Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 07 फरवरी 2021 – एक ओर जहाँ सरकार द्वारा कन्या भु्रण हत्या जैसे घृणित अपराध को रोकने के लिए बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे अभियान चलाये जा रहे है। वहीं दूसरी ओर दहेज के नाम पर जिन्दा राक्षस उन्हीं बेटियों की हत्या करने से भी बाज नहीं आ रहे। 21 वीं सदी के इस युग में जहाँ बालिकायें पढ़-लिखकर शिक्षा के क्षेत्र में बेटों से भी मीलों आगे निकल चुकी है। लेकिन दहेज नाम का यह दानव मानव समाज के पैरों में बेडिय़ां बनकर पड़ा हुआ है। ऐसा ही कुछ घृणित व नृशंस घटनाक्रम क्षेत्र के ग्राम सांगटेड़ा की बेटी रविना के साथ घटित हुआ है। जिसकी अलवर में दहेज लोभी ससुराल पक्ष के नर भक्षियों द्वारा दहेज के लिए हत्या कर दी गई। क्षेत्र में जिसने भी यह समाचार सुना वह सिहर उठा। इस सनसनी खेज घटना की जानकारी जैसे ही ग्राम सांगटेडा में मृतका के परिजनों तक पहुँची। वैसे ही बड़ी संख्या में सांगटेडा के ग्रामीण अलवर के जिला अस्पताल जा पहुँचे।
क्या है घटनाक्रम :- प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम सांगटेडा निवासी ठेकेदार हरिराम उर्फ भूपेन्द्र ने अपनी बेटी रविना (23) की शादी विगत 25 नवम्बर 2020 को अलवर के अम्बेडकर कॉलोनी निवासी प्रदीप पुत्र स्व. हरिसिंह के साथ की थी। विवाह के बाद से ही ससुराल पक्ष के लोग लगातार फॉरचुनर गाड़ी एवं आभुषणों की मांग करके मृतका को प्रताडि़त कर रहे थे। दहेज के लिए मारपीट रोजाना की बात हो गई थी। यही नहीं पीहर से फोन जाने पर भी रविना से बात तक नहीं करवा रहे थे। परिजनों का आरोप है कि ससुराल पक्ष के लोगों ने बुधवार 3 फरवरी की शाम करीब 5 बजे रविना की पीट-पीटकर हत्या कर दी। इस जघन्य हत्याकाण्ड के बाद पुलिस ने बगैर मृतका के परिजनों को सूचित किये शव को अलवर के जिला अस्पताल में रखवा दिया। बाद में सूचना मिलने पर परिजन जिला अस्पताल अलवर पहुँचे। पुलिस द्वारा पीहर पक्ष के लोगों के बार-बार माँग किये जाने के बावजुद भी बुधवार देर रात्रि तक एफआईआर तक दर्ज नहीं की गई। बेहद दबाव बनने के बाद घटना का काफी समय बीत जाने के बाद एफआईआर तो दर्ज की गई लेकिन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। जिसकी वजह से मृतका के परिजन व सांगटेड़ा के ग्रामीण जिला अस्पताल में ही धरने पर बैठ गये। धरने पर बैठे पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना, सांगटेडा सरपंच सोनू चौधरी, एड. अरूण चौधरी, एड. प्रदीप चौधरी, रतनलाल शर्मा समेत अन्य ग्रामीणों का कहना था कि जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता तब तक वे धरने पर डटे रहेगें। इस सम्बंध में अलवर के एनईबी थानाधिकारी बिजेन्द्र सिंह ने बताया कि मृतका के शव का मेडीकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया है। साथ ही घटना स्थल का मौका मुआयना कर एसएफएल परीक्षण भी करवाया गया है। पुलिस का कहना है कि मृत्यु संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। थानाधिकारी ने यह भी बताया कि इस सम्बंध में करीब 3 बजे रविना के ससुराल वालों ने थाने पर फोन करके बताया था कि बहु कमरे में दरवाजा बंद करके फंदे पर लटकी हुई है। अगर आप कहे तो दरवाजा तोडकऱ अस्पताल ले जायें। पुलिस ने कहा कि अगर ऐसा है तो दरवाजा तोडकऱ अस्पताल ले जाईये। हालांकि उसे जब अस्पताल ले जाया गया तब तक उसकी जान जा चुकी थी। प्रथम जाँच में सामने आया कि मृतका रविना के शरीर पर चोट के निशान है। जिस कमरे में उसका शव था उसकी फॉरेनसिक जांच भी करवाई जा रही है।
विवाह में खर्च किये थे 88 लाख :- मृतका के चाचा राजेश जाट ने बताया कि विवाह में 88 लाख रूपयों की राशि खर्च की गई थी। जिसमें एक स्कारपियो गाड़ी (टॉप मॉडल), 11 लाख 51 हजार रूपयों की नकदी, 9 लाख का फर्नीचर व इलैक्ट्रोनिक सामान, 4 लाख 76 हजार रूपया कपड़ों के लिए नकद, 300 ग्राम सोने के जेवर, परिजनों के लिए 15 तौला सोने की ज्वैलरी के अलावा हर प्रकार का खर्च परिजनों द्वारा हैसियत से आगे बढकऱ किया गया था। लेकिन इसके बावजुद भी ससुराल पक्ष की दहेज की मांग बढ़ती ही जा रही थी।
सोशियल साईट पर चल रहा टें्रड :- उक्त नृशंस घटनाक्रम के बाद जस्टिस फॉर रविना नाम से सोशियल मीडिया पर निरन्तर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की जा रही है। इसको लेकर फेसबुक, व्हॉट्सअप, इंस्टाग्राम व ट्विटर पर निरन्तर टें्रड चल रहा है।
टुट गये मृतका के पिता :- मृतका के पिता भूपेन्द्र उर्फ हरिराम ने प्रैस के सामने रोते हुए बताया कि शादी को दो महिने ही हुए थे। बेटी को बड़े ही अरमानों से विदा किया था। 88 लाख रूपये खर्च करने के बावजुद भी ससुराल वालों का पेट नहीं भरा। अलवर जिला अस्पताल के सामने बिरखते हुए उन्होंने बताया कि 20 लाख की स्कारपियो देने के बावजुद भी वे 32 लाख रूपयों की फॉरचुनर, बडा मोबाईल व अन्य सामान मांग रहे थे। मुझे क्या पता था कि बेटी की हत्या ही कर देगें वरना उसका इंतजाम भी कर देता। भूपेन्द्र ने यह भी बताया कि उसने अपनी पुत्री को अच्छी शिक्षा दिलाई। जिसके बाद वह प्रशासनिक सेवाओं के लिए कोचिंग भी करवा रहा था। इसी बीच उसकी सगाई तय कर दी गई। रिश्ता करवाने वालों ने बताया कि दामाद वेटनरी की पढ़ाई कर रहा है। घर में खाने-पीने की भी कोई दिक्कत नहीं थी। इसलिए क्षमता से अधिक खर्च कर बेटी का विवाह किया था। शादी के दौरान भी ससुराल वालों की हर मांग को माना था। ससुराल वाले बेटी की बात घर नहीं करवाते थे। कभी कभी वह अपनी ननद के फोन से ही बात कर पाती थी। अपने पिता की इज्जत के लिए वह प्रताडऩा की बात को छुपाती रही। रविना के पिता कई बार ससुराल वालों को समझाने के लिए अलवर भी गये। यही नहीं बिचौलिये से भी शिकायत की। उन्होंने यह भी बताया कि घटना के दिन बिचौलियां जिसे वह फूफा कहती है वह अलवर पहुंचा था। 12 बजे वहां पहुंचने के बाद 2 बजे तक घर में रहा। शाम करीब 4.30 बजे जब मृतका के पिता ने अपनी बेटी की ननद के फोन पर कॉल किया तो वह बंद आया। जब उसने अपनी बेटी के फोन पर कॉल किया तो उसकी सास संतोष ने फोन उठाया एवं उल्टी-सीधी बात करने लगी। शाम को करीब 5.30 बजे हरिराम को उनकी बेटी के नम्बर से कॉल करके यह सूचना दी गई कि आपकी बेटी मर गई है एवं फोन काट दिया गया। उसके बाद हरिराम सभी घरवालों के नम्बर पर फोन करता है लेकिन कोई फोन नहीं उठाता है। घटनाक्रम में सरासर पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। वहीं मामले में हस्तक्षेप करने के लिए पहुंचे आरोपी प्रदीप के 62 वर्षिय नाना की भी मृतका के परिजनों ने जमकर धुलाई कर दी। जिसे मौके पर मौजुद पुलिस ने बचाया नहीं तो अस्पताल परिसर में ही बुजुर्ग की मॉब लिंचिग हो जाती। इस सम्बंध में पुलिस ने मृतका के पति प्रदीप, सास संतोष, देवर पवन व सुनील के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।