Editor-Ravi Mudgal
जयपुर 15 मार्च 2021 – महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर में स्थापित भारत सरकार के युवा मामलात एवं खंेल मंत्रालय के साझा तत्वाधान में छात्र कल्याण निदेशालय के अत्र्तगत हाल ही में स्थापित एम्पेनल्ड ट्रनिंग इन्सटिट्ंयूशन ;ई.टी.आई.द्ध के द्वारा आयोजित 7 दिवसीय पांचवी आॅनलाइन ष्अभिविन्यास प्रशिक्षण कार्यशालाष् का उद्घाटन आज प्रातः 11 बजें प्रारम्भ हुआ। इसमें राष्ट्रीय सेवा योजना के राजस्थान राज्य के कार्यक्रम अधिकारी प्रशिक्षित होगे।
कार्यशाला के उद्घाटन के प्रारम्भ में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलगीत एवं राष्ट्रीय सेवा योजना का गीत वादन किया गया। उसके पश्चात डाॅ. सुधीर जैन कार्यक्रम समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना एवं निदेशक, एम्पेनल्ड टेªनिंग इन्सटिट्ंयूशन तथा छात्र कल्याण अधिकारी ने अतिथियों एवं प्रतियागियों का स्वागत करतें हुए बताया कि उक्त कार्यक्रम में राजस्थान के विभिन्न जिलों के काॅलेजों के 35 प्रतिभागी भाग ले रहे है।
आज के प्रशिक्षण शिविर के शुभारंभ में मुख्यवक्तामेवाड विश्वविद्यालय, गंगरार ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रमों की सराहना करते हुए, कहा कि यह अकूत उर्जा से भरे युवाओं की शक्तियों को सही मार्ग दिखलाने वाली योजना है। जिसमें महाविद्यालय में अध्ययन के साथ साथ राष्ट्र एवं समाज के प्रति युवाओं की अहम भूमिका क्या है का पता चलता है। उक्त कार्यक्रम साफ सफाई से लेकर रहन सहन, शिक्षा एवं कर्तव्यों का पालन कैसे और क्यों करना है सीखता है।
यह कार्यक्रम संस्कृतिक, सामाजिक एवं संस्कारों के आदान – प्रदान के साथ सौहादर््य पैदा करने का माध्यम है।
कर्यक्रम के मुख्य अतिथि डाॅ. नरेन्द्र सिंह राठौड कुलपति. महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने एन.एस.एस छात्रों में नवाचार के साथ कार्य किस प्रकार करना है, अपने ज्ञान एवं शक्ति का सही सदुपयोग कैसे किय जाए का प्रादुर्भाव पैदा करता है। वही विचार क्षमता, समस्या पूर्ति संगठित कार्य करने की शैली का भी विकास करता है। समूह की क्षमता की परिणिति का भान कराने वाली राष्ट्रीय सेवा योजना, जीवन मूल्यों के साथ सुखद एहसास कराने वाली योजना है।
क्षैत्रीय निदेशक राष्ट्रीय सेवा योजना श्री एस.पी. भटनागर नें कार्यक्रम की रूप रेखा, कार्य प्रणाली के बारे में राष्ट्र स्तर पर हो रहे कार्यक्रम एवं उनकी परिणिति के बारे में जानकारी देते हुए पंचम आॅनलाइन आयोजन हेतु बधाई देते हुए प्रशिक्षण शिविर की सफलता की कामना की।
अंत में डाॅ सुधीर जैन ने सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं का उनके अनुभवों से सीखने की सलाह देते हुए स्वयं को उनके अनुसरण की पालना करने की शपथ लेनी चाहिए। अतं में सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित किया ।