पुणे, 28 मार्च, 2023- भारत के सबसे बड़े इंटीग्रेटेड लॉजिस्टिक्स समाधान प्रदाताओं में से एक महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड (एमएलएल) और एक औद्योगिक रियल एस्टेट डेवलपर एसेंडस-फर्स्टस्पेस ने तालेगांव, पुणे में एक मिलियन वर्ग फुट का मल्टी-क्लाइंट वेयरहाउस पार्क स्थापित करने की घोषणा की है। व्यापक कनेक्टिविटी के साथ इस फेसिलिटी का संपूर्ण विकास तीन चरणों में फैला होगा। 0.5 मिलियन वर्ग फुट के पहले चरण के तहत 2023-24 के अंत तक कामकाज शुरू हो जाएगा।
40 एकड़ में फैले एसेंडस-फर्स्टस्पेस पुणे तालेगांव-द्वितीय लॉजिस्टिक्स पार्क में एसेंडस-फर्स्टस्पेस के माइक्रो-मार्केट में यह दूसरा प्रोजेक्ट है। तालेगांव-द्वितीय चाकन तालेगांव औद्योगिक कॉरिडोर (सीटीआईसी) का हिस्सा है, जो भारत में सबसे महत्वपूर्ण मैन्यूफेक्चरिंग क्लस्टर्स में से एक है। यह क्षेत्र ऑटो, इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित बड़ी कंपनियों के लिए एक पारंपरिक विनिर्माण आधार रहा है। मेक इन इंडिया कार्यक्रम की सफलता के कारण सीटीआईसी कॉरिडोर में वर्तमान में महत्वपूर्ण वृद्धि की संभावनाएं नजर आ रही हैं।
यह वेयरहाउस पार्क रणनीतिक औद्योगिक क्लस्टर में महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड के मल्टी-यूजर फेसिलिटीज के अखिल भारतीय नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। 1 मिलियन वर्ग फीट की ए-ग्रेड वेयरहाउसिंग क्षमता के अलावा इस फेसिलिटी में एमएलएल का पहला ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी सेंटर भी होगा। इस केंद्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन, एआरवीआर, एजीवी और ब्लॉक-चेन पर ऑटोमेशन टैक्नोलॉजी के विकास और इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
चाकन तालेगांव इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (सीटीआईसी) के भीतर स्थित आधुनिक ए-ग्रेड वेयरहाउस को कंपनी के सस्टेनेबिलिटी स्टैंडर्ड के साथ डिजाइन किया जाएगा। इसे पुनर्नवीनीकरण योग्य निर्माण सामग्री, लिक्विड डिस्चार्ज मैनेजमेंट, नवीकरणीय ऊर्जा अपशिष्ट प्रबंधन और अत्याधुनिक स्वचालन के साथ विकसित किया जाएगा। एमएलएल को सस्टेनेबिलिटी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए भी पहचाना जाता है। इसके तहत कंपनी अपने सभी मल्टी-क्लाइंट लार्ज फॉर्मेट वेयरहाउस में इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) प्लैटिनम सर्टिफिकेशन के साथ-साथ लीडरशिप इन एनर्जी एंड एनवायरनमेंटल डिज़ाइन (एलईईडी) सर्टिफिकेशन हासिल करने के लक्ष्य के साथ निवेश करती है। इस तरह ये सभी वेयरहाउसिंग सुविधाएं पूरी तरह ऊर्जा कुशल और असाधारण रूप से टिकाऊ होती हैं। तालेगांव, पुणे की यह सुविधा भी साइट पर 100 प्रतिशत सौर ऊर्जा से चलने वाली अक्षय ऊर्जा के साथ आईजीबीसी गोल्ड/प्लैटिनम प्रमाणित होगी।
महिंद्रा लॉजिस्टिक्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ श्री रामप्रवीण स्वामीनाथन ने कहा, ‘‘चाकन क्षेत्र भारत के प्रमुख इंडस्ट्रियल और कंजम्पशन क्लस्टर में से एक है। यह क्षेत्र महिंद्रा लॉजिस्टिक्स के लिए सबसे बड़ा क्षेत्र है, और हमें एसेंडस-फर्स्टस्पेस के साथ साझेदारी में इस निवेश की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। 1 मिलियन वर्ग फुट की इस सुविधा के जरिये हम क्षेत्र में प्रमुख ग्राहकों के लिए एकीकृत समाधानों की अपनी सीमा का और विस्तार कर सकेंगे और उन्हें टैक्नोलॉजी आधारित विश्व स्तरीय समाधान प्रदान कर सकेंगे। इस साइट पर हमारा पहला ऑटोमेशन टेक्नोलॉजी सेंटर भी लॉन्च होगा। साथ ही हम डीईआईए टैलेंट डेवलपमेंट पर भी ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। इस साइट को 2040 तक कार्बन न्यूट्रल के हमारे दृष्टिकोण के अनुसार इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) प्लैटिनम सर्टिफिकेशन के साथ-साथ लीडरशिप इन एनर्जी एंड एनवायरनमेंटल डिज़ाइन (एलईईडी) प्रमाणित सुविधा के रूप में डिज़ाइन किया गया है।’’
एसेंडस-फर्स्टस्पेस के सीईओ श्री आलोक बुनिया ने कहा, ‘‘हम इस बात की बहुत खुशी है कि महिंद्रा लॉजिस्टिक्स लिमिटेड ने हमारे लॉजिस्टिक्स पार्क में काम करने का फैसला किया है। हमारा यह पार्क इस क्षेत्र में हमारे पास मौजूद सबसे बड़ी मल्टी-यूजर फेसिलिटी में से एक है। हम बहुत उत्साह के साथ महिंद्रा लॉजिस्टिक्स का स्वागत करते हैं और साथ ही देशभर में अन्य परियोजनाओं के लिए हमारी साझेदारी का विस्तार करने के लिए भी तत्पर हैं। यह साझेदारी विश्वास और गुणवत्ता विकास की स्थायी विरासत का ही एक प्रमाण है, जिसे केपिटल एंड इनवेस्टमेंट और एसेंडस-फर्स्टस्पेस ने वर्षों से स्थापित किया है। हम अपने क्लाइंट्स के लिए एक मजबूत भागीदार बनने के लिए प्रतिबद्ध हैं और पूरे भारत में प्रमुख रणनीतिक लॉजिस्टिक्स नोड्स और विनिर्माण समूहों में लॉजिस्टिक और औद्योगिक पार्कों के एक मजबूत नेटवर्क का निर्माण करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।’’
जेएलएल में लॉजिस्टिक्स एंड इंडस्ट्रियल, इंडिया के एमडी श्री संजय बजाज ने कहा, ‘‘हमें इस अनूठे प्रोजेक्ट के लिए ट्रांजेक्शन एडवाइजर होने पर गर्व है। यह भारत की लॉजिस्टिक्स ग्रोथ स्टोरी का प्रमाण है। लॉजिस्टिक संबंधी गतिविधियों की आउटसोर्सिंग आज एक प्रमुख प्रवृत्ति बन चुकी है, 2022 में 3पीएल सेक्टर में सभी लेनदेन का 43 प्रतिशत हिस्सा आउटसोर्सिंग के जरिये ही पूरा किया गया है।’’