जयपुर 01 मई 2019 अन्तरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस-2019 के अवसर पर बुधवार को उच्च न्यायलय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में श्रमिक सशक्तिकरण चुनौतियां, समाधान और भविष्य विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
सेमिनार में राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण(रालसा) के सदस्य सचिव श्री अशोक कुमार जैन ने कहा कि मैन्यूफेक्चरिंग के क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण योगदान श्रमिक का होता है, उसके अधिकारों की रक्षा हो, यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मजदूरों के हितों की रक्षा के लिए जरूरी है कि समाज उनके लिए संवेदनशील हो। श्री जैन ने कहा कि न्याय मिलने में किसी भी प्रकार की देरी प्राकृतिक न्याय के सिद्धान्त के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों से जुड़े प्रकरणों में तत्काल विधिक सहायता उपलब्ध करवाई जानी चाहिये।
इस अवसर पर लेबर कोर्ट जयपुर के न्यायाधीश श्री आर डी रोहिल्ला ने कहा कि श्रमिकों से जुड़े प्रकरणों की प्रभावी पैरवी की जानी चाहिये। श्रमिकों को शोषण से बचाने के लिए श्रमिक निरीक्षकों द्वारा उद्योगों में श्रमिकों की स्थिति जानने के लिए नियमित निरीक्षण किया जाना चाहिये। श्री रोहिल्ला ने कहा कि संगठित तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के कल्याण से संबंधित विभिन्न योजनाएं हैं। उनके स्वास्थ्य, बच्चों की पढ़ाई, बाल श्रम रोकथाम और न्यूनतम मजदूरी से संबंधित प्रभावशाली कानून भी हैं। श्रमिकों को इस संबंध में पूरी जानकारी दी जानी जरूरी है, ताकि वे उसका पूरा फायदा उठा सकें।
सेमिनार में लेबर मामलों से जुड़े अधिवक्ताओं और उद्योगों से आये प्रतिनिधियों ने भी श्रमिकों की स्थिति में सुधार के संबंध में अपने विचार रखे।
इस अवसर पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष, अधिवक्ता, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पदाधिकारी तथा विधि छात्रगण उपस्थित थे।