भारत ऊर्जा और डिजिटल बुनियादी ढांचे में तेज़ी से बदलाव दर्ज कर रहा है। यहां प्रमुख शहरों में डेटा सेंटर क्षमता में सालाना 30% की वृद्धि होने का अनुमान है और वहनीय ऊर्जा समाधानों राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान दिया जा रहा है। गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप के ऊर्जा समाधान व्यवसाय ने इस बदलाव में योगदान करते हुए वित्त वर्ष ‘25 के लिए ₹2,400 करोड़ से अधिक का एक शानदार ऑर्डर बुक हासिल किया है, जो इसे विशेष रूप से 400केवी और 765 केवी खंड में स्वच्छ ऊर्जा बिजली ट्रांसमिशन में इसके नेतृत्व को दृढ़ता प्रदान करता है। कंपनी ने 80 से अधिक सबस्टेशन सफलतापूर्वक चालू किए हैं और 765 केवी तक की 300 किलोमीटर से अधिक ट्रांसमिशन लाइनें बिछाई हैं। इन प्रयासों को पूरा करते हुए, यह व्यवसाय ऊर्जा-कुशल समाधान प्रदान कर भारत के डेटा सेंटर के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो वहनीयता के लक्ष्यों के अनुरूप हैं। अगले तीन साल में, इसका लक्ष्य ₹2,000 करोड़ की आय वृद्धि हासिल करना है, जिससे भारत के स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण में और तेज़ी आएगी और डिजिटल बुनियादी ढांचे के विस्तार को समर्थन मिलेगा।
गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप के एनर्जी सॉल्यूशंस बिजनेस के कार्यकारी उपाध्यक्ष और व्यवसाय प्रमुख, श्री राघवेंद्र मिर्जी ने कहा, “भारत का ऊर्जा परिदृश्य ऐतिहासिक परिवर्तन के दौर से गुज़र रहा है, जो वहनीयता और आत्मनिर्भरता की तत्काल आवश्यकता से प्रेरित है। राष्ट्र निर्माण के लिए प्रतिबद्ध एक घरेलू समूह के रूप में, हम अत्याधुनिक, उच्च क्षमता वाले ट्रांसमिशन समाधानों के साथ देश के बिजली के बुनियादी ढांचे को मज़बूत करने में बहुत गर्व महसूस करते हैं। हमारा 765 केवी वाले अग्रणी प्रतिष्ठानों का सफल निष्पादन करना न केवल हमारी तकनीकी उत्कृष्टता को रेखांकित करता है, बल्कि भारत के लचीले, हरित ऊर्जा भविष्य में संक्रमण को सक्षम करने में हमारी भूमिका को भी दर्शाता है। हम विश्व स्तरीय बिजली समाधान प्रदान कर स्वच्छ ऊर्जा और औद्योगिक विकास में वैश्विक नेता के रूप में भारत की स्थिति को मज़बूत कर रहे हैं।”
यह व्यवसाय राजस्थान और हरियाणा में अपना पहला ग्रीनफील्ड 765(KV) केवी एयर इंसुलेटेड सबस्टेशन (AIS) प्रोजेक्ट और महाराष्ट्र में एक ऐतिहासिक ग्रीनफील्ड 765/400 केवी गैस इंसुलेटेड सबस्टेशन (GIS) परियोजना चला रहा है। ये परियोजनाएं महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा में हरित ऊर्जा निकासी (इवैक्यूएशन) के लिए महत्वपूर्ण हैं, जो भारत के नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसके अतिरिक्त, इसने मुंबई की भूमिगत मेट्रो परियोजनाओं में से एक के लिए इलेक्ट्रिकल का काम पूरा किया, जिससे शहर की भीड़भाड़ में 15% की कमी आने की उम्मीद है। नवीकरणीय क्षेत्र में, व्यवसाय ने मध्य प्रदेश में एक कपड़ा संयंत्र के लिए 12.5 एमडब्ल्यूपी (MWp) की रूफटॉप सौर परियोजना शुरू की, जो 1 मिलियन वर्ग फीट से अधिक के दायरे में फैली है। यह इंस्टॉलेशन भारत में सबसे बड़े रूफटॉप इंस्टॉलेशन में से एक है और मध्य प्रदेश में सबसे बड़ा है। ये परियोजनाएं देश के बुनियादी ढांचे और वहनीयता के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में निजी उद्यमों की भूमिका की मिसाल हैं।
व्यवसाय का एमईपी (MEP) प्रभाग अत्याधुनिक, वहनीय समाधानों के साथ भारत के डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने में सहायक रहा है। हाल के दिनों में, व्यवसाय ने अपनी सबसे बड़ी डेटा सेंटर परियोजना- दक्षिण भारत में 12 मेगावाट क्षमता का संयंत्र, जिसका मूल्य ₹78 करोड़ है – सफलतापूर्वक पूरा किया है। इसे 4,000 रैक रखने के लिए डिज़ाइन किया गया है और यह ऊर्जा दक्षता के लिए आईजीबीसी (IGBC) गोल्ड मानकों को पूरा करता है। मुंबई, चेन्नई, नोएडा आदि जैसे प्रमुख डीसी हब में ग्रीनफील्ड और कोलोकेशन परियोजनाओं में 35 मेगावाट से अधिक के डेटा सेंटर क्षमता के साथ, गोदरेज इस क्षेत्र के तेज़ी से विस्तार का समर्थन करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
भारत के अपने स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार को गति देने के बीच गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाले दीर्घकालिक प्रभाव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नवोन्मेषी और वहनीय बिजली समाधान देने के लिए प्रतिबद्ध है।