मुंबई, 09 मार्च – 2022: ओकेक्रेडिट, जो अग्रणी डिजिटल बुक कीपिंग ऐप है, ने ‘डिकोडिंग इनफॉर्मल बीएनपीएल’ नामक अपना वार्षिक अध्ययन जारी किया। यह अध्ययन असंगठित खुदरा क्षेत्र में क्रेडिट लिंक्ड खरीद की प्रणाली में गहन शोध पर आधारित विस्तृत रिपोर्ट है। यह अनौपचारिक बीएनपीएल भारत के खुदरा इंजन को चलाने में प्रमुख भूमिका निभाता है, जिनमें से 85% बीएनपीएल असंगठित हैं और पड़ोस की ब्रिक एवं मोर्टार स्टोर्स के रूप में काम करते हैं।
ओकेक्रेडिट की डेटा रिपोर्ट पिछले साल अपने प्लेटफॉर्म पर दर्ज किए गए 1 बिलियन लेनदेन से प्राप्त अंतर्दृष्टि पर आधारित है। कंपनी ने एक साल पहले की तुलना में लेनदेन की मात्रा में 25 प्रतिशत की वृद्धि देखी। मूल्य के संदर्भ में, इस डिजिटल बुककीपिंग ऐप पर $50 बिलियन मूल्य का क्रेडिट जुड़ा, जो राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद का 1.6 प्रतिशत है।
रिपोर्ट के अनुसार, आधुनिक बीएनपीएल में हुई घातीय वृद्धि के समान, अनौपचारिक बीएनपीएल ने भी मजबूत मैट्रिक्स के साथ दमदार वृद्धि प्रदर्शित की।
उदाहरण के लिए – स्वस्थ बीएनपीएल का एक अच्छा संकेतक पुनर्भुगतान है। पुनर्भुगतान अवधि जिसे क्रेडिट साइकल के रूप में भी जाना जाता है, यह सभी श्रेणियों में घटा है जो बीएनपीएल में तेजी से पुनर्भुगतान की ओर इशारा करता है। महामारी की चरम अवधि के दौरान परिधान (अपैरल) और मेडिकल स्टोर्स जिनके क्रेडिट साइकल में क्रमशः 60 दिन और 40 दिनों से अधिक की वृद्धि दिखी,उनमें तेजी से गिरावट आई है।
यह रिपोर्ट छोटे व्यवसायों को मध्यम, छोटे और सूक्ष्म में विभाजित करके असंगठित खुदरा क्षेत्र में ऋण व्यवहार की स्पष्ट तस्वीर पेश करती है। जबकि सूक्ष्म व्यवसायों ने वॉल्युम में योगदान दिया, मध्यम और छोटे व्यवसायों ने बेहतर मूल्य के लिए प्रयास किए। यह आगे कई परतों जैसे – श्रेणी, भौगोलिक क्षेत्र, टियर बी2बी/बी2सी के आधार पर अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जो अद्वितीय हैं और क्षेत्र में पहला है।
उदाहरण के लिए एनपीए (नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स) को लेते हैं। जबकि संगठित क्षेत्र के लिए एनपीए ज्ञात करना और मापना आसान है, वहीं अनौपचारिक बीएनपीएल में एनपीए पर शायद ही कोई डेटा उपलब्ध है। रिपोर्ट में अनौपचारिक बीएनपीएल में एनपीए का अनुमान लगाया गया है, उन्हें मध्यम व्यवसायों के लिए 4 प्रतिशत, छोटे व्यवसायों के लिए 5 प्रतिशत और सूक्ष्म व्यवसायों के लिए 8.2 प्रतिशत आंका गया है। सूक्ष्म व्यवसायों में उच्च एनपीए, ऋण पर किये जाने वाले लेनदेन के छोटे आकार के कारण होते हैं। दुकान मालिकों के साथ कई बार छोटे क्रेडिट के कलेक्शन की बात आने पर, वो बाद में एनपीए हो जाता है।
बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा एनपीए है। भौगोलिक रूप से, छोटे व्यवसायों के लिए क्रेडिट रिकवरी की दृष्टि से जम्मू और कश्मीर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला रहा है। इसमें एनपीए 7.8% से घटकर 3.4% हो गया है।
यह रिपोर्ट भी पीक क्रेडिट साइज पर आधारित है – जिसमें दुकानदार द्वारा खाते के लिए अधिकतम ऋण राशि को ध्यान में रखा गया है। पीक क्रेडिट साइज, छोटे, मध्यम और सूक्ष्म व्यापारियों की क्रेडिट क्षमता का बैरोमीटर है। छोटे और मध्यम दोनों व्यवसायों के लिए पीक क्रेडिट साइज बढ़ा है जो उनके व्यवसाय में वृद्धि का संकेत देता है। चूंकि महामारी में सूक्ष्म व्यवसाय सबसे अधिक प्रभावित हुए थे, इसलिए उनमें से बहुतों ने क्रेडिट पर बिक्री कम कर दी है और सकारात्मक नकदी प्रवाह के लिए अनुकूलन कर रहे हैं। यह डेटा में परिलक्षित होता है, क्योंकि माइक्रो व्यवसायों के लिए क्रेडिट आकार केवल मामूली रूप से बढ़ा है और यहां तक कि ज्यादातर मामलों में गिरावट आई है।
क्रेडिट व्यवसाय का सबसे महत्वपूर्ण पहलू ऋण वसूली है। ओकेक्रेडिट के डेटा से पता चलता है कि जबकि नकद भुगतान, पेमेंट का प्राथमिक तरीका है, लेकिन डिजिटल भुगतान बढ़ रहा है और लगातार बढ़ रहा है। यूपीआई प्लेटफॉर्म पर लगभग 90% ऑनलाइन भुगतान के लिए उपयोगकर्ता यूपीआई का उपयोग करते हैं। इसके तहत 200 रुपये से कम की खरीदारी पर 60 फीसदी भुगतान यूपीआई के जरिए किया जा रहा है। जीपे (GPay) यूपीआई भुगतान में सबसे आगे है, इसके बाद फोनपे (PhonePe), पीटीएम (Paytm) और भीम (BHIM) हैं। पेटीएम छोटे टिकट लेनदेन में अग्रणी है – और यह 200 रुपये से कम के भुगतान और पान की दुकानों पर ज़्यादा उपयोग किया जाता है।
“डिजिटल भुगतान हर क्षेत्र में विकास के लिए एक उत्प्रेरक रहा है। लेकिन अब तक असंगठित खुदरा क्षेत्र में इसके उपयोग को समझने के लिए केवल अनुमानित आंकड़े ही उपलब्ध थे। इस रिपोर्ट के साथ, हमने डिजिटल भुगतान में विकास को रेखांकित किया है। हमारे मंच पर भुगतान की तेजी से वृद्धि, विकास के लिए ऑनलाइन भुगतान करने के लिए एसएमबी की उत्सुकता का एक संकेतक है।” – ओकेक्रेडिट के मुख्य उत्पाद अधिकारी और सह – संस्थापक गौरव कुंवर ने उक्त बातें कही।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि खुदरा एसएमबी के बीच विकास की अगली लहर आसान ऋण की उपलब्धता से प्रेरित होगी। खुदरा विक्रेताओं के लिए इस बीएनपीएल को औपचारिक बनाने के लिए अपार संभावना है, जो उन्हें भारत में लाखों उपभोक्ताओं को समान रूप से आसानी और सुविधा प्रदान करता है।
“अनौपचारिक बीएनपीएल को सुविधाजनक बनाने के इन वर्षों में, ओकेक्रेडिट ने बड़ा परिवर्तन लाया है। यह सकारात्मक परिवर्तन हमारे डेटा (data) में भी परिलक्षित होता है, जिसमें हमने देखा है कि क्रेडिट चक्र नीचे जा रहा है और क्रेडिट आकार ऊपर जा रहा है। डिजिटाइज्ड क्रेडिट रिकॉर्ड के चलते, व्यापारियों के पास अपने ग्राहकों की बेहतर दृश्यता है, जो उन्हें याद दिला सकते हैं और अंततः बेहतर नकदी प्रवाह के लिए तेजी से भुगतान वापस प्राप्त सकते हैं। यह सिर्फ पहला कदम है। डिजिटलीकरण खुदरा एसएमबी के लिए कई और विकास के अवसरों को खोलने के लिए तैयार है ,” ओकेक्रेडिट के सीईओ और सह – संस्थापक हर्ष पोखरना ने उक्त बातें कही।