मुंबई, 03 दिसंबर, 2022- एक्सिस बैंक के निजी बैंकिंग व्यवसाय बरगंडी प्राइवेट और हुरुन इंडिया ने ‘2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ को लॉन्च करने का एलान किया है, जो भारत की 500 सबसे मूल्यवान कंपनियों की सूची का दूसरा संस्करण है। सूचीबद्ध कंपनियों के लिए बाजार पूंजीकरण और गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के मूल्यांकन के रूप में परिभाषित इन कंपनियों को उनके मूल्य के अनुसार रैंक किया गया है। इस सूची पर पहुंचने की कट-ऑफ तारीख 30 अक्टूबर 2022 थी। यह सूची केवल भारत में मुख्यालय वाली कंपनियों को संदर्भित करती है; राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियां और विदेशी के साथ-साथ भारतीय कंपनियों की सहायक कंपनियां इसमें शामिल नहीं हैं।
‘2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ सूची में शामिल करने के लिए, कंपनियों के पास 6,000 करोड़ रुपए का न्यूनतम मूल्य होना आवश्यक है, जो 725 मिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है। औसतन, 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 की कंपनियों की स्थापना 1985 में हुई थी, और आज इनका कुल मूल्य 226 लाख करोड़ रुपए (2.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) है, जो शुरुआती एडिशन की तुलना में स्थिर है। बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों में साल-दर-साल 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि एसएंडपी बीएसई 500 पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 2.5 प्रतिशत ऊपर था।
इस लिस्ट की लॉन्चिंग पर टिप्पणी करते हुए एक्सिस बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर अमिताभ चौधरी ने कहा, ‘‘बरगंडी प्राइवेट को भारत की 500 सबसे मूल्यवान कंपनियों का जश्न मनाने के लिए हुरुन इंडिया के साथ फिर से साझेदारी करने की खुशी है। बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 रिपोर्ट का दूसरा संस्करण, जिसमें भारत की 500 सबसे मूल्यवान कंपनियां शामिल हैं, इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था। ऐसे समय में जब दुनिया की ज्यादातर अर्थव्यवस्थाएं मंदी की ओर बढ़ती नजर आ रही हैं, ऐसे में हमारा देश अपनी श्रेष्ठता के दशक में प्रवेश कर रहा है। भारतीय कंपनियां और उनके नेतृत्व आज देश की अनूठी स्थिति में उनके योगदान के लिए बहुत प्रशंसा का पात्र है, और हम यकीन के साथ कह सकते हैं कि वे अगले दशक में भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में और भी बड़ी भूमिका निभाएंगे।’’
‘‘वैश्विक चुनौतियों के बावजूद, ‘2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ सूची में शामिल कंपनियों ने अपने हितधारकों के लिए 226 लाख करोड़ रुपए (2.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर) का मूल्य सृजित किया। भारत की अग्रणी धन प्रबंधन फ्रेंचाइजी के रूप में, बरगंडी प्राइवेट ने इस मूल्य निर्माण को करीब से देखा। इस वर्ष की सूची में शामिल कंपनियों ने राष्ट्र निर्माण में अत्यधिक योगदान दिया है। इन 500 कंपनियों की टॉपलाइन भारत की जीडीपी के 29 प्रतिशत के बराबर है, और ये कंपनियां देश के कुल कार्यबल के 1.5 फीसदी तक को रोजगार देती हैं। रिपोर्ट में जो बात सामने आई वह यह है कि सूची में शामिल 67 कंपनियां 10 साल से कम पुरानी हैं। ये नए जमाने की कंपनियां वास्तव में अपनी एंटरप्रेन्योरशिप, टैक्नोलॉजी और डिजिटल इनोवेशन के साथ आने वाले दशक को एक नया आकार देंगी।’’
उन्होंने आगे कहा, ‘‘एक्सिस बैंक को भारतीय अर्थव्यवस्था में विकास के अवसरों के बारे में बेहद आशाएं हैं। एक पूर्ण-सेवा बैंक के रूप में ‘वन एक्सिस’ देने की हमारी क्षमता, सभी वित्तीय सेवाओं में विविध समाधान प्रदान करना, हमारी विशिष्टता का एक प्रमुख क्षेत्र है, जिससे हम अपने ग्राहकों के लिए अद्वितीय समाधान ला सकते हैं। जैसा कि भारत अपने सबसे महत्वपूर्ण दशक की ओर बढ़ रहा है, हम 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 सूची में शामिल कंपनियों के साथ साझेदारी करने के लिए तत्पर हैं, क्योंकि वे अपनी विकास यात्रा में और नई उपलब्धियां हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं।’’
हुरुन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने कहा, ‘‘यह देखना बहुत आसान है कि ‘2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’ लिस्ट भारत में कंपनियों के सबसे शक्तिशाली समूह का किस तरह प्रतिनिधित्व करती है। 2.7 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल मूल्य के साथ, जो कि भारत की वर्तमान जीडीपी के बराबर है, वे भारत की अर्थव्यवस्था में मेरूदंड की भूमिका निभा रही हैं। इन 500 कंपनियों ने कुल मिलाकर 820 बिलियन अमेकिरकी डॉलर की बिक्री की और 7.3 मिलियन कर्मचारियों को रोजगार दिया, जो संयुक्त अरब अमीरात की कामकाजी आबादी से अधिक है। यदि आप यह समझना चाहते हैं कि वास्तव में भारतीय अर्थव्यवस्था में क्या चल रहा है, तो भारत की सबसे मूल्यवान कंपनियों यानी ‘2022 बरगंडी प्राइवेट, हुरुन इंडिया 500’ लिस्ट के पीछे की कहानियों को समझना एक अच्छा कदम हो सकता है। ‘2022 बरगंडी प्राइवेट, हुरुन इंडिया 500’ लिस्ट को जारी करने के लिए हुरुन इंडिया, एक्सिस बैंक के प्राइवेट बैंकिंग बिजनेस बरगंडी प्राइवेट के साथ साझेदारी करके खुश है।’’
‘‘इस साल, 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 लिस्ट बनाने की सीमा 6,000 करोड़ रुपए थी, जो पिछले साल से 15 प्रतिशत अधिक है। यह प्रभावशाली है, हुरुन ग्लोबल 500 में प्रवेश करने के लिए कट-ऑफ को देखते हुए 23 प्रतिशत की कमी आई है। बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 इंगित करता है कि वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच भारत आज भी संभवतः सबसे शानदार स्थान है। विकास की इस दर पर, बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में प्रवेश करने की कट-ऑफ पांच वर्षों में 10,000 करोड़ रुपए के करीब हो सकती है।’’
जहां तक मूल्य की बात है, ‘‘2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500’’ के मूल्य में 1,78,965 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। एनर्जी, रिटेल, हॉस्पिटैलिटी और कंज्यूमर गुड्स ऐसे सेक्टर हैं, जिन क्षेत्रों में मजबूत वृद्धि हुई है। सॉफ्टवेयर और सेवा क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ और पिछले साल की तुलना में कुल मिलाकर 6 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। मुद्रास्फीति और बढ़ती मंदी के कारण, भारतीय आईटी आउटसोर्सिंग कंपनियों के बड़े सौदों को बंद करने की गति धीमी होने की उम्मीद है।’’
‘‘मेडिकल डायग्नोस्टिक्स क्षेत्र, जिसने टेस्टिंग मेंडेट के दम पर कोविड –19 के दौरान बहुत उच्च वृद्धि का आनंद लिया, ने लाभ को उलट दिया और मूल्य में लगभग 13,000 करोड़ रुपए बहा दिए।’’
‘‘2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में से एक मुकाम बनाना किसी के लिए भी एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन 18 लोग ऐसे हैं जिन्होंने इसे एक से अधिक बार संभव कर दिखाया है। गौतम अडानी ने सूची में 7 कंपनियों को लॉन्च किया है और 8वीं – अंबुजा सीमेंट्स का अधिग्रहण किया है। शायद यह आश्चर्य की बात नहीं है कि वह उपमहाद्वीप के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। अन्य लोगों में एन चंद्रशेखरन शामिल हैं, जो टाटा संस के अध्यक्ष हैं, जिन्होंने सूची में छह कंपनियों को जोड़ा है और संजीव गोयनका और कुमार मंगलम बिड़ला जिन्होंने प्रत्येक ने सूची में तीन-तीन जोड़े हैं।’’
‘‘इन दिनों, स्टार्ट-अप से संबंधित कॉन्फ्रेंसेज में पैनल चर्चा के लिए सबसे गर्म विषय स्टार्ट-अप वैल्यूएशन है, जो 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 का दिल है। पब्लिक मार्केट लिस्टिंग जिसे वैल्यूएशन के लिए लिटमस टेस्ट माना जाता है, समाप्त हो गया है और कुछ के लिए यह जहर का प्याला बनने जैसा है। उदाहरण के लिए, 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में कुछ सबसे बड़े वैल्यू शेडर्स पॉलिसी बाज़ार, पेटीएम, ज़ोमैटो और नायका जैसे स्टार्ट-अप हैं, जो पिछले साल की तुलना में अपने मूल्य में क्रमशः 68 प्रतिशत, 59 प्रतिशत, 50 प्रतिशत और 48 प्रतिशत खो चुके हैं। यह प्रवृत्ति एक स्पष्ट संकेत है कि निजी बाजारों में 2021 मापदंडों के आधार पर स्टार्ट-अप वैल्यूएशन कोई खास मायने नहीं रखता।’’
‘‘लंबे समय में, स्टार्ट-अप वैल्यू क्रिएशन बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 के भविष्य के संस्करणों में प्रवेश करने वाली कंपनियों की रफ्तार में काफी वृद्धि करने जा रहा है। उदाहरण के लिए, ज़ेप्टो और मेन्सा ब्रांड्स को सूची में प्रवेश करने में अपने स्थापना वर्ष से सिर्फ 2 साल लगे। सबसे मूल्यवान स्टार्ट-अप्स की अगली लहर का नेतृत्व उन संस्थापकों द्वारा किया जाएगा जो 800 मिलियन लोगों के लिए और क्लाइमेट सस्टेनेबिलिटी के लिए निर्माण कर रहे हैं।’’
‘‘जब 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 कंपनियों की बात आती है, तो मुंबई हावी हो जाता है, 159 कंपनियों के साथ जो भारत 500 का 32 प्रतिशत हिस्सा है और कुल मूल्य का 48 प्रतिशत या 108 लाख करोड़ रुपए की टोटल वैल्यू के साथ। 63 कंपनियों और टोटल वैल्यू के 11 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर मौजूद बेंगलुरु से मुंबई काफी आगे है।
‘‘वैल्यू शायद किसी कंपनी के प्रदर्शन को मापने का सबसे अच्छा तरीका है, क्योंकि मूल्य न केवल कंपनी के वर्तमान प्रदर्शन बल्कि इसकी भविष्य की क्षमता को भी ध्यान में रखता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यवसाय का मूल्य 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, तो इसका मतलब है कि निवेशकों का मानना है कि यह दस वर्षों के भीतर 30 बिलियन अमेरिकी डॉलर का मुनाफा देने जा रहा है। नई जानकारी के प्रकाश में आने पर यह बदल जाता है, जैसे कि युद्धों का प्रभाव, मुद्रास्फीति, सरकारी डेटा, विनियम और सामान्य सेंटिमेंट्स।’’
दिलचस्प बात यह है कि भारत की कुछ सबसे मूल्यवान कंपनियों की बिक्री आश्चर्यजनक रूप से कम थी। 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 कंपनियों में से 61 की वित्त वर्ष 2022 में 1,000 करोड़ रुपए से कम की बिक्री हुई थी। उदाहरण के लिए, अडानी टोटल गैस के पास ‘सिर्फ’ 3,248 करोड़ रुपए का राजस्व था और केवल 570 कर्मचारी थे, फिर भी उसका मार्केट कैप 3,96,245 करोड़ रुपए था, जबकि यूनिकॉर्न फ़िज़िक्स वाला का मूल्य 9,100 करोड़ रुपए था, बावजूद इसके कि वह वित्त वर्ष 2022 में बिक्री से 233 करोड़ से कम का उत्पादन कर रहा था।
‘‘2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 पर 53 प्रतिशत कंपनियां, जिन्हें मूल्य के आधार पर रैंक किया गया है, वे फॉर्च्यून इंडिया 500 में नहीं हैं, जिन्हें बिक्री द्वारा रैंक दिया जाता है। यह अंतर हुरुन से आया जिसमें रिलायंस कैपिटल और वैरोक इंजीनियरिंग जैसी कंपनियों को शामिल नहीं किया गया था, जिनकी बिक्री बड़ी थी लेकिन उन्हें 6,000 करोड़ रुपए की सीमा से अधिक पर ले जाने के लिए पर्याप्त वैल्यू जनरेट नहीं हुई। दूसरा कारण यह है कि 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियां शामिल नहीं हैं, जैसे भारतीय स्टेट बैंक और तेल और प्राकृतिक गैस निगम। दिलचस्प यह होगा कि संभवतः राज्य के स्वामित्व वाली केवल 60 सूचीबद्ध कंपनियों ने 6,000 करोड़ रुपए का कट-ऑफ हासिल किया होगा।’’
‘‘हुरुन 1999 से अपनी सूचियों और रिसर्च के माध्यम से एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दे रहा है। रिच लिस्ट और फिलेन्थ्रोपी लिस्ट के साथ शुरू करते हुए, हुरुन ने यूनिकॉर्न्स और हाल ही में 500 सबसे मूल्यवान कंपनियों को वैश्विक स्तर पर और साथ ही व्यक्तिगत देशों के लिए, सबसे अधिक रैंक दिया है। महत्वपूर्ण रूप से चीन और भारत।’’
‘‘क्षेत्रीय सरकारें देश की सबसे मूल्यवान कंपनियों, 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 की कंपनियों को आकर्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रही हैं। ये कंपनियां कर राजस्व, गुणवत्तापूर्ण रोजगार और उद्योग नेतृत्व के लिए सबसे बड़े अवसर उपलब्ध कराती हैं।’’
‘‘भारत के स्टार्ट-अप कुछ महत्वपूर्ण कंपनियों का निर्माण कर रहे हैं। 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 के 13 प्रतिशत से कम 10 साल से कम पुराने हैं, जिसका नेतृत्व अडानी ट्रांसमिशन, अडानी ग्रीन एनर्जी, स्विगी, रेजरपे और क्रेड कर रहे हैं। इन स्टार्टअप्स में से 71 यूनिकॉर्न और 8 गजेल्स हैं।’’
‘‘यह देखना भी बड़ा दिलचस्प है कि 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 से कंपनियों के 16 प्रतिशत निदेशक मंडल में महिलाएं शामिल हैं। जैसे-जैसे भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ती है और भारत 500 बड़ा होता जाता है, उम्मीद है कि महिला बोर्ड निदेशकों का प्रतिशत भी बढ़ेगा। 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 के अनुसार लगभग 2.1 लाख महिला कर्मचारियों के साथ टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के नेतृत्व में देश में महिलाओं के सबसे बड़े नियोक्ता हैं।’’
‘‘पारिवारिक व्यवसाय अभी भी भारतीय अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा बनाते हैं। 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 मंे शामिल 70 प्रतिशत कंपनियां परिवार द्वारा संचालित व्यवसाय को आगे बढ़ा रही हैं।’’
‘‘2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 लिस्ट दरअसल 27 विभिन्न उद्योगों में फैली हुई है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की समग्र विकास कहानी को प्रदर्शित करता है।’’
‘‘भारतीय अर्थव्यवस्था की एक अनूठी विशेषता पारंपरिक औद्योगिक समूह हैं, जिनमें से कई 100 साल पहले शुरू हुए थे। शीर्ष 10 औद्योगिक समूहों के पास 2022 बरगंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में से 61 कंपनियां या 12 प्रतिशत हिस्सा है। इसमें टाटा समूह 15 कंपनियों के साथ सबसे आगे है, इसके बाद अडानी समूह 8 और मुरुगप्पा समूह 6 कंपनियों के साथ है।’’
अपनी बात का समापन करते हुए हुरुन इंडिया के एमडी और चीफ रिसर्चर अनस रहमान जुनैद ने कहा, ‘‘इन कंपनियों की कहानियां आधुनिक भारतीय अर्थव्यवस्था की कहानी बयान करती हैं!’’