राष्ट्रीय, 18 जुलाई, 2022: ऊर्जा उद्योग क्षेत्र में आधुनिक कौशल वृद्धि लाने के लिए कार्यरत टाटा पावर स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (टीपीएसडीआई), देश के युवाओं को हरित ऊर्जा क्षेत्र में नौकरियों के लिए आवश्यक कौशल प्रदान करने के लिए अपनी प्रशिक्षण पहल का विस्तार कर रहा है। विश्व युवा कौशल दिवस के उपलक्ष्य में टीपीएसडीआई अपने छह प्रशिक्षण केंद्रों में स्मार्ट और कुशल ऊर्जा संबंधी विशेषज्ञताओं को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग, रूफटॉप सोलर फोटोवोल्टिक का इंस्टालेशन और रखरखाव, स्मार्ट मीटर बिठाना और होम ऑटोमेशन के लिए सौर फोटोवोल्टिक में कौशल विकास पाठ्यक्रम चला रहा है। मुंबई में शहड, ट्रॉम्बे और विद्याविहार; मैथन – धनबाद; मुंद्रा – कच्छ; और जोजोबेरा – जमशेदपुर में यह प्रशिक्षण केंद्र चलाए जाते हैं। टाटा पावर स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ने वित्त वर्ष 23 में लगभग 3000 युवाओं को हरित ऊर्जा की नौकरियों के लिए प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा है और 2025 तक यह संख्या 5000 तक बढ़ायी जाएगी।
टाटा पावर स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ने पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी दोनों में अपने सभी पाठ्यक्रमों में अब तक 1.4 लाख लोगों को प्रशिक्षित किया है। पिछले वित्तीय वर्ष में, इस संस्थान ने 45,000 से अधिक को प्रशिक्षित किया, जिनमें से लगभग 2,500 को हरित नौकरियों से संबंधित कौशल में प्रमाणित किया गया।
काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वॉटर (सीईईडब्ल्यू), नेचुरल रिसोर्सेज डिफेंस काउंसिल और स्किल काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स द्वारा किए गए हालिया अध्ययनों के अनुसार, 2030 तक नौकरियों के 10 लाख अवसर पैदा करने की क्षमता इस क्षेत्र में है। हरित ऊर्जा क्षेत्र के वर्तमान कार्यबल से यह आंकड़ा लगभग दस गुना ज़्यादा है। इन अध्ययनों में कहा गया है कि बड़ी कंपनी या बड़े पैमाने की परियोजनाओं की तुलना में छोटी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में ज़्यादा नई नौकरियां उपलब्ध होंगी। टीपीएसडीआई के नए पाठ्यक्रम छात्रों को हरित नौकरियों में इस अपेक्षित उछाल का लाभ उठाने के लिए आवश्यक कौशल के साथ सक्षम बनाते हैं। इन नए हरित ऊर्जा कौशल पाठ्यक्रमों में व्यावहारिक प्रशिक्षण और सुरक्षित कार्य प्रथाओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा और वह राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) से भी जुड़े होंगे।
टाटा पावर के प्रवक्ता ने बताया, “अपने स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने और 2030 तक 500 गीगावाट क्षमता का अक्षय ऊर्जा पोर्टफोलियो बनाने की दिशा में भारत महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। भारतीय ऊर्जा उद्योग में बड़ा हरित परिवर्तन होगा और टाटा पावर स्वच्छ ऊर्जा और तकनीक के एक पायनियर होने के नाते, अपने टीपीएसडीआई के ज़रिए इस परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए टाटा पावर का टीपीएसडीआई ऐसी इकोसिस्टम को सक्षम बना रहा है जिसमें युवाओं को रूफ टॉप सोलर, ईवी चार्जिंग, होम ऑटोमेशन, बैटरी स्टोरेज और स्मार्ट मीटरिंग जैसी हरित और स्मार्ट ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में प्रशिक्षण देने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।”
आगे चलकर टाटा पावर स्किल डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और एनर्जी कंसल्टिंग में पाठ्यक्रम शुरू करने की भी योजना बना रहा है।