Editor- Manish Mathur
जयपुर, 10 अक्टूबर। राजधानी जयपुर में पहली बार हो रहे तीन दिवसीय इंडियन सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपेटोलॉजी एंड न्यूट्रिशन (आईएसपीजीएचएएन) का 9वां वार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी चैप्टर का 32वां वार्षिक सम्मेलन का ओपचारिक उद्घाटन शनिवार 8 अक्टूबर को मुख्य अतिथि, प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार, डॉ. वैभव गलरिया नें दीप प्रज्वलित कर किया। दीप प्रज्वलन में अतिथिः आईएपी अध्यक्ष, डॉ रमेश कुमार आर; वैज्ञानिक अध्यक्ष, आईपीए 2023, डॉ संतोष सोंस; रजिस्ट्रार, आरएमसी, डॉ मनीष शर्मा; अध्यक्ष आईएसपीजीएचएएन, डॉ. नीलम मोहन; सचिव, आईएसपीजीएचएएन, डॉ. शिरीश भटनागर; अध्यक्ष – आईएपी जयपुर शाखा, डॉ ए ए पठान; सचिव- आईएपी जयपुर शाखा, डॉ. एस पी सेठी; आयोजन अध्यक्ष, आईएसपीजीएचएएन, डॉ. आर के गुप्ता; आयोजन सचिव, आईएसपीजीएचएएन, डॉ ललित भराडिया की मौजूदगी में किया गया।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा विभाग, वैभव गालरिया ने सम्मेलन में कहां कि चिकित्सा क्षेत्र आज नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है, यह सम्मेलन नई पीढ़ी के डॉक्टर्स के लिए नॉलेज और अनुभव प्रदान करने का प्लेटफार्म साबित होगी। ऐसे प्लेटफार्म पर आकर मेडिकल क्षेत्र से जुड़े लोगों को बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, भविष्य में ऐसे आयोजन होते रहने चाहिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में राजस्थान सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहीं है। राजस्थान सरकार की जनकल्याणकारी चिकित्सा योजनाओं का लाभ आज सिर्फ प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के सभी हिस्सों से आने वाले लोग भी ले रहे हैं। सर्जरी, ट्रांसप्लांट जैसे महंगे से महंगे इलाज आज सरकार योजनाओं के अंतर्गत निशुल्क किए जा रहे हैं। सम्मेलन के जरिए मिलने वाले आइडियाज और अनुभव को हम अपनी योजनाओं में समाहित करने की कोशिश करेंगे ताकि उनका लाभ आम जनता को मिल सके। सम्मेलन में शामिल हुई राष्ट्रीय अध्यक्ष आईएसपीजीएचएएन डॉ. नीलम मोहन ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में राजस्थान ने एक नया अध्याय लिखा है, राजधानी जयपुर के जेके लोन चाइल्ड हॉस्पिटल है जहां मरीजों के लिए 800 बेड निशुल्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और यहां उनका पूरा इलाज सरकार की योजनाओं के अंतर्गत निशुल्क किया जा रहा है। राजस्थान सरकार की चिकित्सा योजनाएं मेडिकल क्षेत्र में एक मिसाल बन गई हैं। सम्मेलन ऑर्गेनाइजर और जेके लोन अस्पताल, अधीक्षक, डॉ आर के गुप्ता ने समिट में आए सभी स्पीकर्स और गेस्ट का स्वागत करते हुए सभी को धन्यवाद दिया। सम्मेलन के दौरान डॉक्टर्स द्वारा अपने 10 रिसर्च पेपर और 56 पोस्टर्स सबमिट की गए।
डॉ गुप्ता ने आगे बताया कि सम्मेलन की थीम इमर्जिंग ट्रेंड के तहत 7 सेशन आयोजित हुए जिसमे पीडियाट्रिक लिवर ट्रांसप्लांट, माय जर्नी इन पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, इंफ्लेमेटरी बॉवेल डिजीज, करेंट ट्रेंड इन पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी बाय इंटरनेशनल फैकल्टी, हेपेटोलॉजी प्लेनरी सेशन और मेटाबॉलिक लिवर डिजीज जैसे सेशन हुये। सम्मेलन की सौवेनीर 2022 की लॉन्च भी की गई। चाइल्ड मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी का क्षेत्र वर्षों की मेहनत और प्रैक्टिस के बल पर तेज़ी से डेवलप हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि सम्मेलन से हमारी युवा पीढ़ी के डॉक्टर्स को प्रख्यात चाइल्ड स्पेशलिस्ट से सीखने और हमारी स्पेशलिटी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में मदद करने के लिए एक प्लेटफार्म की भूमिका निभाएगा।