Editor-Manish Mathur
जयपुर, 25 जनवरी 2021 – कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने इनाफ टेगिंग एवं कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य शत प्रतिशत पूरा करने तथा पशुओं में दूध उत्पादन बढ़ाने का प्रयास करने के निर्देश दिए। श्री कटारिया सोमवार को यहां पंत कृषि भवन में आयोजित बैठक में पशुपालन विभाग की योजनाओं की क्रियान्वित की समीक्षा कर अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे।
मंत्री श्री कटारिया ने कहा कि राज्य में पशुपालन प्रमुख व्यवसाय है, जिसे ज्यादा आर्थिक फायदेमंद बनाने के लिए प्रयास करें। उन्होंने पशुओं की देशी नस्लों के संरक्षण एवं संवर्धन पर जोर देते हुए दूध उत्पादकता बढ़ाने के लिए कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रजनन फाम्र्स के कार्यों की समीक्षा करते हुए अनावश्यक स्टॉफ को हटाने के निर्देश दिए।
पशुपालन मंत्री ने राज्य के प्रगतिशील पशुपालकों का डेटा तैयार कर सोशल मीडिया के माध्यम से तकनीकी जानकारी एवं सलाह निरन्तर साझा करने के निर्देश दिए। उन्होंने ज्यादा उपयोग वाली दवाओं की मात्रा बढ़ाने, इनाफ टेगिंग एवं कृत्रिम गर्भाधान बढ़ाने तथा पशु आहार जांच के लिए प्रक्रिया तय करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य में बर्ड फ्लू की स्थिति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सतर्क रहते हुए निरंतर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि मुर्गियों में इस रोग का कोई संक्रमण सामने नहीं आया है, पक्षियों के मरने की संख्या में निरन्तर कमी आ रही है और स्थिति नियंत्रण में है।
श्री कटारिया ने राजपत्रित एवं गैर-राजपत्रित संवर्ग की विभागीय पदोन्नति (डीपीसी) प्रक्रिया 15 फरवरी से पहले पूरी करने के निर्देश दिए। उन्होंने भर्ती प्रक्रियाएं समय पर सम्पादित कराने और अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का शत प्रतिशत निस्तारण करने के निर्देश दिए।
कृषि एवं पशुपालन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री कुंजीलाल मीना ने नवीन पशु चिकित्सा संस्थाओं के भवन निर्माण की गति बढ़ाने के लिए कार्यकारी एजेंसी बदलकर ग्राम पंचायत को बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को सभी पशु अस्पतालों का निरीक्षण कर दवाओं का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए।
इस दौरान मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने डॉ. अमित शर्मा की ‘डेयरी उद्यमिता-एक परिचय’ पुस्तक का विमोचन किया। साथ ही उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी-कार्मिकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए। बैठक में पशुपालन विभाग की शासन सचिव डॉ. आरूषि मलिक, निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह सहित पशुपालन, पशुधन विकास बोर्ड एवं मत्स्य विभाग के उच्च अधिकारी उपस्थित थे।