Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 22 जनवरी 2021 – तीसरे एएसएलआइ एनुअल सीनियर केयर कॉन्क्लेव की आज शुरुआत हुई। इसमें भारत में वरिष्ठ नागरिकों के रहन-सहन और देखभाल समुदायों के क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर के लिए सबसे पहले स्टैऩ्डर्ड्स एंड एक्रेडिटेशन मैट्रिक्स को रोल-आउट करने के लिए एसोसिएशन ऑफ सीनियर लिविंग इन इंडिया (एएसएलआई) ने स्टैन्डर्ड्स वाइज़ इंटरनेशनल की भारतीय कंपनी – स्टैन्डर्ड्स वाइज़ इंटरनेशनल इंडिया (एसडबल्यूआईआई) और कॉमनएज इंडिया (सीए) के साथ सहयोग की घोषणा की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस का विषय था ‘रिइमेजिनिंग द सीनियर केयर लैन्डस्केप’ (‘वरिष्ठों की देखभाल परिदृष्य की नए सिरे से कल्पना’) जिसमें इस उद्योग से जुड़े प्रतिष्ठित विशेषज्ञों – श्री अंकुर गुप्ता, सह-संस्थापक एवं चेयरमैन, एएसएलआई एवं जेएमडी, आशियाना हाउसिंग लिमिटेड; श्री डेविड स्टीवन्स, संस्थापक, स्टैन्डर्ड्स वाइज़ इंटरनेशनल; श्री आदर्श नरहरि, संस्थापक एवं एमडी, प्राइमस लाइफस्पेसेस प्रा. लिमिटेड और श्री मोहित निरुला, सीईओ, कोलंबिया पैसिफिक कम्यूनिटीज़ ने भारत में वरिष्ठ नागरिकों के देखभाल से जुड़ी चुनौतियों, समाधान एवं भविष्य की योजनाओं का मूल्यांकन एवं विस्तार से चर्चा की। इस तीन दिवसीय संगोष्ठी का उद्देश्य विचारपूर्वक तैयार किए गए सत्रों और पैनल चर्चा के माध्यम से वरिष्ठों की देखभाल को प्रभावित करने वाले प्रमुख क्षेत्रों पर एक सकारात्मक संवाद उपलब्ध कराना है।
श्री दुर्गा शंकर मिश्रा, सचिव, आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय, और श्री आर. सुब्रमण्यम, सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने संगोष्ठी के पहले दिन विशेष रुप से उपस्थित रहकर वरिष्ठों की देखभाल के विषय में अपने दृष्टिकोण एवं विचार साझा किए। अन्य उपस्थित प्रमुख वक्ताओं और इंडस्ट्री दिग्गजों में थे श्री रजित मेहता, मेन्टॉर, सीआईआई सीनियर केयर टास्कफोर्स और सीईओ एवं एमडी, अंतरा सीनियर लीविंग; श्री वैभव तिवारी, सह-संस्थापक एवं सीओओ, पोर्टिया मेडिकल; कुमारी पविथ्रा गंगाधरन, संस्थापक, क्षेत्र असिस्टेड लिविंग और डॉ. रेणु वर्गीज़, चेयरपर्सन त्रावणकोर फाउंडेशन। इस कॉन्क्लेव में इस इंडस्ट्री की ज़रुरतों को संबोधित करने के लिए नॉलेज लीडर्स एवं विभिन्न सरकारों, सीनियर लिविंग ऑपरेटरों, स्वास्थ्य देखभाल संस्थाओं, टेक्नोलॉजी विशेषज्ञों, शिक्षा विशेषज्ञों और एनजीओ के 200 से ज़्यादा प्रमुख हितधारक एक साथ आएंगे। उन्मुक्त – द सीनियर हब के साथ भागीदारी में एएसएलआई द्वारा कॉन्क्लेव के उद्घाटन के बाद, जनवरी 23 और जनवरी 24, 2021 को दो दिवसीय सीनियर उत्सव ऑनलाइन एक्स्पो आयोजित किया जाएगा। इसके ज़रिए वरिष्ठों को सीनियर केयर के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न बिजनेस के साथ बातचीत के ज़रिए उनकी अनोखी ज़रूरतों से मेल खाने वाले उत्पादों और सेवाओं की खोज करने के लिए एक वर्चुअल प्लैटफॉर्म उपलब्ध कराया जाएगा।
भारत के लिए विशेष तौर पर तैयार किए गए एक्रिडिटेशन मैट्रिक्स के साथ वरिष्ठ नागरिकों के रहन-सहन और देखभाल मानकों को पेश करने और बढ़ावा देने के लिए एएसएलआई, एसडबल्यूआई और सीए इस सहयोग से महत्वपूर्ण विशेषज्ञता एक साथ लाते हैं। विभिन्न मानदंडों और गुणवत्ता मानकों के सत्यापन और मूल्यांकन के बाद जारी किए जाने वाले प्रमाणपत्र पर एएसएलआई, एसडबल्यूआईआई और द कॉमनवेल्थ एसोसिएशन फॉर एजिंग का पृष्ठांकन होगा। श्री मन्सूर दलाल, संस्थापक एवं चेयरमैन एमिरेटस, एएसएलआई द्वारा संपादित एवं लिखित मानक एएसएलआई कोड ऑफ प्रैक्टिस को अपनाता है और एसडबल्यूआई से लिए गए मौजूदा मानक एवं प्रमाणन टेंप्लेट में वृद्धि करता है। यह भारतीय संदर्भ के लिए सुसंगत एवं अनोखे संकेतकों और साक्ष्यों को इसमें शामिल करता है, वैश्विक सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं के साथ स्व-नियमन के लिए प्राथमिक परिचालन कोड का परिचय कराता है। मानकों में चार-स्तर के पदानुक्रम वाले आठ गुणवत्ता मानक होते हैं – गवर्नेंस, प्रबंधन एवं कार्मिक, डिज़ाइन एवं कंस्ट्रक्शन, सुविधा प्रबंधन, निवास जुड़ाव एवं अनुभव, टेक्नोलॉजी एवं सूचना प्रबंधन एवं स्वच्छता, सुरक्षा, संक्रमण रोकथाम / महामारी नियंत्रण (एचएसआईपीसी) और इसका आशय और इसके साथ ही उल्लिखित आशय हासिल करने के लिए अनेक मानदंड।
श्री अंकुर गुप्ता, सह-संस्थापक एवं चेयरमैन, एएसएलआई एवं जेएमडी, आशियाना हाउसिंग लिमिटेड ने इस सहयोग पर प्रतिक्रिया देते हुए और महामारी के बाद के काल में वरिष्ठों की देखभाल के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “भारत में वरिष्ठों की देखभाल के लिए स्टैंडर्ड्स एवं एक्रेडिटेशन मैट्रिक्स की पेशकश भारत में स्व-नियमन के लिए एक प्राथमिक परिचालन कोड पेश करने और एप्लिकेशन के लिए मौजूदा टेम्प्लेट में वृद्धि करने की हमारी एक कोशिश है। वरिष्ठों की देखभाल पर ध्यान केंद्रित करने में वृद्धि सिल्वर इकोनॉमी यानि बुजुर्गों से जुड़ी अर्थव्यवस्था के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कारक साबित हो सकती है और यह भारत की रिकवरी की राह में भारत की रफ्तार बढाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। वरिष्ठों की देखभाल में उज्जवल भविष्य को आकार देने के लिए एक समग्र इकोसिस्टम तैयार करने हेतु हम सरकार, भागीदारों, इंडस्ट्री विशेषज्ञों और अन्य प्रमुख हितधारकों के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
श्री डेविड स्टीवन्स, संस्थापक, स्टैन्डर्ड्स वाइज़ इंटरनेशनल ने विचार साझा करते हुए कहा, “हमारे समाज को समृद्ध करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है कि एक ऐसा भविष्य तैयार किया जाए जहाँ समुदायों में वरिष्ठों को खुले दिल से गले लगाया जाए. जहाँ वरिष्ठ नागरिक खुद को सम्मिलित एवं महत्वपूर्ण, सक्षम एवं स्वतंत्र, सक्रिय एवं एक बहु-पीढ़ियोंवाले समुदाय का एक भाग महसूस करें। एसडबल्यूआईआई एवं एएसएलआई जैसी संस्थाएँ ऐसे बेहतर सॉल्यूशन तैयार करने में सहायता करती हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करती हैं कि इन सॉल्यूशन्स के मानक जितना संभव हो उतना उच्च रहें। मानकों से ग्राहकों में जागरुकता बढ़ाने में मदद मिलती है और उन्हें सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर ज़्यादा आश्वस्त किया जा सकता है। राष्ट्रीय एवं राज्य सरकारें इस महत्व पर ज़ोर देकर सहायता कर सकते हैं कि सेवा प्रदाता स्व-नियमन करें और उनके पास ऐसे गुणवत्ता मानक हों जिसका सख्ती से पालन किया जाए।”
सरकार की सहायता के महत्व के बारे में बात करते हुए श्री आदर्श नरहरि, संस्थापक एवं एमडी, प्राइमस लाइफस्पेसेस प्रा. लिमिटेड ने कहा, “हमें सरकार की ओर से नीतियों में सुधार के रुप में सहायता की ज़रुरत है। हमें समुदायों में वरिष्ठों की देखभाल से जुड़ी सेवाओं के लिए जीएसटी में छूट और इसके साथ ही रिवर्स मॉर्टगेज नियमों में भी संशोधन और वरिष्ठ नागरिकों के लिए व्यवहार्य मेडिकल इंश्योरेंस की ज़रुरत है। यदि सभी शहरी स्तर के मास्टरप्लान में सेवानिवृत्त समुदायों के विकास के लिए विशेष ज़ोन को शमिल किया जाए तो यह सोने पर सुहागा होगा। ”
किस प्रकार ओल्ड एज होम से जुड़े सामाजिक कलंक को धोने का काम सीनियर केयर की सुविधाएं कर रही हैं, इस बात पर प्रकाश डालते हुए श्री मोहित निरुला, सीईओ, कोलंबिया पैसिफिक कम्यूनिटीज़ ने कहा, “कोलंबिया पैसिफिक कम्यूनिटीज़ में हमें एक अवांछित दृष्टिकोण को बदलने में बहुत खुशी मिलेगी कि वरिष्ठों के आवास की सुविधाएँ उन लोगों के लिए समाधान हैं जिनके पास “कोई विकल्प नहीं” हैं, बल्कि यह उन वरिष्ठों के लिए एक “पसंदीदा समाधान” है जो मिश्रित परिवार के समुदायों या उनके घरों में अकेले रह रहे हैं।”
लॉन्गीट्यूडन एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया (एलएएसआइ), द्वारा 2011 में संचालित एक जनगणना में खुलासा किया गया है कि साल 2050 तक वरिष्ठ नागरिकों की जनसंख्या सालाना 3 फीसदी की रफ्तार से बढ़ते हुए 319 मिलियन के पार हो जाएगी। यह वृद्ध वयस्क एक डायनैमिक ग्राहक समूह का प्रतिनिधित्व करते हैं, वरिष्ठ नागरिकों की इच्छाओं और ज़रुरतों के जारी रहने के साथ निवेश के नए अवसर भी उपलब्ध कराते हैं- एक ऐसे उत्पादों और सेवाओं का बैंड जिसे सिल्वर इकोनॉमी कहा जाता है। एएसएलआई की स्थापना दिसंबर 2012 में एक संपूर्ण सीनियर केयर कंटीन्यूएम ( सीनियर लिविंग, होम केयर और लाइफस्टाइल और टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर) की वृद्धि और विकास में उत्प्रेरक की भूमिका निभाने के विज़न के साथ एक राष्ट्रीय संस्था के तौर पर की गई थी। इसके साथ ही स्व-नियमन के मॉडल का निर्माण करने और खासकर इसके सदस्यों और उद्योग द्वारा परिचालन उत्कृष्टता हासिल करने के लिए न्यूनतम मानकों के मार्गदर्शक तत्वों पर सरकार के साथ मिलकर काम करने के लिए इसकी स्थापना की गई।