31 जनवरी 2025, राष्ट्रीय: बहुप्रतीक्षित आर्टिसन अवॉर्ड्स 2025 भव्य अंदाज में संपन्न हुआ, जिसमें जयपुर की राजकुमारी गौरवी कुमारी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कला और संस्कृति की संरक्षक के रूप में पहचानी जाने वाली राजकुमारी गौरवी कुमारी ने विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए और भारतीय शिल्पकला व डिजाइन को संरक्षित करने की उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की।
8वें आर्टिसन अवॉर्ड्स का आयोजन रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) द्वारा GIA इंडिया के सहयोग से और वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के साथ साझेदारी में किया गया।
राजकुमारी गौरवी कुमारी की उपस्थिति ने इस आयोजन को एक शाही भव्यता प्रदान की, जिससे यह कलाकारों, उद्योग के दिग्गजों और गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक यादगार रात बन गई।
भारतीय शिल्पकला का पुनः कल्पनात्मक रूप
इस वर्ष के आर्टिसन ज्वेलरी डिजाइन अवॉर्ड्स ने भारतीय शिल्पकला की उत्कृष्टता को उजागर किया, और इसका समापन रचनात्मकता, भव्यता और शाही संरक्षण के नए मानक के साथ हुआ। राजकुमारी गौरवी कुमारी के साथ मंच पर उपस्थित थे, श्री विपुल शाह, अध्यक्ष, GJEPC, श्री किरीट भंसाली, उपाध्यक्ष, GJEPC, श्री श्रीराम नटराजन, प्रबंध निदेशक, GIA इंडिया, श्री सचिन जैन, क्षेत्रीय सीईओ, इंडिया, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल, श्री मिलन चोकशी, संयोजक, प्रचार एवं विपणन, GJEPC, श्री सब्यसाची किरीट , कार्यकारी निदेशक, GJEPC।
इस वर्ष के पुरस्कारों की थीम थी “भारतीय शिल्पकला पुनः कल्पित”, जिसमें 630 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं।
राजकुमारी गौरवी कुमारी की बातें
राजकुमारी गौरवी कुमारी, जो भारतीय कला और शिल्प की संरक्षक हैं, ने कहा,
“GJEPC के आर्टिसन अवॉर्ड्स में प्रस्तुत सभी विजेता आभूषण डिजाइन पारंपरिक कला और शिल्प को नवाचार के साथ जोड़ते हैं। मुझे विश्वास है कि पारंपरिक शिल्पकला तब तक प्रासंगिक रहेगी जब तक डिजाइनर इसे नई दृष्टि और आधुनिक शैली के साथ प्रस्तुत करते रहेंगे। आज का युवा उपभोक्ता फास्ट फैशन से स्लो लग्जरी की ओर बढ़ रहा है। यदि हम ब्रांड और उत्पाद की कहानी से हटकर कारीगर (शिल्पकार) की रचनात्मक दृष्टि और व्याख्या की कहानी पर ध्यान केंद्रित करें, तो यह अधिक प्रभावशाली होगी।”
आभूषण निर्माण को पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित विरासत बताते हुए उन्होंने आगे कहा,
“दुनिया के कला प्रेमी यह समझते हैं कि भारतीय शिल्प तकनीकों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक स्थानांतरित किया गया है, ठीक वैसे ही जैसे यूरोप के विरासत ब्रांड्स में होता है। कुछ बेहतरीन वैश्विक डिजाइनरों ने भारतीय शिल्पकला को सीखा और फिर अपने रचनात्मक दृष्टिकोण से इसमें नवीनता और प्रासंगिकता लाई। मेरे परदादा, महाराजा मानसिंह द्वितीय, जयपुर को डिजाइन, कला और शिल्प का वैश्विक केंद्र बनते देखना चाहते थे। मैं इस विरासत को आगे बढ़ाना चाहती हूँ और उन शिल्पकारों को सशक्त बनाना चाहती हूँ, जो चुनौतियों का सामना कर सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ रचनात्मकता को बनाए रखते हैं।”
GJEPC के अध्यक्ष श्री विपुल शाह का वक्तव्य
श्री विपुल शाह, अध्यक्ष, GJEPC ने कहा,
“आर्टिसन अवॉर्ड्स का उद्देश्य भारत की अद्वितीय आभूषण शिल्पकला को वैश्विक मंच पर लाना है। इस वर्ष की थीम, ‘भारतीय शिल्पकला पुनः कल्पित’ ने प्रतिभागियों को पारंपरिक शिल्प का समकालीन दृष्टिकोण से पुनर्निर्माण करने के लिए प्रेरित किया, जिससे ऐसी कृतियाँ सामने आईं जो सांस्कृतिक सीमाओं से परे जाकर वैश्विक दर्शकों को आकर्षित करें।”
उन्होंने यह भी कहा कि डिजाइनिंग उद्योग में सबसे अधिक मांग वाली कौशल है और यह मूल्य संवर्धन का एक महत्वपूर्ण घटक है। GJEPC प्रतिभाओं को निखारने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण संस्थानों में निवेश कर रहा है, ताकि उद्योग का सतत विकास सुनिश्चित किया जा सके।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के श्री सचिन जैन का वक्तव्य
श्री सचिन जैन, क्षेत्रीय सीईओ, वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल, ने कहा,
“GJEPC के आर्टिसन अवॉर्ड्स रचनात्मकता और डिजाइन की राजधानी को उजागर करने का एक सच्चा प्रमाण हैं। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल, GJEPC के साथ मिलकर भारत को विश्व के आभूषण केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए काम कर रहा है। अब समय आ गया है कि हम भारतीय रचनात्मकता और डिजाइन को वैश्विक स्तर पर ले जाएँ।”
पुरस्कार विजेता और जूरी के विचार
इस वर्ष के जूरी सदस्यों में शामिल थे:
• डॉ. उषा बालकृष्णन, प्रतिष्ठित आभूषण इतिहासकार
• श्री जय सागर, आभूषण विशेषज्ञ, आस्तागुरु नीलामी गृह
• श्री अपूर्व कोठारी, संस्थापक, सवाब
• सुश्री प्रिया तन्ना, अध्यक्ष, @trscreativeconsulting
• श्री अपूर्व देशिंगकर, वरिष्ठ निदेशक, GIA इंडिया
• सुश्री शाची शाह, संस्थापक और क्रिएटिव हेड, शाची फाइन ज्वेलरी
पुरस्कार विजेताओं में शामिल रहे:
• डिजाइन एक्सीलेंस अवॉर्ड: श्री सजिल शाह, संस्थापक, साज्जंते
• ग्लोबल इंडियन ज्वेलरी डिजाइनर अवॉर्ड: श्री अंकित मेहता, संस्थापक, एनेका (पूर्व में हर स्टोरी)
• रिटेल एक्सीलेंस अवॉर्ड: श्री बिरेन वैद्य, प्रबंध निदेशक, हाउस ऑफ रोज़
• मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस अवॉर्ड: हाउस ऑफ BNM, श्री बिनॉय शाह द्वारा प्राप्त
जूरी के विचार:
डॉ. उषा बालकृष्णन:
“हर आर्टिसन कृति के पीछे एक गहरी कहानी छुपी होती है – चाहे वह इसे बनाने वाले डिजाइनर की हो या उसमें प्रयुक्त सामग्री और तकनीक की। ऐसे शिल्प, जैसे थेवा, को वैश्विक पहचान मिलनी चाहिए।”
श्री जय सागर:
“डिजाइनों ने परंपरा और आधुनिकता को खूबसूरती से जोड़ा। युवा पीढ़ी के डिजाइनर नए आयाम जोड़ रहे हैं, जिससे भारतीय शिल्पकला एक नए युग में प्रवेश कर रही है।”
सुश्री प्रिया तन्ना:
“इस वर्ष की प्रविष्टियाँ पारंपरिक भारतीय शिल्प जैसे मीनाकारी और हथौड़े से बनाए गए सोने के डिजाइनों को समकालीन शैली में प्रस्तुत करने में सफल रही हैं।”
सुश्री शाची शाह:
“आभूषण केवल आभूषण नहीं होते; वे भावनाओं का मूर्त रूप होते हैं। जब इन्हें भारतीय शिल्पकला से जोड़ा जाता है, तो ये अपनी जड़ों से और अधिक गहरे जुड़ जाते हैं।”
आर्टिसन अवॉर्ड्स 2025 भारतीय शिल्पकला को वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
द आर्टिसन अवार्ड्स 2025 के विजेता हैं:
नाम द्वारा निर्मित ज्वेलरी कैटेगरी
मालविका वडसाक वॉकिंग ट्री वेंचर्स विजेता
अनविंदा आरपी वुमिडी बंगारू ज्वैलर्स फर्स्ट रनर-अप
प्रियांशी गगनानी मणि ज्वेल्स द्वितीय उपविजेता
विजय इंदुलकर वॉकिंग ट्री वेंचर्स जूरी च्वाइस अवार्ड
भावेश सोनी मनोज ऑर्नामेंट्स प्रा. लिमिटेड जूरी च्वाइस अवार्ड