गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप, राधिका पीरामल और केशव सूरी फाउंडेशन ने दासरा के साथ मिलकर लॉन्च किया द प्राइड फंड

मुंबई, 19 फरवरी, 2025- गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप (जीआईजी), राधिका पीरामल (कार्यकारी निदेशक, वीआईपी इंडस्ट्रीज और ट्रस्टी, दासरा यूके) और केशव सूरी फाउंडेशन ने दासरा के साथ मिलकर भारत के पहले समर्पित एलजीबीटीक्यूआईए+ फिलन्थ्रॉफी फंड- द प्राइड फंडको लॉन्च करने की घोषणा की है। इस फंड का उद्देश्य निरंतर, संरचित और धैर्यपूर्ण परोपकार के साथ फंडिंग गैप को दूर करना है, ताकि भारत के एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय के लिए सार्थक ऑन-ग्राउंड बदलाव को सशक्त बनाया जा सके। एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदाय से जुड़े लोगों की अनुमानित संख्या 140 मिलियन से अधिक है। दासरा और गोदरेज डीईआई लैब, जो गोदरेज इंडस्ट्रीज ग्रुप के भीतर और बाहर एक समावेशी ईको सिस्टम बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, इस पहल के लिए एंकर पार्टनर के रूप में काम करेंगे।

भारत में समलैंगिक परोपकार के लिए फंडिंग संबंधी परिदृश्य बहुत ही खराब है- देश के शीर्ष 50 दानदाताओं में से केवल एक ही एलजीबीटीक्यूआईएसंगठनों का स्पष्ट रूप से समर्थन करता है। इस समुदाय के लिए और कॉर्पाेरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) से जुड़ा योगदान भी बहुत कम रहता है। हालांकि दुनियाभर में एलजीबीटीक्यूआईए$ समुदायों के लिए फंडिंग बढ़ रही है, लेकिन हमारे देश में संगठन इन परोपकारी प्रयासों में शायद ही भाग लेते हैं या इससे लाभ उठाते हैं।

इन संरचनात्मक बाधाओं के बावजूद, और काफी पूर्वाग्रहों का सामना करते हुए, समलैंगिक आयोजकों और जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं ने अपने समुदायों के लिए ऐतिहासिक प्रयास किए हैं। इन आंदोलनों से पैदा हुए गैर-सरकारी संगठन और नागरिक समाज संगठन एलजीबीटीक्यूआईए+ समुदायों के लिए महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने की पूरी कोशिश करते हैं, जिसमें स्वास्थ्य सेवा, आजीविका, न्याय और सम्मान तक पहुँच शामिल है। प्राइड फंड का उद्देश्य पूरे देश में एलजीबीटीक्यूआईएभारतीयों के भविष्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से उनके काम को सक्षम करने वाले अनुदानों के माध्यम से इन संगठनों को अधिक से अधिक सहायता प्रदान करना है।

फंड की लॉन्चिंग पर टिप्पणी करते हुए, गोदरेज डीईआई लैब के हैड परमेश शाहनी ने कहा, ‘‘प्राइड फंड एक ऐतिहासिक कदम है – भारत में अपनी तरह की एक अनूठी पहल, जिसे समलैंगिक समुदाय के सदस्यों ने कम्युनिटी के लिए बनाया है। यह फंड सीधे तौर पर उन प्रणालीगत बाधाओं को दूर करते हुए समानता और समावेशन के हमारे साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिन्होंने लंबे समय से एलजीबीटीक्यूआईए+ लोगों को हाशिए पर रखा है। समुदाय की सेवा करने वाले केवल 27 प्रतिशत गैर सरकारी संगठनों की राष्ट्रीय उपस्थिति के साथ, लक्षित समर्थन और संसाधनों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य समुदायों को सुरक्षा, स्वास्थ्य, न्याय और अवसरों तक पहुँचने के लिए सशक्त बनाना है, जो उन्हें बहुत लंबे समय से वंचित कर दिए गए हैं। हम एक मजबूत, अधिक समावेशी समाज का निर्माण करने की आशा करते हैं जो वास्तव में एक विकसित भारत की भावना को मूर्त रूप देता है, जहाँ हर व्यक्ति, अपनी पहचान के बावजूद, सम्मान और गर्व के साथ आगे बढ़ सकता है।’’

वीआईपी इंडस्ट्रीज की कार्यकारी निदेशक और दासरा यूके की ट्रस्टी राधिका पीरामल ने कहा, ‘‘भारत में एलजीबीटीक्यूआईएसमुदायों के लिए जागरूकता और संसाधन जुटाने के लिए प्राइड फंड की शुरुआत की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय सहायता लगभग रातोंरात खत्म हो जाने के साथ, हमारे भारतीय कॉरपोरेट्स और फाउंडेशनों को फंडिंग की कमी को पूरा करने और उन एनजीओ को फंड देने के लिए तत्काल कदम उठाने चाहिए जो कमजोर समलैंगिक लोगों को सुरक्षा, न्याय, स्वास्थ्य और सम्मान तक पहुंचने में मदद करते हैं। आइए हम सब मिलकर हमारे कुछ सबसे रचनात्मक और अभिनव समुदायों का समर्थन करें और भारत को आगे बढ़ने में मदद करें।’’

द ललित सूरी हॉस्पिटैलिटी ग्रुप के कार्यकारी निदेशक और केशव सूरी फ़ाउंडेशन के संस्थापक केशव सूरी ने कहा, ‘‘प्राइड फंड का मकसद सिर्फ़ एक वित्तीय प्रतिबद्धता से कहीं ज्यादा है – यह भारत के एलजीबीटीक्यूआईए+ लोगों के भविष्य में निवेश करने के तरीके में एक किस्म की क्रांति है। केशव सूरी फ़ाउंडेशन में, हमने हमेशा माना है कि सच्चा बदलाव तब होता है जब जुनून उद्देश्य से मिलता है, और यह फ़ंड सहयोग की शक्ति का ऐसा ही एक प्रमाण है। भारत ने हमेशा विविधता, समानता और समावेश (डीईआई) में विश्वास किया है, और अब, हम दुनिया का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। समान विचारधारा वाले भागीदारों के साथ, हम फंडिंग गैप को दूर करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि समलैंगिक नेतृत्व वाले संगठनों को वे संसाधन मिलें जिनके वे हकदार हैं। समावेश दान नहीं है; यह एक आवश्यकता है। साथ मिलकर, हम सिर्फ़ बदलाव नहीं ला रहे हैं; हम एक ऐसे भविष्य के लिए मंच तैयार कर रहे हैं जहाँ भारत में हर एलजीबीटीक्यूआईए$ व्यक्ति सम्मान, अवसर और निश्चित रूप से थोड़े शानदार अहसास के साथ आगे बढ़े!’’

प्राइड फंड के लॉन्च पर, दासरा ने एक रिपोर्ट जारी की जिसका शीर्षक था – अगेंस्ट ऑल ऑड्स- एडवांसिंग इक्विटी फॉर इंडियाज एलजीबीटीक्यूआईए+ कम्युनिटीज। यह रिपोर्ट देश में एलजीबीटीक्यूआईए+ केंद्रित संगठनों के सामने आने वाली चुनौतियों का अध्ययन करती है, और बाधाओं को दूर करने के लिए समाधान सुझाती है, और समुदाय के साथ मिलकर बनाए गए उत्तरदायी दृष्टिकोणों को प्राथमिकता देती है।

रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए, दासरा की सह-संस्थापक और भागीदार नीरा नंदी ने कहा, ‘‘भारत में दुनिया की 18 प्रतिशत आबादी रहती है, लेकिन यहां एलजीबीटीक्यूआईएके लिए मिलने वाली ग्लोबल फंडिंग का 1 प्रतिशत से भी कम हिस्सा हासिल किया जाता है, जिससे इस समुदाय के लिए गंभीर रूप से कम फंडिंग मिलती है। अग्रणी प्राइड फंड जमीनी स्तर पर बदलाव लाने वाले समलैंगिक नेतृत्व वाले संगठनों का समर्थन करके इस असंतुलन से निपटने के लिए एक सहयोगी दृष्टिकोण अपनाता है। इन अग्रणी लोगों को सशक्त बनाकर, हम न केवल तत्काल ज़रूरतों को पूरा कर रहे हैं बल्कि भविष्य के लिए दीर्घकालिक प्रभाव सुनिश्चित कर रहे हैं जहाँ हर एलजीबीटीक्यूआईएव्यक्ति फल-फूल सकता है।’’

प्राइड फंड का लक्ष्य धैर्यपूर्ण और उद्देश्यपूर्ण परोपकार के माध्यम से भारत के एलजीबीटीक्यूआईए+   समुदाय के लिए परिवर्तनकारी बदलाव लाना है। प्रभाव-केंद्रित समाधानों पर ध्यान केंद्रित करते हुए और हाशिए पर मौजूद समुदायों की जरूरतों को प्राथमिकता देते हुए, यह भारत में समानता और समावेशन की ओर एक नया मार्ग प्रशस्त करने का प्रयास करता है।

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