समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में हो रही सुनवाई पर विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. आर. एन. सिंह ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, कि न्यायालय ने समलैंगिक विवाह के अधिकार को विधि मान्यता देने के विषय में तत्परता दिखाई है। विहिप आज की वर्तमान परिस्थिति में इसका विरोध करती है। समाज में इस संदर्भ में जो रिएक्शन आया है, वह बहुत विपरीत है। मैं नहीं समझता हूं, कि सर्वोच्च न्यायालय को इस पर कोई तत्परता दिखानी चाहिए। ये विचार उन्होंने जयपुर के एक दिवसीय दौरे के दौरान रखे। साथ ही उन्होंने पुरानी बस्ती बगरू वालों के रास्ते में नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया।
उन्होंने कहा कि अगर दुर्भाग्य से ऐसा हुआ तो यह बहुत ही दुखद स्थिति होगी और समाज इसे स्वीकार नहीं करेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। विश्व हिंदू परिषद इसी विश्वास पर मुहिम चला रही है। अगर सुप्रीम कोर्ट समझता है कि आज के समय पर इस पर बात करना जरूरी है तो मैं सर्वोच्च न्यायालय से निवेदन करूंगा आप इसे विधायिका पर छोड़ दें, जहां पर पूरे देश के लोगों का सभी वर्ग और समुदायों का प्रतिनिधित्व होता है। तब कोई बात होती है तो विश्व हिंदू परिषद उस पर विचार करेंगे, लेकिन एक विधि आदेश के हिसाब से सुप्रीम कोर्ट कुछ करना चाहता है तो यह समाज के लिए अन्याय होगा।
गहलोत सरकार पर लगाए तुष्टिकरण के आरोप
जोधपुर में पाक विस्थापित हिन्दुओं पर हुई JDA की कार्रवाई को लेकर सिंह ने गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से आए हिंदू भाई राजस्थान में रह रहे थे। उनको जबरदस्ती बिना किसी कोई कानूनी आधार पर एक एक रात में विस्थापित कर दिया गया। विहिप इसकी भर्त्सना करती है। क्योंकि हम पाकिस्तान से बराबर यह मांग करते आ रहे हैं कि जो हिंदू भाई हमारे पाकिस्तान में है, उनकी हिंदू मान्यताओं में दखल ना दें, लेकिन हमारे देश में जो पाक विस्थापित हिंदू है उनके खिलाफ हम काम करेंगे तो किस मुंह से तो पाकिस्तान से यह कह सकते हैं कि आप हमारे हिंदू भाइयों का सरंक्षण करें।