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पिरामल फाउंडेशन ने जनजातीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं पोषण संवर्द्धन की बहु-हितभागी पहल ट्राइबल हेल्‍थ कोलैबरेटिव को समर्थन दिया

Editor-Manish Mathur

 जयपुर 12 अप्रैल 2021 : अनामाया, जनजातीय स्वास्थ्य पहल का उद्घाटन माननीय मंत्रीस्वास्थ्य एवंपरिवार कल्याण डॉ. हर्ष वर्धन और माननीय मंत्री जनजातिय कार्यश्रीअर्जुनमुंडा द्वारा आज किया गया| बहु हितगामी पहल पिरामल फाउंडेशन और बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन द्वारा समर्थित है | यह विभिन्न  सरकारी एजेंसीज और संस्थानों के प्रयासों को समेकित करके जनजातियसमुदायों केस्वास्थ्य औरपोषण केस्तर को बेहतर करने का प्रयास करेगी |

सबसे कमजोर और जरूरतमंद समुदायों तक पहुँचने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल देते हुए, पिरामल एंटरप्राइजेज के चेयरमैन, श्री अजय पिरामल ने कहा, “ट्राइबल हेल्‍थ कोलैबरेटिव के भागीदारों की ओर से, मुझे भारत के सबसे जरूरतमंद और कमजोर समुदाय के लोगों के स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति को बेहतर बनाने में योगदान देने की खुशी है। विभिन्न अनुभवों और विशेषज्ञता वाले संगठनो को जनजातीय स्‍वास्‍थ्‍य संवर्द्धन के सामान्‍य उद्देश्‍य से जोड़ने में एक साल लगा है। हम दोनों ही मंत्रालयों के मार्गदर्शन में काम करने की प्रतीक्षा है।”

आदिवासी / जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री माननीय श्री अर्जुन मुंडा ने इस अवसर पर कहा, “जनजातिय कार्य मंत्रालय“ राज्य सरकारों और सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर जनजातीय समुदायों की स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है। मंत्रालय ने जनजातीय स्वास्थ्य कार्य योजना के माध्यम से जनजातीय स्वास्थ्य मुद्दों के समाधान के लिए एक रोडमैप बनाया है। हम एक मिशन / अभियान के तहत  आदिवासी स्वास्थ्य से संबंधित मुद्दों को संबोधित कर रहे हैं और मैं उन सभी गैर-सरकारी संगठनों का स्वागत करता हूँ,जिन्होंने एक साथ आकर इस अनूठी पहल के लिए अपनी रुचि दिखाई है। मैं डॉ. हर्षवर्धन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को उनके समर्थन के लिए विशेष रूप से धन्यवाद देता हूँ, और मैं संयुक्त रूप से जनजातीय समुदायों के जीवन को समृद्ध करने की हमारी परिकल्पनाओं एवं योजनाओं को पूरा के लिए तत्पर हूँ | ”

डॉ. हर्ष वर्धन माननीय मंत्री “स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण” ने “जनजातिय कार्य मंत्रालय” के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, “जनजातीय स्वास्थ्य सहयोग का शुभारंभ मेरे लिए एक सपने जैसा है। स्वास्थ्य एक ऐसा क्षेत्र हैजहाँ हर मंत्रालय योगदान दे सकता है। हम सभी जानते हैं कि आदिवासी क्षेत्र मुख्य धारा से कटा हुआ है। केवल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा ही नहीं बल्कि अपनी विभिन्न योजनाओं के माध्यम से हम सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले लोगों को माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने का प्रयास कर रहे हैं। सभी सहयोगियों से मेरी अपील है कि, अन्य सभी उल्लेखित क्षेत्रों के अलावा, कृपया टी.बी पर ध्यान दें ताकि हम टी.बी. मुक्त भारत के अपने लक्ष्य तक पहुँच सकें।”

माननीय मंत्री महिला एवं बाल विकास श्रीमती  स्मृति जुबिन ईरानी  ने  विडियो सन्देश के माध्यम से  सम्बंधित दर्शकों को, जनजातिय समुदायों में पोषण और स्वास्थ्य कि असमानताएं  दूर करनें  में इस कार्यक्रम की महत्वता  बताई |

यह सहयोगात्मक कार्यक्रम एक अनूठी पहल है जिसमे अलग अलग संस्थाओं जैसे सरकार, फिलान्थ्रोपिस्ट्स, राष्टीय और अंतरष्ट्रीय फाउंडेशन, गैर सरकारी संगठन, समुदाय आधारित संगठन मिलकर भारत में बेहतर जनजातिय स्वास्थ्य के लिए काम करेंगे |  इसका उद्देश्य भारत कि जनजातिय आबादीद्वारा महसूस की जाने वाली प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों कासमाधानकरने के लिए एकस्थायी, उच्चप्रदर्शन करने वाली स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करना हैं | यह कार्यक्रम 55 जनजातिय आबादी वाले आकांक्षी  जनपद (जिनमे 20 % से जादा जनजातिय आबादी है) जो की 6 सेअधिक जनजातिय आबादी वाले राज्य (मध्य प्रदेश, आसाम, राजस्थान, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, ओडिशा) में स्थापित है | 10 साल के समय में यह कार्क्रम 177 जनपदों  जिनको जनजातिय  मंत्रालय मान्यता देता है में और चलाया जायेगा |

इस अवसर पर डॉ.विनोद कुमार पॉल, सदस्य स्वास्थ्य, नीति अयोग, श्री आर.सुब्रह्मण्यम सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय, डॉ.नवलजीत कपूर, संयुक्त सचिव, जनजातीय कार्य मंत्रालय, श्री हरी मेनन, निदेशक, बिल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन एवं श्रीआदित्य नटराज, प्रमुख, पीरामल फाउंडेशन उपस्थित थे। श्री गौरव आर्य, राष्ट्रीय निदेशक सीआईएफएफ एवं डॉ.शैलेंद्र हेगड़े, वरिष्ठ वी.पी.पीरामल स्वास्थ्य भी उपस्थित थे ।

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