जयपुर 14 मई 2019 अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग श्री राजेश्वर सिंह ने मंगलवार को सचिवालय में वीडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये मुख्यालय के अधिकारियों सहित प्रदेश के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व अति. मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे मनरेगा, प्रधान मंत्री आवास योजना की तरह ही ग्रामीण विकास की अन्य योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिगं पर ध्यान दें। उन्होंने कई जिलों में उपलब्धियों में पीछे रहे अधिकारियों को भी जिम्मेदारी से कार्य करने के निर्देश दिये।
श्री सिंह ने कहा कि विभाग के अधिकारियों ने मनरेगा के तहत गत 2500 लाख मानव श्रम दिवस के बजट के विरूद्ध 29.42 लाख कार्य दिवस सृजित कर 117 प्रतिशत की वृद्धि अर्जित की है, इस कारण राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर आ गया है। अपेक्षा से कहीं अधिक लक्ष्य हासिल करने के लिए सभी अधिकारियों द्वारा टीम भावना से किये कार्य की उन्होंने सराहना की।
उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत 5.88 लाख परिवारों को 100 दिन का रोजगार दिया गया जो कि पिछले 8 वर्षों में सबसे अधिक है। पूरे देश में 100 दिन पूरे होने के मामले में राजस्थान तीसरा स्थान रखता है। उन्होंने फिल्ड अधिकारियों से कहा कि उन्होंने समयानुसार एवं राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप कार्य किया है।
मनरेगा में कामों की रफ्तार पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए उन्होनें कहा कि वर्ष 2017-18 में 2 लाख काम प्रदेश की ग्राम पंचायतों में हुए थे उसकी तुलना में वर्ष 2018-19 में 4 लाख काम पूर्ण हुए है जो हाल के वर्षों में सबसे अधिक है।
प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 6.87 लाख धर के निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध 6.017 लाख धरों का निर्माण कर 87.72 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हए उन्होंने कहा कि पूरे देश में धर निर्माण में राजस्थान प्रथम स्थान पर है।
अन्य ग्रामीण विकास योजनाओं यथा स्थानीय सांसद, विधायक, डांग, मगरा, मेवात विकास की समीक्षा करते हुए उन्हाेंने कहा कि इनके तहत 1878.20 करोड़ के कुल आंवटन के विरूद्व 3123 करोड़ खर्च कर 20915 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। यह लक्ष्य पिछले 5 सालों में सबसे ज्यादा रहा है।
उन्हाेंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौच से मुक्त करने व स्वच्छता के विभिन्न पक्षों के बारे में ज्ञान और सूचना के प्रसार के लिये स्वच्छ ग्राम सभा, स्वच्छता अभियान, रैलियां, सांस्कृतिक कार्यक्रम, एक शाम स्वच्छता के नाम, ओडीएफ ओलंपिक और चुप्पी तोड़ो दिवस के साथ-साथ ओडीएफ-एस और मासिक धर्म स्वच्छता प्रबन्धन, शौचालय निर्माण में तकनीकी सुधार पर तकनीकी कार्मिकों की कार्यशालाएं आदि राज्य, जिला एवं ग्राम पंचायतों के साथ-साथ विधालय स्तर तक आयोजित किये गये जिससे आम ग्रामीणों की भागीदारी रही जिससे व्यापक जन जागृति आई है।
श्री सिंह ने राजस्थान ग्रामीण आजिविका विकास परिषद् के कार्यों की समीक्षा करते हुए संतोष व्यक्त किया कि इसके तहत प्रदेश में 17331 स्वंय सहायता समूहों के गठन के लक्ष्य के विरूद्ध 23760 स्वंय सहायता समूहों का गठन किया गया जो कि लक्ष्य का 156 प्रतिशत है। इन स्वंय सहायता समूहों को बैंकों के माध्यम से सहकारी साख ऋण उपलब्ध कराने में 98 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने पर अधिकारियों को बधाई दी।
आयुक्त मनरेगा एवं निदेशक स्वच्छ भारत मिशन, ग्रामीण श्री पी.सी. किशन ने अधिकारियों को मनरेगा कर्मियों को समय पर भुगतान, कार्य दिवस सृजन व औसत मजदूरी की दर पर ध्यान देकर आम जन को ज्यादा से ज्यादा रोजगार उपलब्ध करवाने पर जोर दिया। उन्होंने सभी सीईओ, एसीईओ से योजनाओं में लक्ष्य अर्जित करने के निर्देश दिये।
शासन सचिव एवं आयुक्त पंचायती राज विभाग श्री ए.टी. पेडनेकर ने बताया कि 14 वें राज्य वित्त आयोग के तहत 3067.78 करोड़ रूपये जिलों में स्थानान्तरित किये गये हैं जिसमें से 2401 करोड़ रूपये खर्च हो चुके हैं इसके तहत 1 लाख 8 हजार 16 स्वीकृत कार्यों में से 86 हजार 528 कार्य पूर्ण हो चुके है।
श्री पेडनेकर ने बताया कि राज्य वित्त आयोग योजना के तहत जिलोें को 2018-19 के दौरान 2851 करोड़ रूपये का आंवटन किया गया है इसके तहत 1 लाख 27 हजार 211 कार्यों में से 94 हजार 433 कार्य पूर्ण हो चुके हैं।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान अतिरिक्त आयुक्त ईजीएस विश्राम मीणा, परियोजना निदेशक एवं उप सचिव हितबल्लभ शर्मा, परियोजना निदेशक ईजीएस राजेन्द्र सिंह केन, परियोजना निदेशक एसएपी श्रीमती विनिता सिंह, राज्य नोडल अधिकारी पीएमवाईजी जयपाल सिंह मेड़तिया, अधीक्षण अभियन्ता के.के.शर्मा सहित अन्य योजनाओं के अधिकारीगण उपस्थित थे।