मणिपाल में अमेरिकी मिशन टू इंडियाज 100-इन-100 कैमपेन

Editor-Manish Mathur

जयपुर 14 मार्च 2021  – मणिपाल ऐकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन (एमएएचई) ने चेन्नई स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के साथ मिलकर एजुकेशन यूएसए बेंगलुरु के साथ साझेदारी में एक वर्चुअल प्रेजेंटेशन (प्रस्तुति) का आयोजन किया। गुरुवार की यह प्रस्तुति अमेरिकी मिशन टू इंडियाज 100-इन-100 कैमपेन का भाग थी।

अमेरिकी राजनीतिक व्यवस्था में नए अमेरिकी राष्ट्रपति प्रशासन के 100 दिन पूरे होने पर खुशी मनाने की परंपरा 1930 से चली आ रही है। तब से हरेक राष्ट्रपति प्रशासन ने इस मौके का उपयोग शुरू के 100 दिन पद पर रहने का उपयोग निर्भीक एजंडा बनाने में किया है। भारत में अमेरिकी मिशन बिडेन प्रशासन के 100 दिन का उपयोग देश भर में युवाओं से मिलने और अमेरिका भारत संबंध पर अर्थपूर्ण चर्चा करने के लिए कर रहा है।

एमएएचई के माननीय वाइस चांसलर, लेफ्टिनेंट जनरल (डॉ.) एमडी वेंकटेश ने एक जोरदार वर्चुअल ईवेंट में इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया जो 100 इन 100 कैमपेन का भाग है। इसमें मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी, मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन और जियोपॉलिटिक्स तथा अंतरराष्ट्रीय संबंध विभाग के छात्रों और शिक्षकों ने हिस्सा लिया। अपने संबोधन में वाइस चांसलर ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने पर जोर दिया ताकि दुनिया को ज्यादा शिक्षित, संपन्न और स्थायी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में सुधार पर सहयोग कर रहे दो देश छात्रों और फैकल्टी के आदान-प्रदान को बेहतर करेंगे और इस तरह शिक्षा में इक्विटी तथा ऐक्सेस बेहतर होगा।

सुश्री कोरी बिकेल, प्रेस ऑफिसर, अमेरिकी वाणिज्य दूतावास, चेन्नई ने अमेरिका भारत संबंधों पर अपनी प्रस्तुति में कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्र कई क्षेत्रों में आपसी हित साझा करते हैं तथा साझे आदर्शों को चाहिए कि भारत और अमेरिका को करीब लाएं। शिक्षा ऐसे कई साझा हितों में एक है। अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए अमेरिका सर्वोच्च वैश्विक डेस्टिनेशन है और यह दुनिया भर के तकरीबन सभी देशों से छात्रों को आकर्षित करता है। अमेरिका में भारतीय छात्र हमारे संबंधों के लिए सफलता की विशाल कहानी हैं। भारतीय छात्र हमारे विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को समृद्ध बनाते हैं, हमारे कैम्पस का विविधीकरण करते हैं, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में योगदान करते हैं और अमेरिकियों से जीवन भर का संबंध बनाते हैं।

यशना ट्रस्ट में एजुकेशन यूएसए बैंगलोर की सलाहकार, सुश्री अनिता बोस नटराजन ने अमेरिका में स्नातक होने के जोरदार मौके पेश किए। यह मुख्य रूप से अमेरिका में स्नातकोत्तर और/या पीएचडी करना चाहने वाले छात्रों के लिए था। उन्होंने शैक्षिक पेशकशों से अलग, कौशल विकास के महत्व को रेखांकित किया और बताया कि यह छात्र के संपूर्ण व्यक्तित्व में योगदान करेगा और एक संस्थान बनाएगा।

डॉ. रघु राधाकृष्णन, डायरेक्टर इंटरनेशनल कोलैबोरेशन ने मीटिंग का समापन किया और इस मौके पर चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास, यशना ट्रस्ट में एजुकेशन यूएसए बैंगलोर के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने नए अमेरिकी प्रशासन के 100 दिनों में देश भर के 100 सेकेंड्री स्कूलों और विश्वविद्यालयों में छात्रों को जोड़ने के भारत में अमेरिकी मिशन के प्रयासों की प्रशंसा की।

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