जयपुर 08 मई 2019 : निवेशकों को अक्सर वित्तीय विशेषज्ञ यही सलाह देते हैं कि उन्हें निवेश के लिए ऐसे फंड्स को चुनना चाहिए, जो बाजारों के निकट पूर्ण स्पेक्ट्रम को कैप्चर करते हैं, दूसरे शब्दों में अच्छी तरह से विविध फंड। एक तरीका तो यह है कि आप बिग कैप फंड की तरफ बढऩे लगते हैं क्योंकि वे बाजार पूंजीकरण के लगभग 80-85 फीसदी को किसी न किसी रूप में कवर करते हैं। हालांकि, भले ही बड़ी पूंजी वाले फंड व्यापक बाजार / सूचकांक का प्रतिनिधित्व करते हैं लेकिन निवेशकों को यह समझना चाहिए कि ये फंड हमेशा स्पेक्ट्रम के अवसरों को प्रतिबिंबित या कैप्चर नहीं करते हैं। इस स्पेक्ट्रम में विभिन्न बाजार पूंजीकरण, विभिन्न निवेश दृष्टिकोण (विकास बनाम मूल्य) या यहां तक कि समग्र बाजारों के कुछ हिस्सों में चक्रीयता के अवसर भी शामिल हो सकते हैं। यह विसंगति या बदली बाजार गतिशीलता फंड मैनेजर्स के लिए चुनौती खड़ी करती है कि वह पूंजीकरण स्पेक्ट्रम और निवेश शैलियों में अद्वितीय अवसरों के एक व्यापक क्षेत्र की पहचान तो करे ही, साथ ही यह भी ध्यान रखे कि संबंधित पोर्टफोलियो का जोखिम भी कम हो।
यूटीआई वैल्यू अपॉच्र्युनिटी फंड इस तरह के फंड में से एक है जो किसी दिए गए स्टॉक के सापेक्ष आंतरिक मूल्य के संदर्भ में व्यक्त होने वाले अवसरों की तलाश करता है, जिसका अर्थ है निवेश की ‘वैल्यू’ शैली, बाजार पूंजीकरण स्पेक्ट्रम में जिसे हम मल्टी-कैप फंड कहते हैं। जहां ‘वैल्यू’ का तात्पर्य अपने आंतरिक मूल्य से कम के लिए खरीद है। आंतरिक मूल्य केवल नकदी प्रवाह का वर्तमान मूल्य है जो कंपनी अपने शेयरधारकों के लिए समय-समय पर उत्पन्न करती है। अविकसित व्यवसाय स्पेक्ट्रम के दोनों छोर पर पाए जा सकते हैं। एक छोर पर बाजार प्रतिस्पर्धी फायदे की स्थिरता और /या कंपनी के लिए ग्रोथ रनवे की लंबाई की सराहना की जा सकती है। ये कंपनियां आवृत्ति और प्रतिवर्तन के मायने बहुत अच्छी तरह समझती हैं। स्पेक्ट्रम के दूसरे छोर पर ऐसी कंपनियां हैं जो चक्रीय कारकों, माहौल में बदलाव या अपने पिछले कार्यों के कारण चुनौतियों का सामना कर रही हैं। लेकिन यदि मूल व्यवसाय स्वस्थ है और बेहतर भविष्य का मार्ग (नकद प्रवाह, वापसी अनुपात) दिखाई देता है तो उनके निराशाजनक मूल्यांकन एक आकर्षक प्रवेश बिंदु प्रदान करते हैं। दोनों मामलों में अवसर उम्मीदों के सापेक्ष कुछ सस्ता खरीदा जा सकता है। यूटीआई वैल्यू अपाच्र्युनिटीज फंड उन कंपनियों पर ध्यान केंद्रित करता है जिनके पास उच्च आंतरिक मूल्य है और समय के साथ नकदी प्रवाह उत्पन्न करने की क्षमता है।
यूटीआई वैल्यू अपॉच्र्युनिटी फंड को वर्ष 2005 में लॉन्च किया गया था। फंड में 30 अप्रेल 2019 तक 4.95 लाख से अधिक यूनिट धारकों के साथ 4,551 करोड़ रुपयों का एयूएम है। फंड में मार्केट कैप स्पेक्ट्रम में खुद को अधिक सक्रिय रूप से स्थापित करने का लचीलापन है। हालांकि, पोर्टफोलियो का झुकाव लार्ज कैप की तरफ है लेकिन वैल्यूएशन डिफरेंस के आधार पर मिड कैप एक्सपोजर अधिक व्यापक रूप से भिन्न हो सकता है। 30 अप्रेल 2019 तक फंड में लगभग 74 फीसदी निवेश लार्ज कैप में किया गया है, जबकि शेष हिस्सा मिड एंड स्मॉल कैप्स में निवेश हुआ है। इस स्कीम की शीर्ष होलिं्डग्स में एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, इंफोसिस, एक्सिस बैंक लिमिटेड, आईटीसी लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंडसइंड बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, सन फार्मा और टेक महिंद्रा हैं जो पोर्टफोलियो के कॉर्पस में लगभग 50 फीसदी का हिस्सा रखते हैं।
यूटीआई वैल्यू अर्पाच्युनिटी फंड उन इक्विटी निवेशकों के लिए उपयुक्त है जो अपने ‘कोर’ इक्विटी पोर्टफोलियो को बनाने और लंबी अवधि वाली पूंजीगत वृद्धि की तलाश में हैं। वहीं, यह मध्यम निवेश से दीर्घ अवधि वाले सादे इक्विटी फंडों पर उचित प्रदर्शन चाहने वाले निवेशकों के लिए भी उपयुक्त है।