मुंबई, 17 मार्च, 2023: कर्नाटकस्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल के सहयोग से एनएसई अकादमी कर्नाटक के युवाओं कोवित्तीय प्रबंधन से संबंधित कौशल प्रदान कर रही है। जुलाई 2022 मेंएनएसई अकादमी ने कॉलेज के छात्रों की वित्तीय शिक्षा के लिए इस काउंसिल के साथएमओयू और कर्नाटक के 20 राज्य विश्वविद्यालयों के साथ एमओए पर हस्ताक्षरकिए। इसी सिलसिले में 45 घंटे का ‘वित्तीय शिक्षा और निवेश जागरूकता’ जीवनकौशल पाठ्यक्रम को 20 विश्वविद्यालयों के सभी यूजी द्वितीय वर्ष केछात्रों के पाठ्यक्रम के साथ जोड़ा गया है। 4 लाख सेअधिक छात्र कक्षा सत्रों और ऑनलाइन सामग्री के माध्यम से वित्तीय दुनिया कीअवधारणाओं को सीखने और समझने का प्रयास कर रहे हैं। एनएसई अकादमी द्वाराप्रशिक्षित 2500 से अधिक संकाय सदस्यों द्वारा कक्षा सत्रों कोसंभाला जाता है। ऑनलाइन सामग्री का दायित्व एनएसई अकादमी एलएमएस के माध्यम से पूराकिया जाता है।
कर्नाटककी कॉमर्स करिकुलम कमेटी और विभिन्न उद्योग निकायों के इनपुट के साथ एनएसई अकादमीद्वारा विकसित पाठ्यक्रम सामग्री अंग्रेजी में तैयार की गई है। भाषा की बाधा कोतोड़ने और छात्रों के सभी वर्गों तक पहुंचने के लिए, एनएसईअकादमी ने पाठ्यक्रम वर्कबुक का एक कन्नड़ संस्करण भी विकसित किया है।कन्नड़वर्कबुक को कर्नाटक के माननीय राज्यपाल और एनएसई के एमडी और सीईओ द्वारा संयुक्तरूप से जारी किया गया। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम 14 मार्च 2023 कोगांधीनगर, बेंगलुरु में कर्नाटक स्टेट हायर एजुकेशन काउंसिलमें आयोजित किया गया था।इस अवसरपर कर्नाटक के माननीय राज्यपाल श्री थावर चंद गहलोत ने कहा, ‘‘सांस्कृतिकऔर भाषाई विविधता को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न देशों द्वारा राष्ट्रीय स्तर परप्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही डिजिटल दुनिया में भाषाओं का समावेश और समावेशीशिक्षण सामग्री का निर्माण महत्वपूर्ण है। मातृभाषा पर आधारित दूरस्थ शिक्षा कोशिक्षा प्रणालियों में शामिल किया जाना चाहिए। इसी क्रम में वित्तीय शिक्षा जैसेजीवन कौशल के साथ-साथ मातृभाषा में मूल्य-आधारित शिक्षा पर ध्यान देने के दूरगामीनतीजे हासिल होंगे। साथ ही,अपने कौशल को लगातार अपडेटकरके युवा पीढ़ी को सशक्त बनाने से एक नए भारत के निर्माण में मदद मिलेगी।’’एनएसईके एमडी और सीईओ श्री आशीष कुमार चौहान ने कहा, ‘‘अनुसंधानसे पता चलता है कि मातृभाषा में शिक्षा प्रदान करने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सेसंबंधित प्रयास सफल होते हैं और इस तरह हम सीखने के परिणामों और शैक्षणिक प्रदर्शनमें भी सुधार हासिल कर सकते हैं। समावेशी वित्तीय शिक्षा के माध्यम से वित्तीयसमावेशन को बढ़ावा देने का दृष्टिकोण इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’एनएसईअकादमी के सीईओ श्री अभिलाष मिश्रा ने इस अवसर पर कहा, ‘‘एनएसईअकादमी को इस बात पर गर्व है कि इसने कर्नाटक के छात्रों के बीच वित्तीय प्रबंधनसंबंधी महत्वपूर्ण प्रथाओं को विकसित करने के मिशन में योगदान किया है। हमेंविश्वास है कि वर्कबुक का कन्नड़ संस्करण मातृभाषा में सीखने को प्रोत्साहित करकेवित्तीय शिक्षा की प्रभावशीलता को बढ़ाएगा।’’यहकार्यक्रम राज्य के सार्वजनिक विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की गवर्नर समिट का एकहिस्सा था। यह समिट ‘हायर एजुकेशन इन रीजनल लैंग्वेजेज’ थीम परआयोजित किया गया था। प्रो. तिम्मेगौड़ा- वाइस चेयरमैन, कर्नाटकस्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल,प्रो. ममिदाला जगदीशकुमार- यूजीसी के चेयरमैन (वर्चुअली ज्वाइन), प्रो.नागेश्वर राव- वाइस चांसलर,इंदिरा गांधी नेशनल ओपनयूनिवर्सिटी और चेयरमैन,भारतीय भाषा समिति, पद्मश्रीचामुकृष्णशास्त्री- सचिव,भारतीय भाषा समिति, श्री.एस.आर. उमा शंकर आईएएस – अतिरिक्त मुख्य सचिव (उच्च शिक्षा), कर्नाटकसरकार, प्रोफेसर बुद्ध चंद्रशेखर – मुख्य समन्वय अधिकारी, एआईसीटीई, श्रीगोपाल कृष्ण जोशी- कार्यकारी निदेशक,कर्नाटक स्टेट हायरएजुकेशन काउंसिल, श्री रंगनाथन एस- मुख्य प्रबंधक, एनएसईअकादमी, श्री हरि के- बिजनेस हेड, नेशनलस्टॉक एक्सचेंज, कर्नाटक के राज्य विश्वविद्यालयों के माननीय कुलपति, यूजीसी, एआईसीटीई, कर्नाटकस्टेट हायर एजुकेशन काउंसिल,एनएसई और एनएसई अकादमी केअधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस कार्यक्रम में शामिल हुए।