Editor- Manish Mathur
जयपुर, 11 नवंबर। राजस्थान के किले, हवेलियां, स्मारक आदि आकर्षण के बड़े केंद्र हैं और न केवल देश में, बल्कि विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। वे विश्वभर से पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। राजस्थान की पत्थर नक्काशी भी राज्य के लिए बहुत गर्व और ख्याति का विषय है। यह न केवल भव्य भवनों और प्लानिंग, बल्कि उस डिजाइन के विचार के बारे में भी हैं जो पूरे समाज के लिए उदाहरण हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह कलात्मक कौशल विलुप्त न हो जाए, स्टोन आर्टिजन्स के लिए आजीविका और व्यवहार्य आर्थिक परिस्थितियों का निर्माण करना आवश्यक है। यह बात राजस्थान के यूडीएच मंत्री, श्री शांति कुमार धारीवाल ने जेईसीसी में इंडिया स्टोनमार्ट 2022 में जयपुर आर्किटेक्चर फेस्टिवल के चतुर्थ संस्करण के उद्घाटन सत्र में कही। इंडिया स्टोनमार्ट के 11वें संस्करण का आयोजन राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास एवं निवेश निगम लिमिटेड (रीको), सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ स्टोन्स (सीडॉस) और फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।
मंत्री धारीवाल ने आगे कहा कि शहरीकरण बहुत तेजी से बढ़ रहा है और चयन के साथ स्टोन्स के उपयोग में आर्किटेक्ट्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है। राज्य के साथ-साथ देश में भी स्मार्ट सिटीज का विकास किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट भले ही केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट है, लेकिन राज्य सरकार ने भी इसके लिए फंड आवंटित किया है। मंत्री ने आगे कहा कि अधिक शोध और नवाचारों की आवश्यकता है और जयपुर आर्किटेक्चर फेस्टिवल, आर्किटेक्चर के छात्रों के लिए प्रेरणा का काम करेगा।
राजस्थान सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य की एसीएस, श्रीमती वीनू गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि राजस्थान एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और अब यह वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित हो रहा है। इसके अतिरिक्त कई अपार्टमेंट बिल्डिंग्स, पब्लिक पार्क, कमर्शियल बिल्डिंग्स आदि भी बन रहे हैं। इस परिदृश्य को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है कि आर्किटेक्ट्स के साथ-साथ आर्किटेक्चर के छात्रों को राजस्थान में विभिन्न प्रकार के डायमेन्शनल स्टोन्स और इसके उपयोगों के बारे में पता होना चाहिए।
काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर के अध्यक्ष, श्री हबीब खान ने कहा कि सीडॉस के मॉडल को पूरे देश में अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्टोनमार्ट आर्किटेक्ट्स के साथ-साथ छात्रों को स्टोन्स के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए एक समान मंच प्रदान करता है।
इस अवसर पर राजस्थान हाउसिंग बोर्ड के आयुक्त, श्री पवन अरोड़ा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि बिल्डिंग के विजन और प्लानिंग में आर्किटेक्ट्स की भूमिका को अब तेजी से पहचान मिल रही है। उन्होंने कंस्ट्रक्शन मैटेरियल्स के ज्ञान को बढ़ाने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे पूर्व आईआईए राजस्थान के चेयरमैन, आर्किटेक्ट तुषार सोगनी द्वारा स्वागत भाषण दिया गया।
मंच पर जेडीए आयुक्त, श्री रवि जैन; रीको के प्रबंध निदेशक श्री शिवप्रसाद नकाते; सीडॉस के उपाध्यक्ष, श्री राकेश कुमार गुप्ता और सीडॉस, सीईओ श्री मुकुल रस्तोगी भी उपस्थित थे।
जयपुर आर्किटेक्चर फेस्टिवल के मुख्य सैशन-
दो दिवसीय जयपुर आर्किटेक्चर फेस्टिवल के मुख्य वक्ता मलिक आर्किटेक्ट्स के श्री कमल मलिक थे। अपने संबोधन में उन्होंने केवल संरचनात्मक इंजीनियरों का आंख मूंदकर पालन करने के बजाय पारंपरिक कारीगरों और मिस्त्रियों के ज्ञान का उपयोग करने पर जोर दिया। आर्किटेक्चर के छात्रों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि केवल क्लाइंट के बताए विवरण का अनुसरण करने के बजाय, एक आर्किटेक्ट को 4 आई – ‘इन्टेलेक्ट’, ‘इन्सटिक्ट’, ‘इन्टेलिजेंस’ और ‘इन्टियूशन’ का भी उपयोग करना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि जयपुर आर्किटेक्चर फेस्टिवल आर्किटेक्ट्स, आर्किटेक्चर स्टूडेंट्स और स्टोन इंडस्ट्री एंटरप्रेन्योर्स के लिए नए विचारों को साझा करने और आर्किटेक्चर, डिजाइन, कल्चर, कंजर्वेशन, हेरिटेज और स्टोन ट्रेडिशंस पर चर्चा, चिंतन और अन्वेषण के माध्यम से चर्चा करने के लिए एक अनूठा मंच है। इस कार्यक्रम में भारत और विदेशों के लगभग 25 प्रमुख आर्किटेक्ट्स दो कीनोट सेशंस, दो मास्टर स्पीक और चार पैनल चर्चाओं के माध्यम से अपने विचार साझा कर रहे हैं।
फेस्टिवल में राजस्थान राज्य की समृद्ध संस्कृति, विरासत और स्टोन आर्किटेक्चर के स्तोत्र के रूप में डिस्प्ले एरिना में आर्किटेक्ट्स और डिजाइनरों के 15 प्रेरक प्रोजेक्ट्स को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। ‘स्टोन: मॉर्डन एप्रोच, ट्रेडिशनल रूट्स’ विषय पर एक विशेष डिसप्ले लगाया गया, जिसमें विभिन्न डिजाइन संस्थानों के छात्रों द्वारा आर्ट और डिजाइन इन्सटॉलेशन्स प्रदर्शित किए गए।