Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 8 मार्च 2021 – सम्पूर्ण पोषण के बगैर न तो सम्पूर्ण विकास संभव है, न ही एक स्वस्थ समाज की कल्पना की जा सकती है। लेकिन चिंताजनक बात यह है कि बड़ी संख्या में स्त्रियां न केवल सही पोषण से महरूम है बल्कि एनीमिया की भी शिकार हैं। इस सन्दर्भ में स्कूल न जाने वाली किशोरियों की स्थिति और भी दयनीय है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष पर नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर ने अपनी सुपोषण योजना के तहत ऐसी किशोरियों को पोषण युक्त फूड पैकेट्स बांटे और सही पोषण के महत्त्व को समझाते हुए जागरूकता भी फैलाई। इस कार्यक्रम का उद्घाटन नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर की जोनल क्लिनिकल डायरेक्टर, डॉ. माला ऐरन ने किया। तकरीबन 1000 से अधिक किशोरियों को फूड पैकेट्स बांटे गए। प्रत्येक पैकेट में घी, मूंगफली, दलिया, बिस्कुट आदि थे, जिनके सेवन से ऐसी किशोरियों का पोषण सुनिश्चित किया जा सके। यह कार्यक्रम नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर ने महिला अधिकारिता एवं बाल विकास विभाग, राजस्थान सरकार और इंटीग्रेटेड चाइल्ड डेवलपमेंट सर्विसेज के सहयोग से किया ताकि मुहीम की लाभार्थी लड़कियों की सही पहचान के साथ उन तक पोषण व इसके संबंध में जागरूकता का प्रसार हो।
किशोरियों के पोषण के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए डॉ. माला ऐरन, जोनल क्लिनिकल डायरेक्टर, नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर ने कहा कि, “स्त्री जीवन में किशोरावस्था एक ऐसा समय होता है जब वे बहुत तरह के शारीरिक बदलावों से गुज़रतीं हैं, इस प्रक्रिया में माहवारी व अन्य तरह के शारीरिक बदलाव भी शामिल हैं। ऐसे में निश्चित रूप से उन्हें अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है लेकिन विडंबना है कि बहुत सारी किशोरियां एनीमिया जैसी समस्या का सामना कर रही हैं। इस सन्दर्भ में बेशक जागरूकता की आवश्यकता है। सुपोषण के ज़रिये हमारा प्रयास है कि हरेक बेटी तक सही पोषण की पहुँच सुनिश्चित की जा सके और उनके खानपान के तरीकों में एक सकारात्मक बदलाव लाया जा सकें। सुपोषण ही मजबूत भविष्य की नींव है।“
सुपोषण प्रोजेक्ट दरअसल नारायणा मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, जयपुर की मुहीम है जिसके पहले चरण में चाकसू और फागी के 52 सरकारी स्कूलों में 3 महिने तक बच्चों को आयरन युक्त बिस्किट्स बांटे जा चुके हैं। अब तक 17000 बच्चें इस योजना की लाभार्थी हो चुकीं हैं।