Editor-Manish Mathur
जयपुर, 28 जनवरी 2021 – प्रदेश में व्यसन मुक्त समाज के लिए जागरूकता के उद्देश्य से आगामी दिनों में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा दिए गए 12 सूत्री टैम्परेंस प्रोग्राम के आधार पर सेमीनार एवं वर्कशाप जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें शराब और अन्य प्रकार के नशे के सेवन से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव के बारें में माहौल तैयार करते हुए लोगों से समझाइश की जाएगी।
जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने गुरूवार को शासन सचिवालय में प्रदेश में आबकारी नीति के प्रावधानों के तहत शराबबंदी की मांग से जुड़े व्यवहारिक पहलुओं पर पूर्व में दी गई रिपोर्ट पर विचार-विमर्श के लिए गठित हाईपावर कमेटी की अध्यक्षता करते हुए इस बारे में अधिकारियों को निर्देश दिए।
जलदाय मंत्री डॉ. कल्ला ने कहा कि भावी एवं वर्तमान पीढ़ी को नशे से दूर रखने के लिए ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर स्कूल एवं कॉलेजों में स्वयंसेवी संस्थाओं और विभिन्न विभागों की भागीदारी से विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान, निबंध, वाद-विवाद और स्लोगन राईटिंग कम्पीटीशन जैसे कार्यक्रम सतत रूप से आयोजित हो और इनमें नशे के दुष्प्रभावों के बारे में प्रचार-प्रसार सामग्री का भी वितरण किया जाए।
डॉ. कल्ला ने बैठक के दौरान श्रीमती पूजा छाबड़ा के साथ आए दल के लोगों को सुना और इस सम्बंध में अधिकारियों को आवश्यक निर्देश प्रदान किए।
बैठक में बताया गया कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से जागरूकता कार्यक्रमों के संचालन के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं का चिह्वित किया जा रहा है। इसके तहत अब तक 15 जिलों में सर्वे का कार्य पूर्ण हो चुका है।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव (गृह) श्री अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव (कार्मिक) श्री हेमंत गैरा, शासन सचिव (वित्त-राजस्व) श्री टी. रविकांत, शासन सचिव (उच्च एवं तकनीकी शिक्षा) शुचि शर्मा, आबकारी आयुक्त श्री जोगाराम, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक श्री ओपी बुनकर, जिला आबकारी अधिकारी, जयपुर श्री सुनील भाटी के अलावा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग और अन्य सम्बंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।