋण अधिकारियों के तनाव प्रबंधन, कैरियर ब्रेक लेने के बाद जॉइन करने वाली महिला कर्मचारियों की भावनात्मक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ कर्मचारियों के बीच ईएपी संबंधी जागरूकता के लिए मानसिक स्वास्थ्य रोड शो जैसे पहलुओं पर भी ध्यान केंद्रित रहेगा।

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