मुंबई, 18 मार्च, 2024: गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड (जीएवीएल) ने ‘कृषि क्षेत्र में महिलाएं‘ विषय पर पहले शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। इस क्षेत्र में महिलाओं के योगदान की सराहना करने के लिए की गई इस अनूठी पहल, शिखर सम्मेलन का उद्देश्य है, कृषि से जुड़े विविध दृष्टिकोणों को एक साथ लाना और भारत के कृषि क्षेत्र में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने और इससे जुड़ी परेशानी दूर करने के लिए विचारोत्तेजक बातचीत में शामिल होना।
आम तौर पर एक गलतफहमी है कि कृषि एक पुरुष-प्रधान क्षेत्र है लेकिन यदि अपने देश के आंकड़े पर नज़र डालें तो एक अलग ही तस्वीर उभरती है। भारत में, 8.61 करोड़ महिलाएं, जो देश की कुल महिला श्रमिकों का 60 प्रतिशत हैं, वे सभी कृषि में कार्यरत हैं।1 ग्रामीण इलाकों में अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर महिलाओं का अनुपात, 84% है।2 दूसरी ओर, कृषि-व्यवसायों में भी, सभी पदों पर महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक बनी हुई है। इसलिए शिखर सम्मेलन का उद्देश्य है, भारतीय कृषि में महिलाओं की महत्वपूर्ण लेकिन अक्सर दरकिनार की गई भूमिका को उजागर करना।
कृषि-खाद्य क्षेत्र में महिलाओं के लिए रोज़गार क्षमता बढ़ाने पर पैनल चर्चा में कौशल अंतराल (स्किल गैप) के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से चर्चा की गई, जिसका सामना क्षेत्र में महिलाओं को करना पड़ता है और इस पर भी बात हुई कि कैसे शैक्षणिक और औद्योगिक क्षेत्र के बीच गठजोड़ इस परेशानी को दूर करने में सहायता कर सकता है। अन्य पैनल चर्चा में नेतृत्व की भूमिकाओं में महिलाओं को शामिल करने और आगे बढ़ाने पर बात हुई और उद्योग में महिलाओं को सशक्त बनाने की ज़रूरत पर रोशनी डालते हुए विचारों का आदान-प्रदान हुआ।
कंपनी की इस पहल और शिखर सम्मेलन के आयोजन पर अपनी टिप्पणी में, जीएवीएल के प्रबंध निदेशक, बलराम सिंह यादव ने कहा, “कृषि क्षेत्र में हमारी महिला किसानों की विशाल उपस्थिति और अपार योगदान के बावजूद, उनके पास आवश्यक संसाधनों की कमी है। इसलिए ऐसे देश में जहां हमें एक अरब से ज़्यादा आबादी का पेट भरना है, हमें एक ऐसा पतितंत्र बनाने की ज़रूरत है, जो न केवल खेतों में बल्कि कृषि-व्यवसायों में भी महिलाओं को बढ़ावा दे। उन्हें आवश्यक ज्ञान, बुनियादी ढांचा और सहायता प्रदान करने से निश्चित रूप से हमें देश के समग्र कृषि उत्पादन को बढ़ाने में मदद मिलेगी।”
उन्होंने कहा, “भारत वहनीय विकास का भविष्य तैयार करने की दिशा में प्रयास कर रहा है, ऐसे में मूल्य-श्रृंखला में महिलाओं को सशक्त बनाना और उनके महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार करना बेहद महत्वपूर्ण हो गया है। इसलिए, भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई), फ्यूचर एग्रीकल्चर लीडर्स ऑफ इंडिया (एफएएलआई) और गोदरेज गुड एंड ग्रीन के साथ भागीदारी के बीच हमारा लक्ष्य है, बेहतर रोज़गार के अवसरों और आर्थिक उत्थान के लिए इस क्षेत्र में 1 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित करना।
भारतीय कृषि कौशल परिषद (एएससीआई) कृषि और संबद्ध क्षेत्रों के संगठित/असंगठित क्षेत्रों में लगे किसानों, दिहाड़ी मज़दूरों, स्व-रोज़गार और एक्सटेंशन वर्कर के कौशल को बढ़ाकर और अंतर को पाटकर क्षमता निर्माण की दिशा में काम करती है।
फ्यूचर ऑफ एग्रीकल्चरल लीडर्स (एफएएलआई), प्रमुख कृषि व्यवसाय संस्थाओं द्वारा समर्थित एक पहल है, जो हज़ारों ग्रामीण छात्रों के साथ काम करती है और उन्हें आधुनिक, वहनीय कृषि और कृषि उद्यम में सफल होने के लिए आवश्यक तकनीकी, व्यावसायिक और नेतृत्व कौशल प्रदान करती है।
जीएवीएल के मानव संसाधन प्रमुख, मल्लिका मटरेजा ने महिला सशक्तिकरण के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “जीएवीएल में, महिलाओं का सशक्तिकरण हमारी हर पहल के केंद्र में होता है। हमारा दृढ़ विश्वास है कि कृषि का नारीकरण हमें सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाने और संरचनात्मक असमानताओं को दूर करने में मदद करेगा जो महिला किसानों की क्षमता का एहसास करने के लिए हमारे उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है। भारतीय कृषि कौशल परिषद के साथ साझेदारी में आयोजित यह पहला शिखर सम्मेलन, एक महत्वपूर्ण क्षण का प्रतीक है और देश को पर्याप्त भोजन की आपूर्ति पर केंद्रित दृष्टिकोण वाले संगठन के रूप में हमें आने वाले दिनों में इस तरह के और सहयोग की उम्मीद है।
इस शिखर सम्मेलन में उद्योग जगत की प्रमुख हस्तियों और अकादमिक विशेषज्ञों की भागीदारी दर्ज हुई, जिनमें गोदरेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जीआईएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और जीएवीएल तथा एस्टेक लाइफसाइंसेज लिमिटेड के अध्यक्ष नादिर गोदरेज; निसाबा गोदरेज, कार्यकारी अध्यक्ष, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड; बुर्जिस गोदरेज, कार्यकारी निदेशक एवं सीओओ – फसल सुरक्षा व्यवसाय, जीएवीएल; अहाना गौतम, सीईओ, ओपन सीक्रेट; अंशुमन भट्टाचार्य, पार्टनर, ईवाई; गीतिका मेहता, निविया की प्रबंध निदेशक; आईरीना विट्ठल, सलाहकार एवं विशेषज्ञ (भारतीय कृषि और शहरी परिवर्तन) और स्वतंत्र निदेशक; शिल्पा दिवेकर निरूला, वेंचर पार्टनर, ओम्निवोर; प्रोफेसर विद्या वेमिरेड्डी, आईआईएम अहमदाबाद में जेंडर सेंटर की अध्यक्ष और भारतीय कृषि कौशल परिषद के मुख्य कार्यकारी, डॉ. सतेंद्र आर्य शामिल रहे।
‘कृषि क्षेत्र में महिलाएं‘ शिखर सम्मेलन, कृषि क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को स्वीकार करने और उन्हें सशक्त बनाने के प्रति जीएवीएल की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह शिखर सम्मेलन, संवाद और सहयोग के लिए एक मंच को बढ़ावा देकर, एक ऐसे भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है जहां महिलाओं को भारत में वहनीय कृषि विकास को आगे बढ़ाने में समान भागीदार के रूप में मान्यता मिले।