जयपुर, 29 अप्रेल। प्रदेश का जनजाति बहुल डूंगरपुर जिला वैसे तो आमतौर पर पिछडे़ क्षेत्र के रूप में माना जाता है परंतु वहां के लोगों की सोच व नज़रिया कितना व्यापक और विकासशील है इसका नज़ारा देखने को मिला 29 अप्रेल 2019 सोमवार को जब लोकसभा आम चुनाव 2019 के चतुर्थ व प्रदेश के प्रथम चरण के दौरान बांसवाड़ा-डूंगरपुर संसदीय क्षेत्र में मतदान दिवस की अल सुबह एक जनजाति परिवार ने अपने पर आये गहरे दुःख और वेदना को सहन कर परिवारजन व रिश्तेदारों को मत की महत्ता बताते हुए लोकतंत्र के प्रति अटूट आस्था व्यक्त कर मतदान को सर्वोपरी प्राथमिकता प्रदान की
जिले की पंचायत समिति गुमानपुरा के गांव नलवा के निवासी रिटायर्ड फौजी की पत्नी का सोमवार को अल सुबह निधन हो गया था। यह घड़ी पूरे परिवार व सगे संबंधियों के साथ-साथ जनजाति क्षेत्र के रीति रिवाजों के मुताबिक पूरे गांव के लिए बेहद दुःखद थी । परंतु रिटायर्ड फौजी राजेन्द्र व उनके पांच पुत्र जिसमें से एक रिटायर्ड फौजी गणेश भी सम्मिलित है, सहित पूरे परिवार ने इन दुःखद क्षणों में भी पूरी सहनशीलता, धैर्य व संयम रखते हुए देशभक्ति व लोकतंत्र के प्रति पूर्ण आस्था जताते हुए पहले सभी सगे संबंधियों एवं रिश्तेदारों को मतदान करने के लिए अनुरोध किया।
उन्होंनेे गांव के अन्य मतदाताओं से भी पहले मतदान करने की अपील की । रिश्तेदारों व गांववासियों ने भी इस अनुरोध को स्वीकार करते हुए पहले मतदान किया उसके पश्चात अंतिम संस्कार किया गया। परिवार के बड़े पुत्र गणेश फौजी ने अपने भाईयों एवं पिता सहित अन्य सभी लोगो से भी आग्रह किया कि वे अंतिम संस्कार के बाद सायं को अनिवार्य रूप से मतदान करेंगे क्योंकि लोकतंत्र में उनके परिवारजन की आस्था अटूट है। रिटायर्ड फौजी सुबेदार रामचंद्र ने अपने रिश्तेदारों को बताया कि लोकतंत्र में प्रत्येक मत अमूल्य होता है ऎसे में घर में भाभी के देहांत के बाद भी हम सभी परिवारजन एवं गांव के निवासियों को मतदान करना आवश्यक है। उन्होंने सभी लोगों से अपील की कि वे सशक्त लोकतंत्र के लिए पहले मतदान अवश्य करें। ग्रामवासियों एवं रिश्तेदारों ने भी परिवारजन की इस भावना का पूर्ण आदर करते हुए अनुरोध को स्वीकार कर पहले मतदान किया।