रायपुर, 25 मार्च 2025: भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) रायपुर ने छत्तीसगढ़ के विधायकों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से दो दिवसीय सार्वजनिक नेतृत्व कार्यक्रम (Public Leadership Program) का सफल आयोजन किया। यह कार्यक्रम 22 से 23 मार्च 2025 तक आयोजित हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य विधायकों की प्रशासनिक दक्षता और नेतृत्व क्षमता को विकसित करना था, जिससे ‘विकसित छत्तीसगढ़ 2047’ की परिकल्पना को साकार किया जा सके।
कार्यक्रम का उद्घाटन छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया। इस अवसर पर माननीय विपक्ष के नेता डॉ. चरणदास महंत, छत्तीसगढ़ विधानसभा के माननीय अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और माननीय संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने संबोधन में कहा, “यह कार्यक्रम विधायकों के लिए एक सशक्त मंच है, जहाँ वे नए समाधान और विचार साझा कर सकते हैं। यदि हमें राज्य को आगे बढ़ाना है, तो हमें सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। एक जनप्रतिनिधि के रूप में जनता के साथ संवाद और तकनीकी नवाचार पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।”
छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा, “आप सोच सकते हैं कि चुनाव जीतने के बाद प्रशिक्षण की क्या आवश्यकता है, लेकिन जीत के साथ हमारी जिम्मेदारियाँ और भूमिकाएँ भी बढ़ जाती हैं। हमें सीखते रहना चाहिए और केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र ही नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के संपूर्ण विकास के लिए कार्य करना चाहिए।”
माननीय विपक्ष के नेता डॉ. चरणदास महंत ने कहा, “यह मान लेना गलत होगा कि विधायक बनने के साथ ही हम पूर्ण नेता बन जाते हैं। नेतृत्व एक सतत सीखने की प्रक्रिया है। कठिन परिस्थितियों से उभरकर जशपुर के एक आदिवासी पुत्र आज मुख्यमंत्री बने हैं, यही हमारे लोकतंत्र की शक्ति और सुंदरता है। हमें छत्तीसगढ़ की प्रगति के लिए मिलकर काम करना चाहिए।”
आईआईएम रायपुर के निदेशक डॉ. राम कुमार काकानी ने कहा, “हम शिक्षा और प्रशासन के बीच की खाई को पाटने में विश्वास रखते हैं। यह कार्यक्रम केवल ज्ञान प्राप्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि विचारों के आदान-प्रदान और नवाचारी समाधानों को साझा करने का एक मंच भी है। इससे छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक उत्कृष्टता को नई ऊँचाइयों तक ले जाया जा सकता है। यह कार्यक्रम निर्णय लेने और रणनीतिक संवाद पर आधारित क्षमता निर्माण के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने का एक आवश्यक तत्व है।”
कार्यक्रम निदेशक, प्रो. संजीव प्रशर और प्रो. सुमीत गुप्ता ने इस पहल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जबकि मुख्य संचालक प्रो. अर्चना पराशर ने भी अपने विचार साझा किए।
इस दो दिवसीय नेतृत्व कार्यक्रम में अनुभवी वक्ताओं द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र आयोजित किए गए। इनमें वित्तीय योजना और बजट, सार्वजनिक जीवन और कहानी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और प्रौद्योगिकी, मीडिया और जनसंपर्क प्रबंधन, जनप्रतिनिधियों के कर्तव्य और ज़िम्मेदारियाँ, और सुशासन तथा जीवन में परिवर्तनकारी सुधार जैसे विषय शामिल थे।
कार्यक्रम के समापन सत्र में छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, माननीय विपक्ष के नेता डॉ. चरणदास महंत और संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और इस पहल की सराहना की।
