जयपुर, 18 अप्रैल 2019 : स्कूल शिक्षा परिषद् के आयुक्त एवं शिक्षा विभाग के विशिष्ट शासन सचिव श्री प्रदीप कुमार बोरड़ ने 9 मई को राज्य में वृहद स्तर पर बालसभाओं का आयोजन किए जाने और उनमें अधिकाधिक जनभागीदारी सुनिश्चित किए जाने के लिए शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने सार्वजनिक स्थलों पर होने वाली बालसभाओं के लिए विद्यालय स्तर पर लोगों को पीले चावल देकर आमंत्रित करने का भी आह्वान किया है।
उन्होंने कहा कि बालसभाओं के अध्यक्ष संबंधित विभाग के छात्र-छात्रा ही होंगे। अन्य किसी व्यक्ति को अध्यक्ष या मुख्य अतिथि नहीं बनाया जाएगा। उन्होंनें शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 9 मई को आयोजित होने वाली बालसभाओं के आयोजन के लिए राज्य के प्रत्येक स्कूल के लिए एक प्रभारी अधिकारी बनाया जाए। साथ ही बालसभाओं में गांव के लोगों की अधिकाधिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए राज्य के सभी मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी विभिन्न अन्य विभागों से समन्वय कर कार्य करें।
श्री बोरड़ मंगलवार को शिक्षा संकुल स्थित विडियो कॉन्फ्रेन्स कक्ष से राज्य भर के शिक्षा अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने शिक्षा अधिकारियों से विडियो कॉन्फ्रेन्स के जरिए संवाद करते हुए कहा कि गर्मी के मौसम को देखते हुए बालसभाओं का आयोजन गांव में चौपाल अथवा किसी सार्वजनिक स्थल पर प्रातः 8 से 11 बजे तक किया जाए। इसमें विद्यालयों द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित किए जाने के साथ ही विद्यार्थियों के सांस्कृतिक कार्यक्रम, श्रेष्ठ विद्यार्थियों को पुरस्कार वितरण और निःशुल्क पाठ्यपुस्तकों के वितरण आदि की गतिविधियॉँ की जाए। उन्होंने बालसभाओं में ही मीजल्स-रूबेला टीकाकरण के लिए भी लोंगो को जागरूक किए जाने पर जोर दिया।
स्कूल शिक्षा परिषद् के आयुक्त श्री बोरड़ ने बताया कि माह में तीन बार बालसभाओं का आयोजन आवश्यक रूप से किया जाएगा। यह बालसभाएं विशेष रूप से अमावस्या एवं दो शनिवार को नियमित आयोजित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि बालसभाओं के आयोजन का मुख्य उद्देश्य यही है कि राजकीय विद्यालयों का समुदाय से सीधा जुड़ाव बढ़े। इसी से नामांकन वृद्धि और ठहराव को भी सभी स्तरों पर सुनिश्चित किया जा सकेगा। उन्होंने शिक्षा में गुणवत्ता सुधार के तरीकों में वृद्धि करने के लिए बालसभाओं को महत्ती बताते हुए इसमें सभी की भागीदारी पर जोर दिया।
श्री बोरड़ ने बालसभाओं में राजीव गॉंधी कैरियर पोर्टल की जानकारी भी विशेष रूप से दिए जाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ कैरियर निर्माण के अवसर दिए जाने में इस पोर्टल की महत्ती भूमिका है। इस पोर्टल के उपयोग, इसमें विभिन्न पाठ्यक्रमों, रोजगार अवसरों आदि के बारे में प्रदत्त जानकारियों विद्यार्थियों के साथ ही बालसभाओं में स्थानीय लोगों को भी बतायी जाए। उन्होंने विद्यालयों में प्रवेशात्सव की प्रभावी तैयारियों के लिए भी निर्देश दिए। उन्हाेंने कहा कि प्रवेशोत्सव के दौरान राजकीय विद्यालयों में दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में भी अभिाभावकों को बताया जाए।
विडियो कॉन्फ्रेस में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक डॉ. समित शर्मा ने सार्वजनिक स्थानों पर बालसभाओं के आयोजन के दौरान 9 माह से 15 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों के मीजल्स-रूबेला टीकाकरण के बारे में भी विशेष रूप से जागरूक किए जाने के लिए शिक्षा अधिकारियेां के सहयोग का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि बच्चों के पोषण और उनके स्वास्थ्य के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों में शिक्षा अधिकारी सहयोग करें।
स्कूल शिक्षा परिषद् के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. एन.के.गुप्ता ने बालसभाओं के आयोजन के अंतर्गत जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रभारी अधिकारियों को प्रभवी मोनिटरिंग कर कार्य करने के निर्देश दिए। स्कूल शिक्षा निदेशक श्री ओ.पी. कसेरा और नथमल डीडेल ने प्रवेशोत्सव को सफल बनाने, शत-प्रतिशत नामांकन और ठहराव के साथ ही बालसभाओं में ग्रामीणों की जनभागीदारी के लिए सभी स्तरो पर प्रभावी प्रयास किए जाने पर जोर दिया।