मोटापा और डायबिटीज के खिलाफ बड़ी पहल: लिली ने लॉन्च किया मौंजारो®

नई दिल्ली, 25 मार्च, 2025: एली लिली एंड कंपनी (इंडिया) ने आज सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) से मार्केटिंग करने की अनुमति मिलने के बाद सिंगल-डोज़ शीशी (वायल) के रूप में मौंजारो®  को पेश किया है। यह मोटापे, अधिक वजन और टाइप 2 मधुमेह के इलाज के लिए अपनी तरह की पहली दवा है, जो जीआईपी (ग्लूकोज-निर्भर इंसुलिन उत्प्रेरक पॉलीपेप्टाइड) और जीएलपी-1 (ग्लूकागन-समरूप पेप्टाइड-1) हार्मोन रिसेप्टर्स दोनों को सक्रिय करती है।

मौंजारो®  को कम कैलोरी वाली डाइट और बढ़ी हुई शारीरिक गतिविधि के साथ, मोटापा और टाइप 2 मधुमेह के उपचार में सहायक के रूप में अनुमोदित किया गया है। यह उन वयस्कों के लिए है जिनका प्रारंभिक बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर या उससे अधिक (मोटापा) अथवा 27 किलोग्राम प्रति वर्ग मीटर या उससे अधिक (अधिक वजन) है और जिन्हें कम से कम एक वजन-संबंधी स्वास्थ्य समस्या है। इसके अतिरिक्त, यह टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित वयस्कों के लिए आहार और व्यायाम के साथ रक्त शर्करा (ग्लाइसेमिक) नियंत्रण में सुधार के लिए भी उपयुक्त है।

लिली इंडिया के अध्यक्ष एवं महाप्रबंधक विंसलो टकर ने कहा, “भारत में मोटापा और टाइप 2 मधुमेह तेजी से बढ़ रही समस्याएँ हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी हैं। लिली सरकार और उद्योग जगत के साथ मिलकर इन बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इनके बेहतर इलाज के लिए काम कर रही है। हमारा उद्देश्य भारत में इन समस्याओं से जूझ रहे लोगों का जीवन बेहतर बनाना है। इसी दिशा में, हम अत्याधुनिक दवाओं की उपलब्धता बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं और मौंजारो®  की पेशकश हमारी इस प्रतिबद्धता का हिस्सा है। हमें विश्वास है कि यह दवा भारत को स्वस्थ बनाने में योगदान देगी और हमारे मिशन को आगे बढ़ाएगी।”

टिरज़ेपेटाइड का मूल्यांकन दो विस्तृत वैश्विक नैदानिक परीक्षण कार्यक्रमों में किया गया – सरमाउंट-1, जो पुरानी वजन प्रबंधन चिकित्सा से जुड़ा था, और सरपास, जो टाइप 2 मधुमेह के उपचार पर केंद्रित था।

सरमाउंट-1 परीक्षण में 2,539 वयस्कों (जिन्हें मोटापा या अतिरिक्त वजन था और वजन-संबंधी स्वास्थ्य समस्याएँ थीं, लेकिन मधुमेह नहीं था) पर अध्ययन किया गया। इसमें देखा गया कि आहार और व्यायाम के साथ मौंजारो® लेने वाले प्रतिभागियों का वजन 72 सप्ताह में प्लेसबो की तुलना में काफी अधिक घटा। अधिकतम खुराक (15 मिलीग्राम) लेने वालों का औसतन 21.8 किलोग्राम वजन कम हुआ, जबकि न्यूनतम खुराक (5 मिलीग्राम) लेने वालों का वजन औसतन 15.4 किलोग्राम घटा (प्‍लेसबो पर 3.2 किग्रा की तुलना में)।1,2  इसके अलावा, मौंजारो®  की उच्‍चतम खुराक लेने वाले हर तीन में से एक प्रतिभागी ने शरीर के कुल वजन का 25% यानी 26.3 किलोग्राम से अधिक वजन घटाया, जबकि प्लेसबो लेने वालों में यह प्रतिशत मात्र 1.5% रही।  ये आंकड़े ऐसे डेटा के अनुसार हैं, जो टाइप 1 त्रुटि के लिये नियंत्रित नहीं किया गया है।¹ ² संक्षेप में, SURMOUNT-1 अध्ययन में मौंजारों® ने वजन को 21.8 किलोग्राम तक प्रभावी रूप से कम किया।

सरपास प्रोग्राम के तीसरे चरण में, मौंजारो®  की 5, 10 और 15 मिलीग्राम की खुराक का मूल्यांकन किया गया। इसे अकेले या अन्य प्रचलित मधुमेह दवाओं (मेटफॉर्मिन, एसजीएलटी2 अवरोधक, सल्फोनील्यूरिया और इंसुलिन ग्लार्गिन) के साथ दिया गया। परीक्षण में पाया गया कि 40 सप्‍ताह3-6  की अवधि के दौरान सरपास कार्यक्रम में  भाग लेने वाले प्रतिभागियों में 5 मिलीग्राम मौंजारो®  लेने वालों में रक्त शर्करा (A1C) में 1.8% से 2.1% की कमी आई, जबकि 10 और 15 मिलीग्राम मौंजारो®  लेने वालों में यह कमी 1.7% से 2.4% तक दर्ज की गई। कुल मिलाकर, मौंजारो®  ने A1C स्तर को 2.4% तक कम करने में मदद की, फिर चाहे उसे अकेले लिया गया इसे या डायबिटीज की किसी अन्‍य दवा के साथ। 3-6

भारत में लगभग 10.1 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और वयस्क रोगियों में से लगभग आधे का उपचार पर्याप्त रूप से नहीं हो पा रहा है, जिससे उनका ग्लाइसेमिक नियंत्रण असंतुलित बना रहता है।10  मोटापा एक बार-बार होने वाली पुरानी बीमारी है और मधुमेह का एक प्रमुख जोखिम कारक भी है। यह उच्च रक्तचाप, डिस्लिपिडेमिया, कोरोनरी हृदय रोग और ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया सहित 200 से अधिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़ा हुआ है।11,12 वर्ष 2023 तक, भारत में वयस्कों में मोटापे की व्यापकता 6.5% थी, जिससे लगभग 10 करोड़ लोग प्रभावित थे।13

लिली इंडिया के वरिष्ठ चिकित्सा निदेशक, डॉ. मनीष मिस्त्री ने कहा, “मोटापा और मधुमेह दोनों ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हैं, जिनसे कई अन्य जटिल बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इनका सही और लगातार इलाज बेहद ज़रूरी है। हम भारत में मौंजारो®  को लॉन्च करके बेहद उत्साहित हैं, क्योंकि यह उन लोगों की मदद कर सकता है जो अभी तक पर्याप्त इलाज नहीं पा सके हैं। यह दवा चिकित्सकों को इन बीमारियों के लिए एक नया उपचार विकल्प प्रदान करती है।”

मौंजारो®  एक सप्ताह में एक बार ली जाने वाली पर्चे पर मिलने वाली दवा है। यह एकल अणु (सिंगल मॉलीक्यूल) है जो जीआईपी और जीएलपी-1 रिसेप्टर्स दोनों को सक्रिय करता है। यह ग्लूकोज-निर्भर तरीके से इंसुलिन स्राव को बढ़ाता है और ग्लूकागन के स्तर को कम करता है। इसके अलावा, यह इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करता है और गैस्ट्रिक खाली करने की प्रक्रिया को धीमा करता है।14  जीआईपी और जीएलपी-1 रिसेप्टर्स मस्तिष्क के उन क्षेत्रों में सक्रिय होते हैं जो भूख को नियंत्रित करते हैं। मौंजारो®  भूख को नियंत्रित करने के साथ ही भोजन की मात्रा, शरीर के वजन और वसा की मात्रा को भी कम करता है। यह शरीर में वसा के उपयोग को संतुलित करने में सहायक है।  इसके अलावा, मौंजारो® को लिपिड उपयोग को नियंत्रित करने में प्रभावी पाया गया है।¹⁴ मौंजारो® (tirzepatide) पहले ही टाइप 2 डायबिटीज़ और मोटापे से ग्रस्त लाखों लोगों के जीवन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर चुका है।

 

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