ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए सही कर संरचना से बढ़ सकता है कर राजस्व: एसोचैम और ईवाई रिपोर्ट

27 अगस्त 2022, नई दिल्ली: एसोचैम और ईवाई की संयुक्त रिपोर्ट, ‘ऑनलाइन कौशल – आधारित गेमिंग पर जीएसटी‘ के अनुसार, जीएसटी काउंसिल के मंत्रियों का समूह (जीओएम) ऑनलाइन गेमिंग पर जीएसटी की जांच कर रहा है। मंत्रियों के समूह का एक विचार यह है कि प्राइज पूल सहित प्रतियोगिता प्रवेश की संपूर्ण राशि पर 28% वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लगाया जाना चाहिए। इस सिफारिश का ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। प्रतियोगिता की प्रवेश राशि पर जीएसटी लगाने से इस उदीयमान उद्योग पर कर का बोझ 10 से 20 गुना बढ़ जाएगा। वर्तमान में यह इंडस्ट्री गेमिंग ऑपरेटरों द्वारा सीधे अर्जित सकल गेमिंग राजस्व (जीजीआर) के प्लेटफॉर्म शुल्क पर 18% की दर से जीएसटी का भुगतान करती है।

रिपोर्ट में वर्ष 2022 में इस उद्योग द्वारा 2,200 करोड़ रुपये से अधिक के जीएसटी के योगदान का अनुमान लगाया गया है और ऑनलाइन गेम्स की जीत राशियों पर भी आयकर लगने के चलते इससे भी राजकोष में महत्वपूर्ण राशि का योगदान होता है।

रिपोर्ट में उन अद्वितीय विशेषताओं को भी सूचीबद्ध किया गया है जो ऑनलाइन कौशल-आधारित गेमिंग को मौके के खेलों से अलग करती हैं। इसमें ऐसे प्रौद्योगिकी समाधानों की आवश्यकता होती है जो उपयोगकर्ता-इंटरफ़ेस को सक्षम करने के साथ – साथ गेमिंग इकोसिस्टम बनाने और फैसिलिटेटर के रूप में कार्य करने के लिए ऑपरेटरों द्वारा प्रदान किए जाते हैं। प्रभारित शुल्क निश्चित है और यह परिणाम पर निर्भर नहीं है। इसकी सफलता उपयोगकर्ता के बेहतरीन ज्ञान और खेल के साथ जुड़ाव पर भी निर्भर करती है, जिससे कौशल प्रमुख तत्व बन जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कर को 18% से बढ़ाकर 28% करने के प्रस्ताव और उसके साथ-साथ जीत राशि पर 30% आयकर के चलते ऑनलाइन गेमिंग के लिए करारोपण की दर 45 -50% के बीच पहुँच जाती है। जीएसटी कर-संबंधी प्रस्ताव के चलते करारोपण बढ़ने से, सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या घट सकती है और इससे घरेलू गेमिंग इंडस्ट्रीज हतोत्साहित हो सकती हैं।

उद्योग जगत के हालिया अनुमानों के अनुसार, देश में 500 गेमिंग कंपनियां मौजूद हैं, जिन्होंने हजारों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है और इसमें 2.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का अंतर्वाह भी हुआ है। हालांकि, उच्च करारोपण के चलते उनके प्रभावित होने की संभावना है और इससे विदेशी ऑपरेटर्स के लिए दरवाजे खुल जाएंगे। रिपोर्ट में कहा गया है: “यह क्षेत्र एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) क्षेत्र के लिए भारत सरकार के दृष्टिकोण को सुविधाजनक बनाने में मदद कर सकता है और उपयोगकर्ताओं को विदेशी कंपनियों/अपतटीय प्लेटफार्मों पर चलाने के बजाय घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहित कर सकता है; और इस प्रकार यह सरकार के राजस्व संग्रह में अधिक योगदान दे सकता है।”

रिपोर्ट के बारे में बताते हुए, एसोचैम के महासचिव, दीपक सूद ने कहा, “ऑनलाइन कौशल-आधारित गेमिंग पर जीएसटी के प्रभाव संबंधी एसोचैम-ईवाई की रिपोर्ट बिल्कुल भविष्यसूचक है। ऑनलाइन गेमिंग उद्योग का विकास कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि यह काफी हद तक युवा-संचालित है और विशेष रूप से महामारी के दौरान इंटरनेट और स्मार्टफोन का उपयोग बढ़ने से यह उत्प्रेरित है। भारत को गेमिंग उद्योग में दुनिया के अग्रणी बाजारों में से एक बनने की उम्मीद है, जो मजबूत डिजिटल अर्थव्यवस्था जीडीपी के साथ – साथ रोजगार-सर्जक की दृष्टि से भी शुभ संकेत देने वाला है। इसलिए, सरकार उपयुक्त कर संरचना के माध्यम से क्षेत्र को मजबूत करने के लिए जो भी कदम उठाती है, वह स्वागत योग्य है।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि सही कर संरचना का उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और कर राजस्व बढ़ सकता है। इसमें निष्कर्ष रूप में कहा गया है, “जीएसटी मूल्यांकन तंत्र का क्रिस्टलीकरण व्यापार करने में आसानी और इस बढ़ते क्षेत्र के विकास को सक्षम करने में एक उत्प्रेरक की भूमिका निभा सकता है।”

 

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