श्रीधरी दीदी द्वारा फागोत्सव विशेष सत्संग कार्यक्रम का आयोजन!

राधागोविंद पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट जयपुर की अध्यक्षा श्रीधरी दीदी द्वारा 9 फरवरी को जयपुर के मानसरोवर स्थित बेंक्वेट हॉल में
फ़ागोत्सव एवं जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की ज्येष्ठा पुत्री का जन्मोत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया। सैंकड़ों भक्त इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। सत्संग का शुभारंभ हरि-गुरु की भव्य महाआरती के साथ हुआ। इसके बाद जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की प्रचारिका श्रीधरी दीदी ने अपने प्रवचन के माध्यम से गुरु महिमा पर प्रकाश डाला और भक्तों को गुरु सेवा महत्त्व संबंधी एवं होली के संकीर्तन रस में सराबोर किया। फूलों की होली खेलते हुए भक्तजन श्री राधा कृष्ण के प्रेम में रंगे नज़र आये।
ट्रस्ट सचिव शरद गुप्ता ने बताया कि होली पर्व पर श्रीधरी दीदी ने विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि भक्त और भगवान के बीच खेली गई प्रेम की होली ही वास्तविक होली है जिस प्रेम का रंग सदा चढ़ा रहता है। बाकी धुलकर उतर जाने वाले कच्चे रंगों की होली का कोई औचित्य नहीं। इसीलिए मानव देह की सार्थकता के लिए,अपने जीवन के परम चरम लक्ष्य आनंद को पाने के लिए मनुष्यों को भगवान के साथ प्रेम का संबंध जोड़कर उनके साथ होली पर्व मनाना चाहिए और आपस में भी द्वेष इत्यादि से रहित होकर सर्वत्र अपने इष्ट के दर्शन करते हुए सौहार्द पूर्वक जीवन व्यतीत करना चाहिए ।
श्रीधरी दीदी ने होली मनाने का वास्तविक तात्पर्य समझाया कि अधिकतर लोग यही समझते है कि रंग,गुलाल से खेलना,हुडदंगबाजी करना,तरह तरह के स्वादिष्ट व्यंजन खाना यही होली मनाने का तात्पर्य है। वास्तव में होली का पावन पर्व श्रीकृष्ण की अनन्य भक्ति का पर्व है। होली मनाने का अभिप्राय ही है की प्रह्लाद चरित्र को समझते हुये उनके भक्ति संबंधी सिद्धांतो का अनुसरण करना। अतः होली मनाने का सर्वश्रेष्ठ ढंग यही है कि रूपध्यान युक्त श्री राधाकृष्ण नाम,रूप, लीला,गुण,धाम,जन का गुणगान करुणक्रन्दन करते हुये किया जाये।
भक्त प्रह्लाद की परम निष्काम भक्ति एवं उनके दृढ़ विश्वास के कारण भगवान ने खम्भे से प्रकट होकर यह सिद्ध कर दिया की मैं सदा सर्वत्र सामान रूप से व्याप्त हूँ। अतः हमे हरि-गुरु को सदा अपने रक्षक और निरीक्षक रूप में अनुभव करते हुये ये चिंतन करना है की वे सदा हमारी रक्षा करते है और करेंगे। वे ही हमारे परम हितेषी हैं।
कार्यक्रम के अंत में सभी भक्त जनों ने साथ मिलकर निरंतर हरि गुरु सेवा साधना एवं समाज के लिए लोकोपकारक कार्य करने का संकल्प लिया एवं भोजन प्रसादी ग्रहण कर प्रस्थान किया।

About Manish Mathur