मुंबई, 15 जून, 2024: पिता हमेशा अपने बच्चों के जीवन में प्रेरणा के निरंतर स्रोत होते हैं। जीवन की चुनौतियों से निपटने के उनके समझदारी भरे तरीके बेजोड़ होते हैं और हर बच्चा अपने पिता की सलाह के लिए आभारी होता है। इस फादर्स डे पर, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, बच्चे के जीवन में पिता की बहुआयामी भूमिका को ‘लाइफ मित्र’ – दोस्त, मार्गदर्शक और वित्तीय अभिभावक के रूप में सम्मानित कर रही है। एसबीआई लाइफ की डिजिटल फिल्म में इसे खूबसूरती से दर्शाया गया है, जिसे कंपनी की प्रमुख डिजिटल प्रॉपर्टी #पापाहैना के तहत जारी किया गया है। यह फिल्म, पिता के व्यावहारिक और अंतर्दृष्टि भरे पक्ष को उजागर करती है, जो जीवन की चुनौतियों से निपटने के लिए अपने अनुभवों का उपयोग करते हैं।
यह डिजिटल फिल्म, एसबीआई लाइफ के ब्रांड के मूल विचार को प्रदर्शित करती है और इसमें पेशेवर तथा लालन-पालन करने वाले व्यक्ति के तौर पर पिता की दोहरी भूमिका को उजागर किया गया है। लाइफ मित्र (जीवन बीमा सलाहकार) को पिता के रूप में चित्रित कर बेटे को संकट के क्षण में मार्गदर्शन करते हुए दिखाकर, इस डिजिटल फिल्म का उद्देश्य यह पेश करना है कि बीमा सलाहकार पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों चुनौतियों को समान रूप से संभालने के लिए तैयार होते हैं।
इस डिजिटल फिल्म को देखने के लिए यहां क्लिक करें:: https://youtu.be/Gj6nTYK52pg
एसबीआई लाइफ के ब्रांड, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन और सीएसआर के प्रमुख, श्री रवींद्र शर्मा ने इस अभियान के बारे में कहा, “पिता को पारंपरिक रूप से परिवार की हर तरह से देख-रेख करने वाले के रूप में देखा जाता है, जो अपने प्रियजनों की ज़रूरतों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए अथक प्रयास करते हैं। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में यह भूमिका काफी बढ़ी है। एसबीआई लाइफ की #पापाहैना डिजिटल फिल्म इस बात का उदाहरण है कि कैसे पिता अपने कौशल का उपयोग, अपने बच्चों के विकास के लिए कर सकते हैं, ठीक वैसे ही जैसे लाइफ मित्र अपने ग्राहकों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सहानुभूति और समझदारी के साथ हर तरह मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा, “हम एसबीआई लाइफ के ‘लाइफ मित्रों‘ की अपने पेशे के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं, जो अपने बच्चों पर अपार प्यार बरसाते हैं, उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रेरित करते हैं और बेहद कठिन समय में भी कभी हार न मानने के लिए प्रेरित करते हैं। एसबीआई लाइफ की #पापाहैना डिजिटल प्रॉपर्टी हर उस पिता की भूमिका की सराहना करती है, जो अपने बच्चों के लिए प्रेरणा स्वरूप होते हैं, उनकी मदद करने और उनके सपनों को पूरा करने में उनकी सहायता करने का हर संभव प्रयास करते हैं।”
यह डिजिटल फिल्म, क्रिकेट प्रशिक्षण शिविर के बाहर बने जूस सेंटर की पृष्ठभूमि में 11 वर्षीय लड़के चिंटू और उसके पिता सुरेश माधव के बीच दिल को छू लेने वाली बातचीत के इर्द-गिर्द घूमती है। सुरेश माधव का किरदार, एसबीआई लाइफ-लाइफ मित्र यानी बीमा सलाहकार है। कहानी इस तरह शुरू होती है कि चिंटू, अपनी क्रिकेट टीम में न चुने जाने से दुखी होकर खेल छोड़ने की सोचता है। उसके पिता, लाइफ मित्र के रूप में अपने अनुभव के आधार पर अपने बेटे को इस निराशा से उबारने के लिए एक पेशेवर लेकिन उसकी परवाह करने वाले व्यक्ति का दृष्टिकोण अपनाते हैं और दिखाते हैं कि कैसे काम-जीवन से जुड़ा कौशल घरेलू जीवन की समस्याओं को प्रभावी रूप से हल कर सकता है।
दृश्य की शुरुआत चिंटू से होती है, जो क्रिकेट की पोशाक में बेचैनी से इधर-उधर घूम रहा है। उसके पिता हड़बड़ी में आते हैं। चिंटू उन्हें निराश होकर बताता है कि उसे क्रिकेट टीम में नहीं चुना गया है और उसने खेल छोड़ने का फैसला किया है। पिता उसे सांत्वना देने का प्रयास करते हैं, लेकिन चिंटू ज़िद पर अड़ा रहता है। जब चिंटू टीम में जगह न बना पाने के बारे में अपनी निराशा व्यक्त करता है, तो उसके पिता अपने लाइफ मित्र वाले व्यक्तित्व में बदल जाते हैं और चिंटू को सलाह देने के लिए अपनी पेशेवर विशेषज्ञता का उपयोग करते हैं। वह चिंटू को अपना बिज़नेस कार्ड ऐसे थमाते हैं जैसे किसी ग्राहक को दे रहे हों। कार्ड लेते हुए, चिंटू देखता है कि उसके पिता फोन उठाने का नाटक कर रहे हैं। अब लाइफ मित्र की भूमिका में, पिता चिंटू से पूछते हैं कि क्या वह पक्का क्रिकेट छोड़ना चाहता है। चिंटू हामी भरता है और फिर लाइफ मित्र पिता सलाह देते हैं कि अभी छोड़ने का मतलब है क्रिकेट के विभिन्न स्तरों और संभावित रूप से राष्ट्रीय टीम में आगे बढ़ने का मौका खोना। वह बेटे को खेल छोड़ने के व्यापक निहितार्थों को समझने में मदद करते हैं, उसे दृढ़ रहने के लिए प्रोत्साहित करते है और मज़बूती से यह संदेश देते हैं कि असफलता जीवन की यात्रा का अंग हैं और इसे अपने जीवन के निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने से आड़े नहीं आने नहीं देना चाहिए। चिंटू को सोचने का यह नया तरीका पसंद आता है और वह मुस्कुराते हुए अपने पिता को गले लगाने से पहले कहता है, “धन्यवाद, लाइफ मित्र पापा।”
डेंटसु क्रिएटिव में डिजिटल एक्सपीरियंस के अध्यक्ष साहिल शाह ने कहा, “इस फिल्म के संबंध में एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस के साथ हमारा गठजोड़ लाइफ मित्र पिताओं का जश्न मनाता है, जिसमें संरक्षक और दोस्त के रूप में उनकी दोहरी भूमिका को दर्शाया गया है। एसबीआई लाइफ के ‘पापा है ना’ अभियान के ज़रिये हमारे लंबे जुड़ाव के मद्देनज़र, इस बार हमारा लक्ष्य यह उजागर करना था कि कैसे पिता की दोस्ताना सलाह हमेशा कारगर होती है।”
यह अभियान, ब्रांड के मूल मंत्र, “अपने लिए, अपनों के लिए” के अनुरूप है और #पापाहैना के विचार को रेखांकित करता है, जिसमें बताया गया है कि कैसे पिता अपने अनुभव के आधार पर अपने बच्चों की भावनात्मक और व्यावहारिक चुनौतियों को समझ सकते हैं और इनसे निपटने सकते हैं।
एसबीआई लाइफ अपने लाइफ मित्रों को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, उन्हें काम और जीवन के बीच स्वस्थ संतुलन बनाए रखते हुए अपनी भूमिकाओं में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरण और संसाधन प्रदान करती है। इस साल फादर्स डे पर यह डिजिटल फिल्म, हर लाइफ मित्र द्वारा अपने ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा प्राप्त करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना का ज़रिया भी है। इसके अलावा, कंपनी इसे उन सभी पिताओं को भी समर्पित करना चाहती है, जो अपने रोज़मर्रा के जीवन में ‘अपने लिए, अपने लिए‘ की भावना का उदाहरण देते हैं, अपने पेशेवर जीवन से प्राप्त ज्ञान से अपने परिवारों का पालन-पोषण करते हैं।