बेंगलुरु (भारत)/दुबई (यूएई), 30 नवंबर, 2023 – जीसीसी और भारत में सबसे बड़े और सबसे तेजी से बढ़ते इंटीग्रेटेड हेल्थकेयर सर्विस प्रोवाइडर्स में से एक एस्टर डीएम हेल्थकेयर (एस्टर) को आज अपनी सहायक कंपनी एफ़िनिटी होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (“एफ़िनिटी”) से बोर्ड की मंजूरी और अनुमोदन प्राप्त हुआ है। इसके निदेशक मंडल ने भारत और जीसीसी व्यवसायों को दो अलग और स्टैंडअलोन संस्थाओं में अलग कर दिया है।
विभाजन योजना के तहत, एफिनिटी ने एस्टर के जीसीसी व्यवसाय में निवेश करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात में मुख्यालय वाली एक संप्रभु स्वामित्व वाली निजी इक्विटी फर्म फज्र कैपिटल के नेतृत्व में निवेशकों के कंसोर्टियम के साथ एक निश्चित समझौता किया है। फज्र कैपिटल के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम में एमिरेट्स इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी, अल धो होल्डिंग कंपनी (अलसेयर ग्रुप की निवेश शाखा), हाना इन्वेस्टमेंट कंपनी (ओलायन फाइनेंसिंग कंपनी की सहायक कंपनी) और वफ्रा इंटरनेशनल इन्वेस्टमेंट कंपनी भी शामिल हैं।
इस ट्रांजेक्शन के बारे में नेगोसिएशन करने वाले एफ़िनिटी बोर्ड और उसके प्रतिनिधियों ने फज्र कैपिटल के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम द्वारा प्रस्तावित मूल्यांकन और अन्य शर्तों के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाया और समझौते को अंतिम रूप दिया।
एस्टर डीएम हेल्थकेयर की स्थापना डॉ. आज़ाद मूपेन द्वारा एकल क्लिनिक के रूप में 1987 में दुबई, संयुक्त अरब अमीरात में की गई थी। कंपनी तब से एक अग्रणी इंटीग्रेटेड प्राइवेट हेल्थकेयर प्रोवाइडर बन गई है, जो प्राइमरी, सेकंडरी, टर्शिएरी और क्वाटर्नेरी स्वास्थ्य सेवाओं की एक पूरी श्रृंखला पेश करती है। इस तरह कंपनी अपने रोगियों की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करती है।
भारत में, एस्टर का अपने 19 अस्पतालों, 13 क्लीनिकों, 226 फार्मेसियों और 251 रोगी अनुभव केंद्रों के माध्यम से 5 दक्षिण भारतीय राज्यों में एक बड़ा और तेजी से बढ़ता हुआ नेटवर्क है। इस बीच, खाड़ी में, एस्टर ने संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, कतर, ओमान, बहरीन और जॉर्डन में 15 अस्पतालों, 118 क्लीनिकों और 276 फार्मेसियों के साथ एक मजबूत मौजूदगी कायम की है और साथ ही प्रतिष्ठा भी हासिल की है।
अब भारत और जीसीसी व्यवसायों के अलग होने से स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में दो अलग-अलग क्षेत्रीय इकाइयां कायम की जाएंगी, जो बढ़ती बाजार मांग और मरीजों की प्राथमिकताओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए रणनीतिक कदम उठाएंगी और वित्तीय क्षेत्र में भी जरूरी निर्णय करेंगी। भारत और जीसीसी दोनों इकाइयां अलग-अलग टीमों द्वारा संचालित की जाएंगी और उन्हें एक समर्पित निवेशक आधार से भी लाभ होगा जो क्रमशः भारतीय और जीसीसी बाजारों में भविष्य के विकास में सहायता करेगा। कंपनी ने दोनों बाजारों में महत्वपूर्ण विकास क्षमता की संभावनाएं व्यक्त की हैं।
जीसीसी और भारत के स्वास्थ्य सेवा बाजार अलग-अलग हैं और दोनों बाजारों में विकास की दिशा भी अलग-अलग है, जिससे अलग-अलग कारोबारी रणनीति की आवश्यकता होती है। 1.4 बिलियन की आबादी के साथ, भारत एस्टर डीएम हेल्थकेयर लिमिटेड की विकास यात्रा में एक प्राथमिकता वाला बाजार बना रहेगा। कंपनी की योजना वित्त वर्ष 2027 तक 1500 से अधिक बिस्तर जोड़कर भारत में अपनी बिस्तर क्षमता को लगभग एक तिहाई तक बढ़ाने की है। जीसीसी में, एस्टर डीएम हेल्थकेयर एफजेडसी संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे प्रमुख बाजारों में अपनी विस्तार योजनाओं को बढ़ावा देगी। साथ ही, फिजिकल और डिजिटल चैनलों पर गुणवत्तापूर्ण और व्यापक स्वास्थ्य देखभाल तक अधिक पहुंच को सक्षम बनाने की दिशा में भी जरूरी कदम उठाएगी।
विभाजन की प्रक्रिया पूरा होने के बाद डॉ. आज़ाद मूपेन एस्टर के फाउंडर और चेयरमैन के रूप में भारत और जीसीसी दोनों संस्थाओं की देखरेख करते रहेंगे। सुश्री अलीशा मूपेन को जीसीसी व्यवसाय की मैनेजिंग डायरेक्टर और ग्रुप सीईओ के रूप में पदोन्नत किया जाएगा। वे एक दीर्घकालिक रणनीति का नेतृत्व करेंगी, जिसके तहत एक प्योर-प्ले जीसीसी ऑपरेटिंग कंपनी के रूप में कामकाज को आगे बढ़ाया जाएगा। भारतीय इकाई का नेतृत्व डॉ. नितीश शेट्टी करते रहेंगे, जो चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर के तौर पर कामकाज जारी रखेंगे। वे भारतीय कारोबार के विकास पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जिसका उद्देश्य अपने शेयरधारकों के लिए और अधिक मूल्य बनाना है।
इस प्रक्रिया में ईवाई और पीडब्ल्यूसी ने स्वतंत्र वैल्युएशन एडवाइस प्रदान की और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज ने वैल्युएशन गाइडेंस के लिए निष्पक्षता राय प्रदान की। लेन-देन पर बेकर एंड मैकेंज़ी एलएलपी एफ़िनिटी के वकील थे, जबकि सिरिल अमार्च और मंगलदास एस्टर के वकील थे। एजेडबी एंड पार्टनर्स स्वतंत्र निदेशकों के सलाहकार थे। मोएलिस एंड कंपनी और क्रेडिट सुइस ने बिक्री-पक्ष सलाहकार के रूप में काम किया। एचएसबीसी बैंक मिडिल ईस्ट लिमिटेड, एलन एंड ओवरी एलएलपी और पीडब्ल्यूसी ने फज्र कैपिटल कंसोर्टियम की ओर से काम किया।
एस्टर डीएम हेल्थकेयर के फाउंडर और चेयरमैन डॉ. आज़ाद मूपेन ने कहा, ‘‘भारत और जीसीसी संचालन को अलग करने का रणनीतिक निर्णय दोनों संस्थाओं के लिए उचित मूल्य स्थापित करने के तर्क पर आधारित था, जिससे पूरी तरह भौगोलिक रूप से केंद्रित दो इकाइयां बनाई जा सकें, जो अपने संबंधित बाजारों में विकास के अवसरों का लाभ उठा सकें। भारत में, हम प्रमोटर के रूप में, अपनी विकास योजनाओं के प्रति प्रतिबद्ध हैं और इसलिए इस साल की शुरुआत में हमने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 42 प्रतिशत कर दी है। प्रमुख संस्थागत शेयरधारकों ने कंपनी में निवेश को जारी रखा है, जो कंपनी के भारतीय बिजनेस मॉडल और स्वास्थ्य सेवा के सभी क्षेत्रों में बाजार तक पहुंचने की रणनीति में समग्र विश्वास को दर्शाता है।’’
‘‘फज्र कैपिटल को एफिनिटी बोर्ड द्वारा जीसीसी व्यवसाय में निवेश करने के लिए हमारे विश्वसनीय निजी इक्विटी भागीदार के रूप में चुना गया है। कंपनी निवेशकों के एक कंसोर्टियम का नेतृत्व करती है और हम उनकी प्रमाणित विशेषज्ञता को देखते हुए आश्वस्त हैं। साथ ही, जीसीसी के डायनमिक हेल्थकेयर परिदृश्य में, विशेष रूप से सऊदी अरब में हमारी विस्तार योजनाओं को सशक्त बनाने को लेकर उन्होंने गहरी प्रतिबद्धता जताई है। इस प्रतिबद्धता को देखते हुए बहुत उत्साहित हैं। मूपेन परिवार जीसीसी बिजनेस में 35 फीसदी हिस्सेदारी बरकरार रखेगा। साथ मिलकर, हम एक ऐसे भविष्य की कल्पना करते हैं जहां जीसीसी में एस्टर का व्यवसाय पूरे क्षेत्र में अपने मरीजों को सर्वाेत्तम श्रेणी की स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना जारी रखेगा। निश्चित तौर पर इसे फज्र कैपिटल की मजबूत बाजार उपस्थिति और नेटवर्क का पूरा फायदा मिलेगा। अलीशा कंपनी की इन महत्वपूर्ण योजनाओं का नेतृत्व करेंगी और जीसीसी में हमारे विकास पथ के अगले चरण की देखरेख करेंगी।’’
विभाजन से एस्टर इंडिया को संभावित रूप से अपने संस्थागत निवेशक आधार का विस्तार करने का अवसर मिलेगा, जिसमें उन निवेशकों को शामिल किया जाएगा जिनके लिए केवल भारत या बहुसंख्यक व्यवसायों में निवेश करना अनिवार्य है। सूचीबद्ध इकाई के लिए परिचालन और वित्तीय मापदंडों की बेहतर रिपोर्टिंग से भारतीय व्यवसाय के शेयरधारकों को लाभ होगा।
लेनदेन भारत में शेयरधारक अनुमोदन, नियामक अनुपालन और समापन के लिए अन्य प्रथागत शर्तों के अधीन है। कंपनी को उम्मीद है कि ट्रांजेक्शन मार्च 2024 तक पूरा हो जाएगा।