वित्त वर्ष 2021 में इंडियन रेलवे फायनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने हासिल किया अब तक का सर्वाधिक राजस्व और मुनाफा

नई दिल्ली, 01 जुलाई 2021:  भारतीय रेलवे की डेडिकेटेड बाजार उधारी शाखा इंडियन रेलवे फायनेंस कॉर्पोरेशन  लिमिटेड (‘आईआरएफसी’ या ‘कंपनी’) ने वित्त वर्ष 2020-21 की चैथी तिमाही के लिए वर्ष-दर-वर्ष आधार पर लाभ में 126 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। पीएटी सालाना आधार पर 126 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 1,482.55 करोड़ रुपए पर पहुंचा, जबकि क्यू4 एफवाई 2020 में यह राशि थी 654.63 करोड़ रुपए।

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए शुद्ध लाभ 38.34 प्रतिशत बढ़कर 4,416.13 करोड़ रुपए पर पहुंचा, जबकि 31 मार्च, 2020 को समाप्त वित्तीय वर्ष में यह राशि थी 3,192.06 करोड़। संचालन से कुल राजस्व इसी अवधि के लिए वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 17.50 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 15,770.47 करोड़ रुपए अर्जित किया गया।

आईआरएफसी के लिए वार्षिक संवितरण में सालाना आधार पर 46.19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2019-20 में यह राशि थी 71,392 करोड़ रुपए, जबकि वित्त वर्ष 2020-21 के लिए यह राशि रही 1,04,369 करोड़ रुपए। 2020-21 के लिए एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 3,60,079 करोड़ रुपए रहा, जबकि इससे पहले यह राशि थी 2,66,137 करोड़ रुपए। साल-दर-साल आधार पर 35.29 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

आईआरएफसी का पूंजी पर्याप्तता अनुपात वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 415.85 प्रतिशत पर मजबूत बना हुआ है, जबकि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 395.39 प्रतिशत था। कंपनी ने घरेलू और विदेशी दोनों वित्तीय बाजारों से सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी दरों और शर्तों पर धन जुटाना जारी रखा है जिससे इसकी उधारी की लागत को कम रखने में मदद मिली।

कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व आईआरएफसी के लिए एक केंद्रीय क्षेत्र बना हुआ है। वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कंपनी ने 93.44 करोड़ रुपए खर्च किए, जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में 49.45 करोड़ रुपए व्यय किए थे।

वित्तीय परिणामों पर टिप्पणी करते हुए, आईआरएफसी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अमिताभ बनर्जी ने कहा, ‘‘आईआरएफसी ने वित्तीय वर्ष के दौरान राजस्व और लाभ दोनों के मामले में मजबूत विकास की गति हासिल की है। कंपनी ने विकास की इस गति को कायम रखा है, जो कि भारतीय रेलवे के विस्तार और आधुनिकीकरण अभियान पर होने वाले बड़े निवेश परिव्यय के कारण संभव हुआ है। आगे चलकर राजस्व और लाभप्रदता में निरंतर वृद्धि होगी क्योंकि भारतीय रेलवे की फंडिंग संबंधी आवश्यकताओं का एक बड़ा हिस्सा आईआरएफसी के माध्यम से पूरा किया जाना है।’’

 

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