Editor-Rashmi Sharma
जयपुर 09 अप्रैल 2021 – दिनांक 7-8 अप्रैल, 2021 को डॉ. नरेन्द्र सिंह राठौड़, कुलपति, महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, उदयपुर की अध्यक्षता में क्षैत्रीय अनुसंधान और विस्तार सलाहकार समिति बैठक, खरीफ 2021, अनुसंधान निदेशालय में आयोजित हुई।
कुलपति ने बैठक में अनुसंधान वैज्ञानिकों से आह्वान किया कि वे समय की मांग के अनुसार अनुसंधान कार्यों में विकास व नवाचार करें। इस हेतु अनुसंधान परियोजनाओं को नया रूप दें व पुनर्गठन करें। साथ ही उन्होंने वैज्ञानिकों से मक्का में फॉल आर्मीवर्म, टिड्डी, सोयाबीन के कीट, रबी मक्का, बढ़ते तापमान तथा बदलती जलवायु का मक्का एवं गेहूं पर सटीक अध्ययन, बीज नीति, आदिवासी किसानों की कम लागत में अधिक आय बढ़ाने तथा कृषि में नवाचार व तकनीकी डिजिटिकरण से मेवाड़ की अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने पर बल दिया। साथ ही कहा कि अनुसंधान नतीजों को उद्यम स्थापित करने व रोजगार उपलब्धता हेतु सक्षम बनाने चाहिए। उन्होेंने यह भी व्यक्त किया कि कृषि की समस्याओं का समाधान करने व कृषकों को नई तकनीक उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार के अधिकारीगण व विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को सामूहिक रूप से प्रयास करने चाहिए।
डॉ एस के शर्मा, निदेशक, अनुसंधान निदेशालय ने बैठक में अनुसंधान उपलब्धियों पर प्रकाश डाला व बताया की विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मक्का की तीन किस्मों व मूंगफली की एक नई किस्म का विकास किया जिससे हमारे क्षेत्र के किसानों को फायदा मिलेगा। साथ ही उन्होंने बताया की विश्वविद्यालय एक बीज नीति पर भी कार्य कर रहा है। भविष्य में किये जाने वाले अनुसंधान और योजनाओं की भी जानकारी दी।
उन्होेंने कृषि अधिकारियों से कहा कि सी- डेप के तहत कार्ययोजना तथा रियल टाईम फीडबैक के लिए कहा ताकि समस्याओं का समाधान त्वरित गति से हो सके।
डॉ दिलीप सिंह, अधिष्ठाता, राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर ने कृषि जगत में नवाचार एवं उन्नत पशुपालन अपनाकर किसानों की आय बढ़ाने पर जोर दिया। डाॅ एस एल मूंदड़ा, निदेशक प्रसार शिक्षा ने अनुसंधान तकनीकों को कृषि विज्ञान केन्द्रों पर प्रदर्शन करने का सुझाव दिया तथा मृदा एवं जल परीक्षण आधारित आदान उपयोग को महत्वपूर्ण बताया।
बैठक के आरंभ में संयुक्त निदेशक (कृषि), कृषि विभाग ने संभाग में विभिन्न फसलों में खरीफ 2020 में समस्याओं पर चर्चा की तथा अनुरोध किया कि वैज्ञानिक गण इनके समाधान हेतु उपाय सुझाएं। इस हेतु क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक डॉ रेखा व्यास ने कृषि संभाग चतुर्थ ‘अ’ की कृषि जलवायु परिस्थितियों तथा नए अनुसंधान तकनीकों पर सदन में प्रतिवेदन प्रस्तुत किया तथा बताई गई समस्याओं के बारे में चर्चा की।
इस बैठक में श्री आर जी नायक, संयुक्त निदेशक (कृषि), कृषि विभाग, भीलवाड़ा तथा श्री महेश वर्मा, संयुक्त निदेशक (कृषि), उदयपुर, उपनिदेशक कृषि, कृषि विभाग, उदयपुर तथा चित्तौड़गढ़, राजसमंद एवं परियोजना अधिकारी, आत्मा एवं विभाग के अन्य अधिकारी, ग्राह्य अनुसंधान केंद्र, चित्तौड़गढ़ व विश्वविद्यालय के परियोजना प्रभारियों व वैज्ञानिकों ने भाग लिया।
बैठक का संचालन डाॅ रेखा व्यास, क्षेत्रीय अनुसंधान निदेशक ने किया।