उदयपुर 9 मई 2019 आज भी कई बच्चे शिक्षा से दूर अपने बचपन की आहूती बकरिया चराने, घर के कार्य जैसे कई बाल श्रम में पड़कर कर रहे है। राष्ट्र निर्माण के लिए आवश्यक है कि इन नन्हें बच्चो को शिक्षा की मुख्यधारा से जोडा जाए एवं यह दायित्व सरकार के साथ हम सभी का होना चाहिए। बच्चो के साथ होने वाले शोषण को जड से खत्म करने के लिए हमें ग्राम स्तर से शुरूआत करनी होगी, तभी सही मायनो में बाल संरक्षण सुनिश्चित होगा। उक्त विचार शिक्षा विभाग, गायत्री सेवा संस्थान एवं आई. आई. एफ. एल. फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में जिले के सराडा पंचायत समिति के ग्राम पंचायत निम्बोदा में आयोजित वृहद “बाल सभा” को सम्बोधित करते हुए उप जिला मजिस्टेट, सराडा शीलावती मीणा ने व्यक्त किए।
बाल सभा को सम्बोधित करते हुए तहसीलदार सराडा डायालाल डामोर ने अभिभावकों से अपील की कि वे अपने बच्चों को नियमित विद्यालय पढ़ने भेजे। डामोर ने निम्बोदा ग्राम पंचायत को बच्चो के लिए सक्रिय होकर कार्य करने एवं गायत्री सेवा संस्थान द्वारा संचालित बाल मित्र समाज स्थापना अभियान की सराहना करते हुए निम्बोदा को माॅडल पंचायत बनने की बात कही।
बाल सभा में गायत्री सेवा संस्थान के निदेशक एवं बाल अधिकार विशेषज्ञ डाॅ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार के आदेशानुसार आज पूरे प्रदेश में बाल सभा का आयोजन किया जाना था, जिसके तहत सराड़ा पंचायत समिति के जनजाति गावं निम्बोदा में बड़े स्तर पर बाल सभा का आयोजन स्थानिय राजकिय विद्यालय, ग्राम पंचायत एवं आई. आई. एफ. एल. फाउण्डेशन द्वारा किया गया।
बाल सभा में उदयपुर जिला समग्र शिक्षा अभियान के प्रतिनिधी मुरलीधर चैबीसा, राजकिय उच्च माध्यमिक विद्यालय पाल निम्बोदा प्रधानाचार्य सीता सालवी, सोनु खराडी पटवारी निम्बोदा, प्रभुलाल मीणा सरपंच निम्बोदा ने भी विचार प्रकट किए।
बच्चो ने जाने अपने अधिकार:-
बाल सभा में जहाँ बच्चो ने उनके लिए संचालित विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की जानकारी प्राप्त कि वहीं बाल अधिकार विशेषज्ञ डाॅ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बच्चो केा उनके अधिकार, चाइल्ड हेल्प लाइन (1098) एवं अपने साथ होने वाले शारीरिक या मानसिक शोषण की रिपोर्ट कहाँ और कैसे करे की जानकारी दी।
सराड़ा पुलिस थाने से आए रतन सिंह ने बच्चो को पुलिस को बिना डरे सम्पर्क करने की बात कही।
बच्चो ने उठाए अपने सवाल, बोली अपनी समस्याए:-
ऽ पाल निम्बोदा स्थित राजकिय उच्च माध्यमिक विद्यालय में 600 से अधिक बच्चे है परन्तु कक्षा कक्ष केवल सात ही है। बच्चो ने एक स्वर मंे पधारे अतिथियों से इन्हें तुरन्त बढाने की बात कही।
ऽ 12वीं तक विद्यालय है परन्तु कला संकाय नही है, जबकि सबसे ज्यादा बालिकाए इसी विषय का चयन करती है।
ऽ बाल सभा की अध्यक्षता कर रहा बच्चो का प्रतिनिधी अमृतलाल मीणा भावुक होकर बोला की “सर हमारी कक्षाए बाहर खुले में लगती है। न भवन है, न ही फर्निचर।“
प्रधानाचार्य सीता सालवी ने बच्चो की सभी मांगे लिखकर शिक्षा विभाग के प्रतिनिधियों को सौंपी।
बाल सभा: उपलब्धि:-
ऽ 300 से ज्यादा बच्चे एवं 165 ग्रामिणों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
ऽ ड्रापआउट बालिकाओ ंके नामांकन हेतु अभिभावकांे को संकल्प करवाई गई।
ऽ बच्चो ने अपने मन की बात सभी से बिना डरे साझा की।
बाल सभा में गायत्र्ाी सेवा संस्थान के कार्यकर्ता, बाल विवाह रोको अभियान से जूडें समाज सेवी एंव बाल सुरक्षा नेटवर्क के सदस्य उपस्थिति रहें।