जयपुर, 25 अपे्रल। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने खून की अवैध खरीद-फरोख्त को बढावा देने वाली अनियमितताओं पर रोक लगाने, जरूरत मंद के लिए हमेशा रक्त की सुलभता एवं संक्रमण रहित रक्त एकत्रण की सुनिश्चतता के लिए निजी एवं सरकारी ब्लड बैंको के लिए नियत दिशा निर्देशों की सख्ती से पालना करवाने के निर्देश दिए हैं।
श्री सिंह ने गुरूवार को शासन सचिवालय में राजस्थान राज्य रक्त संचरण परिषद् की गवर्निंग बॉडी की आठवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुत बार देखा गया है कि ब्लड बैंक्स द्वारा रोगी के लिए खून प्रदान करते समय उसकी वास्तविक आवश्यकता पर ध्यान नहीं दिया जाता। ऎसे में एक ओर न केवल गैर जरूरतमंद को अनावश्यक खून दे दिया जाता है, दूसरी ओर वास्तविक जरूरतमंद रोगी इससे वंचित रह जाता है। इस व्यवस्था में कई बार गड़बडियों की शिकायतें भी सामने आती हैंं। उन्होंने इसके लिए एक डिजीटल व्यवस्था बनाकर जरूरत के हिसाब से प्राथमिकता तय करने एवं ब्लड बैंक में आने वाली हर मांग पर्ची का ऑडिट करवाया जाना सुनिश्चत करने के निर्देश दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि जिस रोगी को खून के किसी घटक विशेष की ही जरूरत है, उसे पूरे रक्त के बजाय वही घटक दिया जाना चाहिए। इसके लिए सरकारी ब्लड बैंक्स में रक्त के अवयव (घटक) निर्माण हेतु रक्त पृथ्क्करण इकाई स्थापित कर चरणबद्ध रूप से क्षमता संवद्र्धन की जानी चाहिए। इस सम्बन्ध में चिकित्सकों में भी जागरूकता बढाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रक्त को संक्रमण रहित रखने के लिए इसके संग्रहण के हर चरण और पहलू पर ध्यान देना जरूरी है। ऎसे में रक्तदान शिविर में रक्तदाता को रक्त देने से पूर्व एवं पश्चात् सलाहकार ़़द्वारा पूरी जानकारी दिया जाना सुनिश्चत किया जाना चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिए रक्तदान शिविर से सात दिन पूर्व इसके सम्बन्ध में राजस्थान राज्य रक्त संचरण परिषद् को निर्धारित प्रपत्र में जानकारी नहीं देने वाले और शिविर में निर्धारित मानदण्ड के अनुसार रक्तदाता की जांच नहीं किए जाने पर सम्बन्धित ब्लड बैंक्स पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने ऎसे ब्लड बैंकों पर भी नियमों के अधीन कार्यवाही करने के निर्देश दिए जो निर्धारित मासिक रिपोर्ट परिषद् को नहीं दे रहे हैं। बैठक में विशिष्ट शासन सचिव एवं मिशन निदेशक, एनएचएम, डॉ.समित शर्मा, अतिरिक्त मिशन निदेशक श्री एस.एल.कुमावत, निदेशक, एड्स डॉ.आर.पी.डोरिया, एसएमएस चिकित्सालय की डॉ.सुनीता बुन्दास, परिषद् के सदस्य सचिव डॉ.राजेन्द्र मित्तल एवं अन्य कार्यकारिणी सदस्य शामिल हुए।