गुडनाइट सर्वे में खुलासा, पश्चिम भारत के लोग मच्छरों के काटने और भिनभिनाने की आवाज़ से नींद में सबसे ज्यादा खलल महसूस कर रहे हैं

जयपुर, 26 अक्टूबर, 2024: मच्छरों के काटने और उनकी भिनभिनाने की आवाज़ देश में 55% भारतीयों की नींद में खलल डालते हैं। यह जानकारी गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL) के एक प्रमुख घरेलू कीटनाशक ब्रांड गुडनाइट द्वारा हाल ही में किए गए अखिल भारतीय सर्वेक्षण रिपोर्ट ‘एक मच्छर, अनगिनत खतरे’ में सामने आई है। गुडनाइट द्वारा कमीशन किया गया यह सर्वेक्षण मार्केट रिसर्च फर्म YouGov द्वारा किया गया था। रिपोर्ट के ये निष्कर्ष देश भर में लोगों की नींद की गुणवत्ता पर मच्छरों के महत्वपूर्ण प्रभाव को उजागर करते हैं।

आज की भागदौड़ भरी दुनिया में, आरामदायक और सुकून भरी नींद पाना लोगों की प्राथमिकता बन गई है। लोग घर पर आरामदायक नींद का माहौल बनाने के लिए बहुत कुछ करने और इसके लिए भारी-भरकम रकम खर्च करने को भी तैयार हैं। हालांकि, उनके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, मच्छरों का आतंक लगातार उनकी नींद में खलल डालता रहता है और उनके सभी प्रयासों को निरर्थक बना देता है। ये छोटे कीड़े घरों में घुसने में कामयाब हो जाते हैं, अपनी लगातार भिनभिनाहट और दर्दनाक दंश से लोगों की नींद में खलल डालते हैं। स्थिति की गंभीरता को और बढ़ाते हुए, बेमौसम बारिश और अनियमित मौसम पैटर्न से मच्छरों के प्रजनन के लिए एक अनुकूल परिस्थितियां पैदा हो गई हैं, जिससे मच्छर साल भर के लिए खतरा बने रहते हैं।

गुडनाइट रिपोर्ट इस बात को रेखांकित करती है कि मच्छरों के साथ जारी संघर्ष के कारण लोग शांतिपूर्ण नींद के लिए तरस रहे हैं, भले ही वे इसके लिए अनगिनत प्रयास कर रहे हों। इस सर्वे रिपोर्ट को 1011 उत्तरदाताओं के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल थे। 57% भारतीय पुरुष मच्छरों के काटने और भिनभिनाने की आवाज़ के कारण अधिक परेशान हो रहे हैं, तो वहीं 53% महिलाओं ने भी इस बात से सहमति जताई है।

सर्वेक्षण इस मुद्दे की क्षेत्रीय गंभीरता को और भी उजागर करता है, जिसमें पश्चिम भारत (महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़) के लोगों की राय ली गई है। लगभग 61% उत्तरदाताओं ने कहा कि मच्छरों के काटने और भिनभिनाने की आवाज़ के कारण नींद में सबसे अधिक खलल पड़ता है। उत्तर भारत (दिल्ली, पंजाब, उत्तर प्रदेश सहित) के 55% लोगों ने भी नींद में खलल का अनुभव किया है। तीसरे स्थान पर, दक्षिण भारत (तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, केरल और तेलंगाना) के लोग हैं। यहां के 53% लोग भी इसी तरह की परेशानी से जूझ रहे हैं। पूर्वी क्षेत्र (बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम) में 50% उत्तरदाताओं ने माना कि मच्छरों के काटने और भिनभिनाने की आवाज़ से उनकी नींद में खलल पड़ रहा है।

गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) की मार्केटिंग हेड – होम केयर शिल्पा सुरेश कहती हैं, ‘सर्वेक्षण के निष्कर्ष हमारे जीवन पर मच्छरों के महत्वपूर्ण प्रभाव को उजागर करते हैं, खासकर जब बात नींद में खलल डालने की आती है। देश भर में आधी से ज़्यादा आबादी मच्छरों के काटने और भिनभिनाने की आवाज़ को नींद में खलल पड़ने के प्रमुख कारणों में से एक बताती है, जिससे यह समस्या सिर्फ असुविधा तक सीमित नहीं रह जाती। घरेलू कीटनाशकों की श्रेणी में अग्रणी ब्रांड के रूप में, गुडनाइट घरों की सुरक्षा और सेहत के लिए नवाचारी और प्रभावी समाधान प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, हमारा प्रयास है कि लोगों को अधिक जागरूक किया जाए और उन्हें मच्छरों से बचाव के उपाय अपनाने के लिए प्रेरित किया जाए।’

फ्लैश वेपोराइज़र, अगरबत्ती और एडवांस्ड फ़ास्ट कार्ड जैसे मच्छर भगाने वाले समाधानों की अपनी विरासत के साथ, गुडनाइट मच्छर जनित बीमारियों से परिवारों की सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है। अवैध, अनियमित और चीनी मॉलिक्यूल्स के प्रवेश और ऐसी सामग्री वाले रिपेलेंट्स के उपयोग से जुड़े हाल के स्वास्थ्य खतरों के जवाब में, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (जीसीपीएल) के वैज्ञानिकों ने अपने साझेदार के साथ मिलकर ‘रेनोफ्लुथ्रिन’ विकसित किया है – भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित और पेटेंट किया गया मॉलिक्यूल है, जो मच्छरों के नियंत्रण में सबसे प्रभावकारी लिक्विड वेपोराइज़र फॉर्मूलेशन बनाता है।

जीसीपीएल, जो घरेलू कीटनाशकों की श्रेणी में अग्रणी है, ने अपने नए गुडनाइट फ्लैश लिक्विड वेपोराइज़र में रेनोफ्लुथ्रिन फॉर्मूलेशन पेश किया है, जो भारत का सबसे प्रभावकारी लिक्विड वेपोराइज़र है। रेनोफ्लुथ्रिन से बना यह नया गुडनाइट फ्लैश लिक्विड वेपोराइज़र फॉर्मूलेशन भारत में वर्तमान में उपलब्ध लिक्विड वेपोराइज़र प्रारूप में किसी भी अन्य पंजीकृत फॉर्मूलेशन की तुलना में मच्छरों के खिलाफ दोगुना प्रभावी है।

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