राष्ट्रीय, 20 जनवरी, 2023: अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (“एईएल” या “कंपनी) ने शुक्रवार, 27 जनवरी, 2023 को आंशिक भुगतान आधार पर जारी कुल ₹ 20,000 करोड़* तक के अपने अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (“एफपीओ‘) को खोलने का प्रस्ताव दिया है।
*एफपीओ इक्विटी शेयरों के संबंध में पूर्ण सब्सक्रिप्शन और आवंटन एवं सभी कॉल मनी की प्राप्ति मानते हुए
एफपीओ में ताजा निर्गम (‘ऑफर‘) के जरिए प्रति एफपीओ इक्विटी शेयर मूल्य# (प्रीमियम सहित) पर नकद रूप में कंपनी के ₹1 अंकित मूल्य के आंशिक चुकता इक्विटी शेयर (“एफपीओ इक्विटी शेयर“) शामिल हैं। इस ऑफर में पात्र कर्मचारियों द्वारा सब्सक्रिप्शन के लिए ₹50 करोड़ तक के कुल एफपीओ इक्विटी शेयरों का आरक्षण शामिल है, जो ऑफर के बाद की चुकता इक्विटी पूंजी के 5% से अधिक नहीं होगा (“कर्मचारी आरक्षण हिस्सा“)।
#प्रस्ताव के खुदरा हिस्से में बोली लगाने वाले खुदरा व्यक्तिगत बोलीदाताओं के लिए प्रति एफपीओ इक्विटी शेयर ₹64 की छूट की पेशकश की जा रही है।
एफपीओ ऑफर के लिए प्राइस बैंड ₹3,112 से ₹3,276 प्रति एफपीओ इक्विटी शेयर तय किया गया है। कम से कम 4 एफपीओ इक्विटी शेयरों के लिए और उसके बाद 4 एफपीओ इक्विटी शेयरों के गुणक में बोली लगाई जा सकती है। एंकर निवेशकों के लिए बोली लगाने की तारीख बोली/ऑफर खुलने की तारीख से एक कार्य दिवस पहले होगी। एफपीओ ऑफर मंगलवार 31 जनवरी, 2023 को बंद होगा। यूपीआई मैंडेट समाप्त होने का समय बोली/ऑफर बंद होने की तिथि को शाम 5.00 बजे होगा।
प्रस्ताव का खुदरा हिस्सा, खुदरा निवेशकों के लिए ₹64 प्रति एफपीओ इक्विटी शेयर की छूट पर उपलब्ध होगा और इस तरह की छूट को 18 जनवरी, 2023 के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (“आरएचपी“) का हिस्सा माना जाना चाहिए और इसे आरएचपी से जोड़कर पढ़ा जाना चाहिए।
अडानी एंटरप्राइजेज ने एफपीओ से होने वाली शुद्ध आय के ₹10,869 करोड़ का उपयोग ग्रीन हाइड्रोजन पारिस्थितिकी तंत्र की कुछ परियोजनाओं के संबंध में अपनी कुछ सहायक कंपनियों की पूंजीगत व्यय आवश्यकताओं के वित्तपोषण; कुछ मौजूदा हवाईअड्डा सुविधाओं के सुधार कार्य; और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण हेतु करने का प्रस्ताव दिया है। अडानी एंटरप्राइजेज ने कंपनी और उसकी तीन सहायक कंपनियों, अडानी एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड, अडानी रोड ट्रांसपोर्ट लिमिटेड और मुंद्रा सोलर लिमिटेड के कुछ उधारों को पूर्ण या आंशिक रूप से चुकाने के लिए ₹4,165 करोड़ का उपयोग करने का भी प्रस्ताव किया है। बाकी का उपयोग सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
इस रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के माध्यम से प्रस्तावित एफपीओ इक्विटी शेयरों को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध किए जाने का प्रस्ताव है।
ऑफर के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (“बीआरएलएम”) आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड, जेफरीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, एक्सिस कैपिटल लिमिटेड, बीओबी कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, आईडीबीआई कैपिटल मार्केट्स एंड सिक्योरिटीज लिमिटेड, जेएम फाइनेंशियल लिमिटेड, आईआईएफएल सिक्योरिटीज लिमिटेड, मोनार्क नेटवर्थ कैपिटल लिमिटेड और इलारा कैपिटल (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड हैं।
यह पेशकश सेबी आईसीडीआर विनियमों के विनियम 155 के अनुसार की जा रही है। यह पेशकश सेबी आईसीडीआर विनियमों के विनियम 129(1) के अनुसार और बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के माध्यम से की जा रही है, जिसमें योग्य संस्थागत खरीदारों (“क्यूआईबी” और ऐसा हिस्सा, ‘क्यूआईबी हिस्सा‘) को आनुपातिक आधार पर नेट ऑफर का 50% से अधिक आवंटित नहीं किया जाएगा। बुक रनिंग लीड मैनेजर्स के परामर्श से कंपनी, सेबी आईसीडीआर विनियमों (“एंकर निवेशक भाग“) के अनुसार विवेकाधीन आधार पर क्यूआईबी हिस्से का 60% तक एंकर निवेशकों को आवंटित कर सकती है, जिसमें से कम से कम एक-तिहाई सेबी आईसीडीआर विनियमों के अनुसार केवल घरेलू म्यूचुअल फंड को आवंटित किए जाने हेतु आरक्षित होगा, बशर्ते घरेलू म्यूचुअल फंड्स से एंकर निवेशक आवंटन मूल्य या इससे अधिक मूल्य पर बोलियाँ प्राप्त हों। एंकर निवेशक हिस्से में कम सब्सक्रिप्शन होने पर, या उसके अनावंटन की स्थिति में, शेष एफपीओ इक्विटी शेयरों को क्यूआईबी हिस्से में जोड़ दिया जाएगा, जिसमें से एंकर निवेशकों को आवंटित इक्विटी शेयरों की संख्या को घटा दिया जाएगा (“शुद्ध क्यूआईबी हिस्सा”)। इसके अलावा, शुद्ध क्यूआईबी हिस्से का 5% आनुपातिक आधार पर केवल म्युचुअल फंड को आवंटित किए जाने के लिए उपलब्ध होगा, और शेष क्यूआईबी हिस्सा एंकर निवेशकों के अलावा सभी क्यूआईबी बोलीदाताओं को आनुपातिक आधार पर आवंटन के लिए उपलब्ध होगा, जिसमें एंकर निवेशक भी शामिल हैं, बशर्ते ऑफर प्राइस पर या उससे ऊपर वैध बोलियाँ प्राप्त हों। इसके अलावा, सेबी आईसीडीआर विनियमों के विनियम 129(1) के अनुसार, गैर-संस्थागत बोलीदाताओं को आवंटन के लिए नेट ऑफर का कम से कम 15% उपलब्ध होगा, जिसमें से (ए) इस तरह के हिस्से का एक तिहाई ₹2,00,000 से ₹10,00,000 तक की बोलियों लगाने वाले बोलीदाताओं के लिए आरक्षित होगा; और (बी) इस तरह के हिस्से का दो-तिहाई भाग उन आवेदकों के लिए आरक्षित होगा जिनकी बोलियां ₹10,00,000 से अधिक की होंगी, बशर्ते कि ऐसी उप-श्रेणियों में से किसी भी उप-श्रेणी में से सब्सक्राइब न हो पाया हिस्सा सेबी आईसीडीआर विनियमों के अनुसार गैर-संस्थागत बोलीदाताओं की अन्य उप-श्रेणी के आवेदकों को आवंटित किया जा सकता है, हालांकि ऑफर प्राइस पर या इससे अधिक मूल्य पर वैध बोलियाँ प्राप्त होनी चाहिए। इसके अलावा, सेबी आईसीडीआर विनियमों के अनुसार खुदरा व्यक्तिगत बोलीदाताओं (“आरआईबी“) को आवंटन के लिए नेट ऑफर का कम से कम 35% उपलब्ध होगा, जो ऑफर मूल्य पर या उससे ऊपर प्राप्त होने वाली वैध बोलियों के अधीन होगा।एंकर निवेशकों के अलावा सभी संभावित बोलीदाताओं को अपने संबंधित बैंक खाते (यूपीआई बोलीदाताओं के मामले में यूपीआई आईडी सहित) का विवरण प्रदान करके एप्लिकेशन सपोर्टेड बाय ब्लॉक्ड एमाउंट (“एएसबीए“) का अनिवार्य रूप से उपयोग करना आवश्यक है। बोलीदाताओं द्वारा अपने जिस बैंक खाते, यूपीआई आईडी संबंधित जानकारी दी जाएगी उसमें संबंधित बोली राशि को एससीएसबी या स्पॉन्सर बैंकों द्वारा यूपीआई विधि के अंतर्गत अवरुद्ध कर दिया जाएगा ताकि वो ऑफर में शामिल हो सकें। एंकर निवेशकों को एएसबीए प्रक्रिया के माध्यम से एंकर निवेशक हिस्से में भाग लेने की अनुमति नहीं है।
विवरण के लिए, आरएचपी के पृष्ठ 698 पर शुरू होने वाला “ऑफर प्रॉसिजर” देखें।
आरएचपी के माध्यम से प्रस्तावित एफपीओ इक्विटी शेयरों को बीएसई और एनएसई पर सूचीबद्ध किए जाने का प्रस्ताव है।
यहां उपयोग किए गए लेकिन परिभाषित नहीं किए गए सभी बड़े अक्षर के शब्दों का वही अर्थ होगा जो उन्हें आरएचपी में बताया गया है।