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एसके फाइनेंस लिमिटेड ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए सेबी के समक्ष दाखिल किया डीआरएचपी

वर्ष 1994 में स्थापित एसके फाइनेंस लिमिटेड (कंपनी’) वाहन फाइनेंसिंग सेगमेंट और एमएसएमई फाइनेंसिंग सेगमेंट में अपनी समकक्ष कंपनियों के मुकाबले सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनी है, जिसका विश्लेषण वित्तीय वर्ष 2021 और वित्तीय वर्ष 2023 के बीच की अवधि के लिए संबंधित सेगमेंट में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम’) सीएजीआर के आधार पर किया गया है (स्रोत- क्रिसिल रिपोर्ट)। कंपनी ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए सेबी के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) दाखिल किया है। कंपनी की योजना ₹2,200 करोड़ तक के इक्विटी शेयरों (प्रत्येक का अंकित मूल्य 1 रुपये) के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिए धन जुटाने की है।

कंपनी के प्रमोटर राजेंद्र कुमार सेतिया, यश सेतिया और राजेंद्र कुमार सेतिया एचयूएफ हैं।

आरंभिक सार्वजनिक निर्गम में 1 रुपये प्रत्येक इक्विटी शेयर के अंकित मूल्य के साथ 500 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयरों का नया निर्गम और विक्रेता शेयरधारक की ओर से 1700 करोड़ रुपये तक के शेयरों का ऑफर फॉर सेल’ (ओएफएस) शामिल है। बिक्री के लिए प्रस्ताव में राजेंद्र कुमार सेतिया द्वारा 180 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयर, राजेंद्र कुमार सेतिया एचयूएफ (प्रमोटर सेलिंग शेयरहोल्डर) द्वारा 20 करोड़ रुपये तक, इवॉल्वेंस कोइन्वेस्ट फर्स्ट द्वारा 75 करोड़ रुपये तक, इवॉल्वेंस इंडिया फंड थ्री लिमिटेड द्वारा 25 करोड़ रुपये तक, नॉरवेस्ट वेंचर पार्टनर्स एक्स – मॉरीशस द्वारा 700 करोड़ रुपये तक और टीपीजी ग्रोथ फोर्थ एसएफ पीटीई लिमिटेड द्वारा 700 करोड़ रुपये तक के इक्विटी शेयर शामिल हैं (निवेशक विक्रय शेयरधारक’)

कंपनी एक नॉन-डिपॉजिट लेने वाली गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी मिडिल लेयर (एनबीएफसी एमएल’) है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई’) के साथ भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 45आईए के तहत पंजीकृत है। कंपनी दो वर्टिकल में काम कर रही है- वाहन फाइनेंसिंग और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए फाइनेंसिंग। 31 दिसंबर, 2023 तक कंपनी की 535 शाखाओं के माध्यम से 11 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में उपस्थिति है। वाहन फाइनेंसिंग वर्टिकल के तहत, कंपनी मुख्य रूप से इस्तेमाल किए गए और नए वाणिज्यिक वाहनों (मध्यम और भारी वाणिज्यिक वाहनों को छोड़कर) (सीवी (एम एंड एचसीवी को छोड़कर)’), कारों और ट्रैक्टरों के साथ-साथ नए दोपहिया वाहनों की फाइनेंसिंग के लिए एक सुरक्षित और रिटेल ऋण पोर्टफोलियो प्रदान करती है। एमएसएमई ऋण वर्टिकल के तहत कंपनी मुख्य रूप से इन व्यवसायों की कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के उद्देश्य से ऋण देती है। ये ऋण पूरी तरह से परिसंपत्तियों द्वारा समर्थित हैं और मुख्य रूप से आय सृजन के उद्देश्य से, मध्यम से निम्न आय वर्ग के ग्राहकों को प्रदान किए जाते हैं, जो मुख्य रूप से स्व-नियोजित, बैंकिंग सेवाओं से वंचित या कम बैंकिंग सेवाओं वाले व्यक्ति हैं, जो भारत के ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहते हैं और जिनकी संगठित ऋण चैनलों तक सीमित पहुंच है।

वित्त वर्ष 2023 तक भारत में कुल वाहन फाइनेंस सेगमेंट लगभग ₹11.85 ट्रिलियन था, जो वित्त वर्ष 2019 से लगभग 11.07 फीसदी की सीएजीआर दर्शाता है और आगे बढ़ते हुए बकाया ऋण वित्त वर्ष 2023 से वित्त वर्ष 2027 तक 16-18 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़कर लगभग ₹21 ट्रिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है (स्रोत- क्रिसिल रिपोर्ट)।

कंपनी ने नए निर्गम से होने वाली शुद्ध आय का उपयोग भविष्य की व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पूंजी आधार को बढ़ाने के मकसद से करने का प्रस्ताव किया है, ताकि आगे के ऋण और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए कंपनी की भविष्य की व्यावसायिक आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके।

कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड, जेफरीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मोतीलाल ओसवाल इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स लिमिटेड और नोमुरा फाइनेंशियल एडवाइजरी एंड सिक्योरिटीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड इस निर्गम के बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं।

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