जयपुर, 15 अप्रेल। राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद आयुक्त एवं शिक्षा विभाग के विशिष्ट शासन सचिव श्री प्रदीप कुमार बोरड़ ने कहा है कि प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में शत-प्रतिशत नामांकन और ठहराव सुनिश्चित करने के लिए इस बार नवाचार अपनाते हुए विशेष अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी 26 अप्रेल से इस संबंध में घर-घर संपर्क कर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि विद्यालय जाने योग्य कोई भी बच्चा नामांकन से वंचित नहीं रहे। उन्होंने विद्यालयों में ठहराव सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर विशेष ध्यान दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विद्यालयाें में जन भागीदारी बढ़ाने के लिए आगामी 9 मई को प्रदेशभर के विद्यालयों के अंतर्गत किसी सार्वजनिक स्थान पर बालसभाओं का आयोजन कर वहीं विद्यार्थियों को निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों का भी वितरण किया जाएगा।
श्री बोरड़ सोमवार को यहां इंदिरा गांधी पंचायत राज संस्थान के सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय प्रवेश उत्सव एवं मीजल्स टीकाकरण अभियान की राज्य स्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के 65 हजार से अधिक विद्यालयों में आगामी 9 मई को बाल सभाओं का आयोजन किया जाएगा। यह बाल सभाएं गांव में चौपाल अथवा किसी सार्वजनिक स्थल पर आयोजित होंगी। बाल सभाओं में ही विद्यालय का परीक्षा परिणाम भी घोषित किया जाएगा। बच्चों के नेतृत्व कौशल, उनके व्यक्तित्व विकास से संबंधित गतिविधियाँ भी इस दौरान आयोजित की जाएगी साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राजकीय विद्यालयों से लोगों का अधिकाधिक जुड़ाव हो।
श्री बोरड़ ने कहा कि आगामी 9 मई को सार्वजनिक स्थानों पर बाल-सभाओं के आयोजन में शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य विभागों के अधिकारियों की भी भागीदारी होंगी। उन्होंने बालसभाओं के साथ ही विद्यालयों में मीजल्स-टीकाकरण अभियान के लिए भी शिक्षा अधिकारियों को कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने बाल सभाओं को बच्चों के लिए उपयोगी बनाने तथा विद्यालयों से अधिकाधिक जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्य किए जाने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राजकीय विद्यालय शिक्षा क्षेतर्् में बेहतरीन बने इसके लिए सभी मिलकर प्रयास करें।
इस मौके पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉं. समित शर्मा ने शिक्षा अधिकारियों का आव्हान किया कि वे 9 माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों के मीजल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन में अपनी महत्ती भूमिका निभाये। उन्होंने बताया कि जुलाई माह में यह टीकाकरण अभियान प्रारम्भ होगा जो पांच सप्ताह तक चलेगा। एम-आर टीकाकरण अभियान में जिन बच्चों का पहले टीकाकरण हो गया हो, उन्हें भी सम्मिलित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक स्कूल में सभी लक्षित बच्चों का टीकाकरण एक दिन में ही पूर्ण किया जाएगा। प्रत्येक 200 छात्रों पर एक टीकाकरण टीम रहेगी। स्कूल में लगने वाले टीकाकरण सत्र स्कूल समय के अनुसार ही होंगे। यह अभियान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा महिला एवं बाल विकास विभाग तथा शिक्षा विभाग के सहयोग से प्रदेशभर में क्रियान्वित किया जाएगा। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों का आह्वान किया कि वे मीजल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के साथ ही बच्चों को अनिमिया मुक्त करने के लिए किए जा रहे चिकित्सा विभाग के कार्य में भी सहभागी बनें।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. एन.के.गुप्ता ने प्रवेशोत्सव के तहत घर-घर जाकर संपर्क करने के साथ ही राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को प्रदत्त की जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी अधिकाधिक जानकारी अभिभावकों को दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बालसभाओं के सार्वजनिक स्थानों पर आयोजन का उद्देश्य भी यही है कि समुदाय की भागीदारी से विद्यालयों को बेहतर से बेहतर बनाया जा सके।
शिक्षा विभाग के निदेशक श्री ओ.पी.कसेरा ने राजकीय विद्यालयों को उत्कृष्ट बनाने के लिए नवाचार अपनाते हुए कार्य किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने बच्चों में अनुशासन बनाए रखने, विद्यालयाें में बेहतर से बेहतर शिक्षा दिए जाने के लिए निरंतर कार्य किए जाने की आवश्यकता जताते हुए अपने विद्यालयी दिनों को याद करते हुए कहा कि उनके विद्यालय के प्राचार्य ने अनुशासान का जो पाठ पढ़ाया वह आज तक जीवन मे ंकाम आ रहा है। उन्होनें प्रवेशोत्सव एवं बालसभाओं के आयोजन को सफल बनाए जाने के लिए अभी से तैयारियां किए जाने पर जोर दिया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री शंकर लाल कुमावत ने मीजल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पाठ्यपुस्तक मंडल के सचिव श्री सत्तार खां ने बताया कि विद्यालयों में 8 मई से 7 जून तथा 10 जून से 10 जुलाई तक दो चरणों में निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया जाएगा। इससे पहले झुंझुनू के उपनिदेशक श्री मनीराम मंडेवाल ने बताया कि बालसभाओं के आयोजन का यह असर रहा कि उनके विद्यालय में जहां पहले 300 विद्यार्थी ही नामांकित थे, वह संख्या बढ़कर 1700 हो गयी। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों पर बालसभाओं के आयोजन को महत्वपूर्ण नवाचार बताते हुए कहा कि इससे विद्यार्थियों के नेतृत्व कौशल, व्यक्तित्व विकास में वृद्धि हुई है।
आमुखीकरण कार्यशाला में शिक्षा विभाग के विशिष्ट शासन सचिव के श्री प्रदीप कुमार बोरड़ के निर्देशन में तैयार किया गया विशेष वृत्तचित्र ‘शिक्षा बने सबकी चिंता’ भी दिखाया गया। इसमें शिक्षा को सर्वोपरी रखते हुए कार्य किए जाने और शैक्षिक गुणवत्ता के लिए किए जाने वाले कार्यों पर विस्तार से जानकारी दी गयी है। आमुखीकरण कार्यशाला में प्रवेशोत्सव, बालसभाओं और टीकाकरण अभियान की सफलता के लिए सभी ने मिलकर कार्य करने का संकल्प जताया।