एमएसएमई क्रेडिट हेल्थ इंडेक्स में उच्चतर विकास के साथ-साथ दिखी बढ़ी हुई ताकत, ईसीएलजीएस से मिली मदद

Editor-Ravi Mudgal

जयपुर 05 मार्च 2021  – नवीनतम एमएसएमई क्रेडिट हेल्थ इंडेक्स इंगित करती है कि एमएसएमई क्रेडिट की वृद्धि जून 2020 में समाप्त तिमाही की तुलना में सितंबर 2020 में समाप्त तिमाही में तेज हो गई है। समग्र ग्रोथ या विकास इंडेक्स सितंबर में 114 पर पहुंच गई, जून के 111 की तुलना में इसमें तीन-बिंदु की वृद्धि हुई है, जबकि समग्र स्ट्रेंथ या शक्ति इंडेक्स भी इस अवधि में 83 से बढ़कर 89 हो गई।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के साथ साझेदारी में भारत में एमएसएमई क्षेत्र की ग्रोथ और स्ट्रेंथ का एक विश्वसनीय माप और बेंचमार्क प्रदान करने के लिए, नवंबर 2020 में एमएसएमई क्रेडिट हेल्थ इंडेक्स की शुरुआत की गई थी। एमएसएमई क्रेडिट हेल्थ इंडेक्स को उधार देने वाले संस्थानों द्वारा ट्रांसयूनियन सिबिल को दिए गए क्रेडिट डेटा का उपयोग करके बनाया गया है। इंडेक्स भारत के एमएसएमई उद्योग के क्रेडिट स्वास्थ्य को दो मापदंडों पर मापती है: ग्रोथ और स्ट्रेंथ । समय के साथ-साथ एक्सपोजर वैल्यू (बकाया शेष) में वृद्धि / कमी के आधार पर ग्रोथ को मापा जाता है, वहीं गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) के संदर्भ में क्रेडिट जोखिम में वृद्धि /कमी से स्ट्रेंथ को मापा जाता है। विकास और शक्ति सूचकांक, दोनों उच्चतर के सिद्धांत का पालन करते हैं, यानी अधिक होना बेहतर है – क्रेडिट ग्रोथ में वृद्धि ग्रोथ इंडेक्स इंडिकेट्स में सुधार का और संपत्ति की गुणवत्ता में वृद्धि स्ट्रेंथ इंडेक्स इंडिकेट्स में सुधार को दर्शाते हुए इस क्षेत्र की संरचनात्मक ताकत में सुधार को दर्शाती है।

एमएसएमई क्रेडिट की वृद्धि (क्रेडिट एक्सपोजर में साल-दर-साल वृद्धि) जून 2020 के बाद से बढ़ी है, संभवतः सरकारी योजनाओं से मिली महत्वपूर्ण बढ़त के कारण, जैसे कि ईसीएलजीएस,  जिसका उद्देश्य वैश्विक कोविड-19 महामारी और लाॅकडाउन से जूझ रहे क्षेत्र को उबारने में मदद करना था।

ट्रांसयूनियन सिबिल के एमडी और सीईओ श्री राजेश कुमार ने कहा, ‘ईसीएलजीएस एक बहुत ही दूरदर्शी और समय पर किया गया नीतिगत हस्तक्षेप है जो अल्पावधि के साथ-साथ दीर्घकालिक, दोनों लाभों को साबित कर रहा है। जैसा कि एमएसएमई के पास इसकी बदौलत अब बहुत ही आवश्यक वित्तीय सहायता मौजूद है, जिससे वे अपने व्यवसायों को बड़े पैमाने पर आगे बढ़ाने में सक्षम हैं, जबकि उन्होंने महामारी और उसके परिणामस्वरूप लॉकडाउन से अपने बिजनेस में कमी महसूस की थी। जहां पीएसबी ने एमएसएमई को क्रेडिट आपूर्ति प्रदान करने में प्रारंभिक बढ़त हासिल कर ली है, वहीं निजी बैंक और एनबीएफसी ने भी एमएसएमई को हालिया तिमाहियों में ऋण देना तेज किया है।

ऋणदाता टाइप के स्तर पर विश्लेषण के परिणामों से पता चलता है कि निजी बैंकों-पीवीटी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों-पीएसबी ने कैलेंडर वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही 2 और तीसरी तिमाही में वृद्धि देखी है जबकि नाॅन बैंकिंग वित्तीय कंपनियां-एनबीएफसी सूचकांक में एक मौन वृद्धि दिख रहे हैं। संपूर्ण क्रेडिट संवितरण डेटा से पता चला है कि पीएसबी जून 2020 से सितंबर 2020 तक की अवधि में अग्रणी एमएसएमई ऋणदाता समूह के रूप में उभरे हैं। निजी बैंकों के डिस्बर्सल भी लॉकडाउन के दौरान प्रभावित हुए थे, हालांकि ये कोविड-19 के पूर्व स्तर पर वापस आ गए हैं।

ग्रोथ इंडेक्स के समान, पोर्टफोलियो के बढ़े हुए आधार प्रभाव के कारण, सभी ऋणदाता श्रेणियों में स्ट्रेंथ इंडेक्स में सुधार देखा गया है।

एमएसएमई आकार द्वारा स्ट्रेंथ इंडेक्स का विश्लेषण करने पर, परिणामों से पता चला कि सभी एमएसएमई खंडों में सूचकांक मान जून 2020 में समान स्तर पर पहुंच गए हैं, भले ही उन्होंने पिछले दो वर्षों में विभिन्न विकास प्रक्षेपवक्रों का पालन किया हो। समग्र ग्राफ को देखे तो, सितंबर 2020 में सूचकांक वृद्धि को एनपीए की वास्तविक कमी का प्रतिबिम्ब नहीं माना जा सकता। एनपीए पुनर्गठन के संबंध में नियामक सूचकांक के रूप में अगले कुछ महीनों में स्ट्रेंथ इंडेक्स की सही दिशा स्पष्ट हो जाएगी।

जिन राज्यों में पर्याप्त एमएसएमई क्रेडिट पोर्टफोलियो (एक्सपोजर द्वारा) है उनमें सूचकांक का विश्लेषण यह दर्शाता है कि तमिलनाडु, महाराष्ट्र और गुजरात ने उच्च विकास गति दिखाई है। गुजरात राज्य अपेक्षाकृत बेहतर स्ट्रेंथ को दर्शाता है।

Period Tamil Nadu Maharashtra Gujarat
Growth Strength Growth Strength Growth Strength
Base 100 100 100 100 100 100
Jun-18 101 90 100 90 102 96
Sep-18 107 83 104 90 108 95
Dec-18 111 82 106 90 110 94
Mar-19 116 86 109 96 114 96
Jun-19 114 80 107 89 114 90
Sep-19 115 77 107 84 113 85
Dec-19 115 76 109 82 116 87
Mar-20 110 96 103 82 111 88
Jun-20 116 72 108 79 115 84
Sep-20 120 76 109 82 117 89

अन्य उल्लेखनीय निष्कर्ष हैं कि उत्तर प्रदेश, जो कि एक्सपोजर द्वारा शीर्ष दस राज्यों में है, ने पिछले कुछ तिमाहियों में वृद्धि देखी है। इसके अलावा, एक्सपोजर के संबंध में शीर्ष दस राज्यों में, दक्षिणी राज्यों ने सूक्ष्म ऋणों के संबंध में उत्तरी राज्यों की तुलना में अधिक वृद्धि दिखाई है। पश्चिम बंगाल और तेलंगाना, का शीर्ष दस में भी लगातार वृद्धि सूचकांक के साथ एक स्थिर स्ट्रेंथ सूचकांक है।

राजेश निष्कर्ष देते हुए कहते हैं, ‘भले ही एमएसएमई क्षेत्र की वृद्धि क्रेडिट गारंटी के समर्थन से प्रभावित रहती है, क्रेडिट संस्थानों को नियमित रूप से उनकी निगरानी करके और समय पर नियंत्रण के उपाय करके अपने पोर्टफोलियो के प्रक्षेपवक्र पर सतर्क रहना चाहिए। एक उद्योग के स्तर पर पोर्टफोलियो की बारीकी से निगरानी करने का यह सबसे अच्छा अभ्यास क्रेडिट जोखिम प्रबंधन के लिए फायदेमंद साबित होगा क्योंकि आर्थिक परिदृश्य में बदलाव हो रहे हैं और नए नियामक के साथ-साथ कानूनी दिशानिर्देश भी उभर रहे हैं।’

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