जयपुर 07 फरवरी 2025 – डर्माकोंन 2025 का उद्धघाटन डॉ राजीव शर्मा अध्यक्ष इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरियोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स (IADVL) ने किया।। इंडियन एसोसिएशन ऑफ डर्मेटोलॉजिस्ट्स, वेनेरियोलॉजिस्ट्स और लेप्रोलॉजिस्ट्स (IADVL) 53वें राष्ट्रीय सम्मेलन डर्माकॉन2025 का आयोजन कर रहा है डर्माकॉन 2025, जो 6 से 9 फरवरी तक जेईसीसी सीतापुरा जयपुर में आयोजित किया जा रहा है, 6 फरवरी को चिकित्सीय त्वचा विज्ञान पर एक पूर्व-सम्मेलन निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) और शल्य एवं सौंदर्य त्वचा विज्ञान पर दो कार्यशालाएँ आयोजित की गई। जिस में 1000 से भी अधिक डेलीगेट्स ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया और शल्य एवं त्वचा सौंदर्य को जाना।
आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ.यू.एस.अग्रवाल ने आगंतुकों का राजस्थानी भाषा में खम्माघणी बोलकर स्वागत भाषण और सम्मेलन के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डाला और बताया की भारत के प्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञों द्वारा इस सम्मेलन में अपने विचार साझा किए जा रहे हैं। वर्कशॉप्स में डर्माटो-सर्जिकल तकनीकों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जिसमें बोटोक्स, फिलर्स, लेजर, हिफू और पीआरपी द्वारा त्वचा कायाकल्प (रिजुवेनेशन) की प्रक्रिया को वीडियो डेमोंस्ट्रेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया जारहा है ।
आयोजन सचिव डॉ. दीपक माथुर ने बताया की डर्माकोंन 2025 का ये 53वां वार्षिक सम्मेलन गुलाबी नगरी जयपुर में हो रहा है इस में देश विदेश के जाने माने 600 से अधिक भारतीय विशेषज्ञ और 21 अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ अपने अनुभव साझा कर रहे है त्वचा रोग विशेषज्ञ सावधानी और उपचार के बारे में चर्चा कर रहे है उद्घाटन समारोह के अंत में धन्यवाद प्रेषित किया ।
वैज्ञानिक समिति के अध्यक्ष डॉ. असित मित्तल ने जानकारी दी कि निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम में चिकित्सा उपचारों में हुई नवीनतम प्रगति पर डर्माकोंन 2025 में चर्चा की जा रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक विशेष सत्र आयोजित किया जा रहा है, जिसमें त्वचा संबंधी विकारों के प्रबंधन में इसकी भविष्य की भूमिका पर प्रकाश डाला जा रहा है। आधुनिक इमेजिंग तकनीकों के माध्यम से त्वचा रोगों के निदान एवं उपचार में उनकी भूमिका पर भी चर्चा की जा रही है ।
कार्यक्रम के कोषाध्यक्ष विजय पालीवाल जी ने बताया सम्मेलन के दूसरे दिन, 7 फरवरी, को विभिन्न त्वचा रोगों और उनके प्रबंधन पर 45 वैज्ञानिक सत्र आयोजित किए जायेंगे। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी अपने विशेष विचार साझा करेंगे। मुख्य वैज्ञानिक सत्र मुहासे , बच्चों में त्वचा सम्बंदि रोग, दवाओं के त्वचा पर दुष्प्रभाव
हेयर फॉल , त्वचा के फंगल संक्रमण , सफेद दाग, अनवांशिक त्वचा रोग पर चर्चा की जाएगी।