संबलपुर, 16 मार्च, 2024;: भारत के प्रमुख मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट में से एक आईआईएम संबलपुर ने विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं की उल्लेखनीय उपलब्धियों का सम्मान करते हुए उत्साहपूर्वक महिला दिवस कार्यक्रम मनाया। ‘महिलाओं में करें निवेश: तेज होगी तरक्की‘विषय के साथ कार्यक्रम का उद्देश्य जीवन के सभी पहलुओं में महिलाओं को सशक्त बनाने और समर्थन देने के महत्व को उजागर करना था। अपनेआप में यह आयोजन महिलाओं के लिए अधिक न्यायसंगत, समावेशी और समृद्ध दुनिया बनाने की दिशा में सामूहिक प्रयास की शक्तिशाली अपील बन गया। आईआईएम संबलपुर लैंगिक-विविध कक्षाओं के बारे में चर्चा जगाने वाला पहला प्रबंधन संस्थान है, जिसके लिए इसने कई पहल की हैं। नेतृत्व में समावेशी विचार प्रक्रियाओं को बढ़ावा के लिए संस्थान के प्रशासनिक स्टाफ में भी महिलाओं की महत्वपूर्ण भागीदारी है।
इस अवसर पर आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर सहित फैकल्टी कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत महिलाओं द्वारा समाज में किए गए योगदान की सराहना के साथ हुई।
अपने संबोधन में आईआईएम संबलपुर के डायरेक्टर प्रोफेसर महादेव जायसवाल ने लैंगिक समानता के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, जिसमें विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों का लैंगिक—अनुपात समान है। उन्होंने बताया, ‘आईआईएम संबलपुर ने अपने परिसर में लैंगिक समानता में सुधार के लिए एक सकारात्मक कदम उठाया है। जहां विद्यार्थी और संकाय दोनों में 50 प्रतिशत पुरुष और 50 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं। एक मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के रूप में हमारी जिम्मेदारी है कि यह लैंगिक समानता राष्ट्रीय एजेंडे में भी शामिल हो।’प्रोफेसर जायसवाल ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की लैंगिक असमानता सूचकांक (जीआईआई) रिपोर्ट के मुख्य बिंदुओं का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं को समान अवसर और बेहतर पहुंच देने, राष्ट्रीय स्तर पर लैंगिक समानता को बढ़ावा देने से कई आर्थिक लाभ भी हासिल हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत को लैंगिक अंतर के मामले में विकसित राष्ट्र बनने के लिए कार्यबल, शिक्षा और राजनीतिक नेतृत्व में महिलाओं की अधिक हिस्सेदारी को लाने के लिए कदम उठाकर जीआईआई में सुधार करने की जरूरत है, जैसा कि आईएमएफ रिपोर्ट में बताया गया है।’