Editor-Manish Mathur
जयपुर 03 मार्च 2021 – युवा मामलात एवं खेंल मंत्रालय भारत सरकार और महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के साझा तत्वाधान में छात्र कल्याण निदेशालय के अर्त्तगत हाल ही में स्थापित एम्पेनल्ड ट्रनिंग इन्सटिट्ंयूशन ;ई.टी.आई.द्ध के द्वारा आयोजित 7 दिवसीय चौथी आन लाइन ष्अभिविन्यास प्रशिक्षण कार्यशालाष् का उद्घाटन आज प्रातः 11 बजें आन लाइन प्रारम्भ हुआ। इसमें राष्ट्रीय सेवा योजना के राजस्थान राज्य के कार्यक्रम अधिकारी प्रशिक्षित होगे।
कार्यशाला के उद्घाटन के प्रारम्भ में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलगीत एवं राष्ट्रीय सेवा योजना का गीत वादन किया गया। उसके पश्चात डॉ. सुधीर जैन कार्यक्रम समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना एवं निदेशक, एम्पेनल्ड ट्रेनिंग इन्सटिट्ंयूशन तथा छात्र कल्याण अधिकारी ने अतिथियों एवं प्रतियागियों का स्वागत करतें हुए बताया कि उक्त कार्यक्रम में राजस्थान के विभिन्न जिलों के कॉलेजों से 40 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं, जो कि राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी है एवं सम्बधित महाविद्यालयों में सहायक प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं।
मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति कोटा विश्वविद्यालय डॉ. पी. के. दशोरा ने अपने उद्बोधन में बताया कि राष्ट्रीय सेवा योजना का मूल उद्देश्य युवाओं में सर्वागीण विकास के क्रम की प्राथमिक कडी है। राष्ट्र की युवा शक्ति को स्वयं को छोटा करने की प्रक्रिया को अपनाते हुए राष्ट्र निर्माण, राष्ट्र बनाने और सामुदायिक स्तर राष्ट्र प्रेम की भावना को जागृत करना है। समाज से पाये अनुभव की शिक्षा, समपर्ण, सहिष्णुता का समाज, जिला, प्रदेश और देश की विचार धारा को क्रियान्विति के साथ अपनाने की आवश्यकता है, जिसमेंं – कार्यक्रम अधिकारी, समुदाय, स्वयंसेवक सभी को कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है।
उन्होने यह भी कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना मात्र स्वयं के लिए नहीं दूसरो के लिए तक ही सीमित हो जाने के लिए नहीं अपितु समष्टिगत लक्ष्य निर्धारित कर सामाजिक, सामुदायिक, सोच – विचार, अवदान के आदान प्रदान के साथ सहचार की भावना का प्रार्द्भाव करना है। हमें भी समझना है और स्वयंसेवको को भी समझाना हैं कि समस्या का निराकरण कैसे हो और किया जाए मेरी दृष्टि में राष्ट्र सेवा योजना का मूल उद्देश्य समाज और राष्ट्र की समस्याओं का निराकरण करते हुए विकसित राष्ट्र का निर्माण करना ।
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौड कुलपति. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने एन.एस.एस छात्रों में नवाचार, विचार क्षमता, समस्या पूर्ति संगठित कार्य करने की शैली का विकास करते हुए, विकास और विश्वास की गतिविधि का जागरण करता है। एबिलिटी से एक्टीविटी- प्रयोगात्मक उद्देश्य की पूर्ति करने में सहायक होती है। समूह की क्षमता की परिणिति का भान कराने वाली राष्ट्रीय सेवा योजना, जीवन मूल्यों के साथ सुखद एहसास कराने वाली योजना है एन.एस.एस, प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण साद्श्य है।
क्षैत्रीय निदेशक राष्ट्रीय सेवा योजना श्री एस.पी. भटनागर नें कार्यक्रम की रूप रेखा और चतुर्थ आन लाइन आयोजन हेतु बधाई देते हुए प्रशिक्षण शिविर की सफलता की कामना की।
उद्धद्याटन में सुधीर जैन ने सभी प्रतिभगियों, वक्ताओं का उनके अनुभवों से सीखने की सलाह देते हुए स्वयं को उनके अनुसरण की पालना करने की शपथ लेनी चाहिए। अतं में सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं का धन्यवाद किया ।